वाराणसी : वाणिज्य कर विभाग में शुल्क जमा करने वाले व्यापारियों के ऊपर काफी संख्या में शुल्क बकाया है, जिसे वह जमा कर पाने में असमर्थ हैं. व्यापारियों की समस्या को देखते हुए सरकार द्वारा ब्याज माफी की योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत व्यापारी अपने ब्याज को माफ करा कर के बकाया शुल्क विभाग में जमा कर सकते हैं. यह योजना सितंबर माह तक संचालित की जाएगी. हैरान करने वाली बात यह है कि सरकार द्वारा ब्याज माफी के लिए चलाई जा रही योजना के बावजूद भी व्यापारी न इस ओर अपनी रुचि नहीं रख रहे हैं न ही बकाया शुल्क जमा कर रहे हैं, जिसके कारण सरकार का रेवेन्यू घट रहा है और व्यापारियों के ऊपर काफी संख्या में शुल्क भी बकाया है.
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विभागीय सूत्रों की माने तो व्यापारी इस सोच में रहते हैं कि वह धीरे-धीरे टालते जाएंगे तो आगे चलकर उनका पूरा शुल्क माफ हो जाएगा और उन्हें कोई भी शुल्क नहीं भरना पड़ेगा, जबकि उनका यह भ्रम उनके ऊपर और ज्यादा ब्याज के लोड को बढ़ा रहा है, क्योंकि सरकार के द्वारा वर्तमान वर्ष में ब्याज की दर को सितंबर के बाद समाप्त कर दिया जाएगा और व्यापारियों को पूरे शुल्क को ब्याज जमा करना पड़ेगा. आयुक्त ग्रेड वन राजीव अग्रवाल ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि विभाग के द्वारा मैं सभी व्यापारियों से यह अपील करता हूं कि वह बिना विलंब किए छूट का लाभ उठाएं वर्तमान में यदि वह बकाया शुल्क जमा करते हैं तो उन्हें ब्याज दर में काफी छूट मिल जाएगी अन्यथा बाद में उन्हें पूरा शुल्क जमा करना होगा.