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Varanasi News : यूरिन में ब्लड या रुकावट आए तो हो जाएं सतर्क, इन बातों का रखें ध्यान

वाराणसी जिले स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल यूरोलॉजी विभाग की ओपीडी में यूरोलॉजी कैंसर के मरीज आ रहे हैं.

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Published : Jun 15, 2023, 12:52 PM IST

Updated : Jun 15, 2023, 1:46 PM IST

जानकारी देते विभागाध्यक्ष डॉ. समीर त्रिवेदी

वाराणसी : वर्तमान दौर में तरह-तरह की बीमारियां लोगों पर हावी हो रही हैं. ऐसी एक बीमारी इन दिनों तेजी से लोगों में देखने को मिल रही है. यह बीमारी है यूरोलॉजी कैंसर की. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग की ओपीडी में प्रति सप्ताह लगभग 50 मरीज आ रहे हैं, जिन्हें यूरोलॉजी के कैंसर की शिकायत है. ऐसे में देखा जाए तो ये संख्या काफी अधिक है और इससे हमें सतर्क रहने की भी जरूरत है. इसके लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने पर सबसे बड़ा बचाव होगा.

इन बातों का रखें ध्यान
इन बातों का रखें ध्यान



आजकल किसे किस तरह की बीमारी हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है. वातावरण और रहन-सहन बिगड़ने से तरह-तरह की बीमारियां लोगों को जकड़ रही हैं. ऐसे में ये जरूरी हो जाता है कि हम अपने शरीर में हो रहे बदलाव को लेकर भी सतर्क रहें. ऐसी ही एक बीमारी है यूरोलॉजी कैंसर. इस बीमारी में शरीर के सबसे जरूरी अंग किडनी, यूरिन ब्लैडर सबसे अधिक प्रभावित होते हैं. इसलिए आपको यह जान लेना जरूरी है कि अगर आपके यूरिन में बदलाव या फिर अन्य समस्याएं हो रही हैं तो आपको क्या करना चाहिए.

सर सुंदरलाल अस्पताल
सर सुंदरलाल अस्पताल

ओपीडी में आ रहे हैं 40 से 50 कैंसर के मरीज : यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. समीर त्रिवेदी बताते हैं कि 'वर्तमान दौर में लोगों में यूरोलॉजी विभाग में कैंसर की शिकायत ज्यादा आ रही है. इस बीमारी में किडनी, यूरिनरी ब्लैडर और प्रोस्टेट प्रभावित होता है. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ साल में इन तीनों के कैंसर काफी तेजी से बढ़े हैं. एक हफ्ते में करीब 40 से 50 मरीज हम ऐसे देखते हैं, जिनको यूरोलॉजी से संबंधित कोई कैंसर की बीमारी होती है. इन मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है. ऐसे में हम यह कह सकते हैं कि ये बीमारी लोगों के बीच तेजी से फैल रही है.'

अस्पताल में मरीज
अस्पताल में मरीज

अगर ये लक्षण दिखते हैं तो हो जाएं सावधान : उन्होंने बताया कि 'जिस अंग को कैंसर प्रभावित कर रहा है उससे इसका पता चलता है. यूरोलॉजी का जो पूरा सांइस है वो किडनी, यूरिनरी ब्लैडर और यूरिन से संबंधित है. आम तौर पर मरीज को यूरिन से संबंधित समस्याएं पहले पता चलेंगी. इसमें यूरिन से ब्लड आना भी हो सकता है. कई बार यूरिन जाना पड़ सकता है. यूरिन में रुकावट आ सकती है. एक बार जब कैंसर एडवांस स्टेज में चला जाता है तो जो सामान्य लक्षण हैं उसमें मरीज को भूख कम लगना, उल्टियां होना, कमजोरी लगना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.'

काशी हिंदू विश्वविद्यालय
काशी हिंदू विश्वविद्यालय




क्या होता है यूरोलॉजी कैंसर, क्या होते हैं टेस्ट : उन्होंने बताया कि 'यूरोलॉजी कैंसर की शुरुआत मूत्राशय के अंदर की कोशिकाओं में होती है. चिकित्सकों के अनुसार, ये मामले ज्यादातर पुरुषों में देखे जाते हैं. मगर महिलाओं को भी ये बीमारी होती है. यह बीमारी किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकती है. इसका पता लगाने के लिए यूरिन टेस्ट, इमेजिंग स्कैन, सिस्टोस्कॉपी, इंट्रा नर्वस प्रोग्राम टेस्ट किए जाते हैं. इसके सामान्य लक्षण पेशाब में दर्द, पेशाब से खून आना, पेशाब का रुक जाना, पेल्विक एरिया में दर्द, पीठ में लगातार दर्द बने रहना देखा जा सकता है.'

इन्फेक्शन का खतरा किसे रहता है : उन्होंने बताया कि 'यूरिनरी ब्लैडर इन्फेक्शन का खतरा इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को तो रहता ही है. इसके साथ ही स्मोकिंग करने वाले लोगों को सबसे अधिक खतरा रहता है. इसके साथ ही वे लोग जो कई तरह के केमिकल्स का काम करते हैं या फिर किसी तरह से केमिकल्स के संपर्क में रहते हैं तो उन्हें भी इसका खतरा बना रहता है, वहीं उम्र बढ़ने के साथ भी ये बीमारी आ सकती है. ज्यादातर खतरा पुरुषों को रहता है. इसलिए उन्हें किसी भी हाल में स्मोकिंग और केमिकल्स जैसी चीजों से हमेशा बचना चाहिए.'


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जानकारी देते विभागाध्यक्ष डॉ. समीर त्रिवेदी

वाराणसी : वर्तमान दौर में तरह-तरह की बीमारियां लोगों पर हावी हो रही हैं. ऐसी एक बीमारी इन दिनों तेजी से लोगों में देखने को मिल रही है. यह बीमारी है यूरोलॉजी कैंसर की. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग की ओपीडी में प्रति सप्ताह लगभग 50 मरीज आ रहे हैं, जिन्हें यूरोलॉजी के कैंसर की शिकायत है. ऐसे में देखा जाए तो ये संख्या काफी अधिक है और इससे हमें सतर्क रहने की भी जरूरत है. इसके लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने पर सबसे बड़ा बचाव होगा.

इन बातों का रखें ध्यान
इन बातों का रखें ध्यान



आजकल किसे किस तरह की बीमारी हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है. वातावरण और रहन-सहन बिगड़ने से तरह-तरह की बीमारियां लोगों को जकड़ रही हैं. ऐसे में ये जरूरी हो जाता है कि हम अपने शरीर में हो रहे बदलाव को लेकर भी सतर्क रहें. ऐसी ही एक बीमारी है यूरोलॉजी कैंसर. इस बीमारी में शरीर के सबसे जरूरी अंग किडनी, यूरिन ब्लैडर सबसे अधिक प्रभावित होते हैं. इसलिए आपको यह जान लेना जरूरी है कि अगर आपके यूरिन में बदलाव या फिर अन्य समस्याएं हो रही हैं तो आपको क्या करना चाहिए.

सर सुंदरलाल अस्पताल
सर सुंदरलाल अस्पताल

ओपीडी में आ रहे हैं 40 से 50 कैंसर के मरीज : यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. समीर त्रिवेदी बताते हैं कि 'वर्तमान दौर में लोगों में यूरोलॉजी विभाग में कैंसर की शिकायत ज्यादा आ रही है. इस बीमारी में किडनी, यूरिनरी ब्लैडर और प्रोस्टेट प्रभावित होता है. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ साल में इन तीनों के कैंसर काफी तेजी से बढ़े हैं. एक हफ्ते में करीब 40 से 50 मरीज हम ऐसे देखते हैं, जिनको यूरोलॉजी से संबंधित कोई कैंसर की बीमारी होती है. इन मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है. ऐसे में हम यह कह सकते हैं कि ये बीमारी लोगों के बीच तेजी से फैल रही है.'

अस्पताल में मरीज
अस्पताल में मरीज

अगर ये लक्षण दिखते हैं तो हो जाएं सावधान : उन्होंने बताया कि 'जिस अंग को कैंसर प्रभावित कर रहा है उससे इसका पता चलता है. यूरोलॉजी का जो पूरा सांइस है वो किडनी, यूरिनरी ब्लैडर और यूरिन से संबंधित है. आम तौर पर मरीज को यूरिन से संबंधित समस्याएं पहले पता चलेंगी. इसमें यूरिन से ब्लड आना भी हो सकता है. कई बार यूरिन जाना पड़ सकता है. यूरिन में रुकावट आ सकती है. एक बार जब कैंसर एडवांस स्टेज में चला जाता है तो जो सामान्य लक्षण हैं उसमें मरीज को भूख कम लगना, उल्टियां होना, कमजोरी लगना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.'

काशी हिंदू विश्वविद्यालय
काशी हिंदू विश्वविद्यालय




क्या होता है यूरोलॉजी कैंसर, क्या होते हैं टेस्ट : उन्होंने बताया कि 'यूरोलॉजी कैंसर की शुरुआत मूत्राशय के अंदर की कोशिकाओं में होती है. चिकित्सकों के अनुसार, ये मामले ज्यादातर पुरुषों में देखे जाते हैं. मगर महिलाओं को भी ये बीमारी होती है. यह बीमारी किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकती है. इसका पता लगाने के लिए यूरिन टेस्ट, इमेजिंग स्कैन, सिस्टोस्कॉपी, इंट्रा नर्वस प्रोग्राम टेस्ट किए जाते हैं. इसके सामान्य लक्षण पेशाब में दर्द, पेशाब से खून आना, पेशाब का रुक जाना, पेल्विक एरिया में दर्द, पीठ में लगातार दर्द बने रहना देखा जा सकता है.'

इन्फेक्शन का खतरा किसे रहता है : उन्होंने बताया कि 'यूरिनरी ब्लैडर इन्फेक्शन का खतरा इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को तो रहता ही है. इसके साथ ही स्मोकिंग करने वाले लोगों को सबसे अधिक खतरा रहता है. इसके साथ ही वे लोग जो कई तरह के केमिकल्स का काम करते हैं या फिर किसी तरह से केमिकल्स के संपर्क में रहते हैं तो उन्हें भी इसका खतरा बना रहता है, वहीं उम्र बढ़ने के साथ भी ये बीमारी आ सकती है. ज्यादातर खतरा पुरुषों को रहता है. इसलिए उन्हें किसी भी हाल में स्मोकिंग और केमिकल्स जैसी चीजों से हमेशा बचना चाहिए.'


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Last Updated : Jun 15, 2023, 1:46 PM IST
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