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स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पं. दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय को मिला प्रदेश में प्रथम स्थान

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Published : Dec 30, 2022, 10:42 PM IST

स्वास्थ्य सुविधाओं बेहतरीन होने पर पंडित दीन दयाल संयुक्त चिकित्सालय (Pandit Deendayal Upadhyay Hospital ) को पूरे प्रदेश में पहला स्थान मिला है. प्रदेश में प्रथम स्थान आने पर डीडीयू चिकित्सालय को 50 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी.

प्रथम स्थान
प्रथम स्थान

वाराणसीः जनपद की चिकित्सीय एवं स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार सुधार हो रहा है. स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने का ही नतीजा है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय (Pandit Deendayal Upadhyay Hospital ) को प्रदेश में सर्वश्रेष्ट स्थान प्राप्त हुआ है. इस बात से स्वास्थ्य विभाग में खुशी की लहर आ गयी है. कायाकल्प अवार्ड योजना के वर्ष 2022-23 के लिए डीडीयू चिकित्सालय ने अंतिम चरण में 93.7 फीसदी अंक हासिल कर प्रथम स्थान प्राप्त किया है.

डीडीयू के साथ ही जनपद के 3 अन्य राजकीय चिकित्सालयों एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय कबीरचौरा, जिला महिला चिकित्सालय और लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय रामनगर ने भी कायाकल्प अवार्ड हासिल किया है. इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी (Chief Medical Officer Dr Sandeep Chowdhary) ने सभी चिकित्सक व स्टाफ के कार्यों की सराहना कर बधाई भी दी है. उन्होने कहा कि चिकित्सालयों, पीएचसी, सीएचसी में गुणवत्तापूर्वक सुधार के लिए सभी ने कायाकल्प अवार्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

मंडलीय सलाहकार डॉ आरपी सोलंकी ने बताया कि पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय को कायाकल्प अवार्ड योजना (2022-23) के अंतिम चरण में 93.70 प्रतिशत अंक मिले. इससे पूर्व पहले चरण (इंटरनल असेस्मेंट) में 90 फीसदी अंक व दूसरे चरण (राज्य स्तरीय पीयर असेस्टमेंट) में 92 प्रतिशत अंक मिले. प्रदेश में प्रथम स्थान आने पर डीडीयू चिकित्सालय को 50 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी.

वहीं, डीडीयू चिकित्सालय को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन (National Quality Assurance Certification) के लिए नामित किया गया है. दूसरी ओर जिला महिला चिकित्सालय को अंतिम चरण में 79.72 फीसदी, लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय को 72.53 फीसदी और एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय को 71.71 प्रतिशत अंक मिले हैं. इन तीनों चिकित्सालयों को 3-3 लाख रुपये की धनराशि भी आवंटित की जाएगी. जिससे चिकित्सालय में चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुदृढ़ किया जा सके. इसके साथ ही पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय को सातवीं बार, जिला महिला चिकित्सालय को दूसरी बार, एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय को पांचवीं बार और एलबीएस चिकित्सालय को पहली बार कायाकल्प अवार्ड हासिल हुआ है.

कायाकल्प अवार्ड योजना की प्रक्रिया
किसी भी स्वास्थ्य इकाई को कायाकल्प योजना में पुरस्कृत होने के लिए तीन चरणों से गुजरना होता है. पहले चरण में चिकित्सालय के कर्मचारी और जिला क्वालिटी टीम चिकित्सालयों का मूल्यांकन करती है. जिसमें 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने पर राज्य की ओर से नामित दूसरे जिले की क्वालिटी टीम उसका क्रास वेरीफिकेशन अर्थात पीयर असेस्मेंट करती है. इसमें 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने पर उसका अंतिम मूल्यांकन किया जाता है. जिसमें 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने पर प्राप्त अंकों के आधार पर राज्य स्तर पर रैंकिंग तैयार की जाती है.

सात बिंदुओ पर होता है मूल्यांकन
1. चिकित्सालय का रखरखाव (100 अंक)
2. साफ-सफाई (100 अंक)
3. बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट (100 अंक)
4. संक्रमण नियंत्रण (100 अंक)
5. सहयोगी सेवाएं (50 अंक)
6. साफ-सफाई के प्रति जागरूकता (50 अंक)
7. समुदाय से सम्पर्क (100 अंक)

इन सात बिंदुओ पर प्रतिभाग करने वाली स्वास्थ्य इकाईयों का मूल्यांकन किया जाता है. इसके लिए 600 अंक निर्धारित हैं.

वाराणसीः जनपद की चिकित्सीय एवं स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार सुधार हो रहा है. स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने का ही नतीजा है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय (Pandit Deendayal Upadhyay Hospital ) को प्रदेश में सर्वश्रेष्ट स्थान प्राप्त हुआ है. इस बात से स्वास्थ्य विभाग में खुशी की लहर आ गयी है. कायाकल्प अवार्ड योजना के वर्ष 2022-23 के लिए डीडीयू चिकित्सालय ने अंतिम चरण में 93.7 फीसदी अंक हासिल कर प्रथम स्थान प्राप्त किया है.

डीडीयू के साथ ही जनपद के 3 अन्य राजकीय चिकित्सालयों एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय कबीरचौरा, जिला महिला चिकित्सालय और लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय रामनगर ने भी कायाकल्प अवार्ड हासिल किया है. इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी (Chief Medical Officer Dr Sandeep Chowdhary) ने सभी चिकित्सक व स्टाफ के कार्यों की सराहना कर बधाई भी दी है. उन्होने कहा कि चिकित्सालयों, पीएचसी, सीएचसी में गुणवत्तापूर्वक सुधार के लिए सभी ने कायाकल्प अवार्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

मंडलीय सलाहकार डॉ आरपी सोलंकी ने बताया कि पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय को कायाकल्प अवार्ड योजना (2022-23) के अंतिम चरण में 93.70 प्रतिशत अंक मिले. इससे पूर्व पहले चरण (इंटरनल असेस्मेंट) में 90 फीसदी अंक व दूसरे चरण (राज्य स्तरीय पीयर असेस्टमेंट) में 92 प्रतिशत अंक मिले. प्रदेश में प्रथम स्थान आने पर डीडीयू चिकित्सालय को 50 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी.

वहीं, डीडीयू चिकित्सालय को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन (National Quality Assurance Certification) के लिए नामित किया गया है. दूसरी ओर जिला महिला चिकित्सालय को अंतिम चरण में 79.72 फीसदी, लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय को 72.53 फीसदी और एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय को 71.71 प्रतिशत अंक मिले हैं. इन तीनों चिकित्सालयों को 3-3 लाख रुपये की धनराशि भी आवंटित की जाएगी. जिससे चिकित्सालय में चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुदृढ़ किया जा सके. इसके साथ ही पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय को सातवीं बार, जिला महिला चिकित्सालय को दूसरी बार, एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय को पांचवीं बार और एलबीएस चिकित्सालय को पहली बार कायाकल्प अवार्ड हासिल हुआ है.

कायाकल्प अवार्ड योजना की प्रक्रिया
किसी भी स्वास्थ्य इकाई को कायाकल्प योजना में पुरस्कृत होने के लिए तीन चरणों से गुजरना होता है. पहले चरण में चिकित्सालय के कर्मचारी और जिला क्वालिटी टीम चिकित्सालयों का मूल्यांकन करती है. जिसमें 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने पर राज्य की ओर से नामित दूसरे जिले की क्वालिटी टीम उसका क्रास वेरीफिकेशन अर्थात पीयर असेस्मेंट करती है. इसमें 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने पर उसका अंतिम मूल्यांकन किया जाता है. जिसमें 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने पर प्राप्त अंकों के आधार पर राज्य स्तर पर रैंकिंग तैयार की जाती है.

सात बिंदुओ पर होता है मूल्यांकन
1. चिकित्सालय का रखरखाव (100 अंक)
2. साफ-सफाई (100 अंक)
3. बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट (100 अंक)
4. संक्रमण नियंत्रण (100 अंक)
5. सहयोगी सेवाएं (50 अंक)
6. साफ-सफाई के प्रति जागरूकता (50 अंक)
7. समुदाय से सम्पर्क (100 अंक)

इन सात बिंदुओ पर प्रतिभाग करने वाली स्वास्थ्य इकाईयों का मूल्यांकन किया जाता है. इसके लिए 600 अंक निर्धारित हैं.


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