वाराणसी: बुधवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र हनुमान मंदिर प्रांगण में स्थित अक्षय वट वृक्ष के धराशाई होने के बाद महंत परिवार ने मंदिर प्रशासन पर आरोप लगाया था. इस प्रकरण को लेकर काशी के संतों में भी रोष का माहौल देखा जा रहा है. वहीं प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने जांच के आदेश दे दिए हैं. इस संबंध में सुनील वर्मा ने बताया कि अक्षय वट वृक्ष के धराशाई होने के बाद वह खुद मौके पर निरीक्षण के लिए गए थे.
मौके पर लगायी गयी जांच टीमें
इस सम्बंध में मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि इसकी जांच में वन विभाग और पीडब्ल्यूडी की टीम लगाई गई है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. वहीं अक्षय वट वृक्ष को पुनः प्रत्यारोपित करने की मांग करने पर समिति के सदस्य संदीप पंड्या ने बताया की कृषि वैज्ञानिकों से सलाह ली जा रही है, जिनके द्वारा सकारात्मक उत्तर प्राप्त हो रहे हैं. वही इसकी जानकारी मुख्य कार्यपालक अधिकारी के साथ मंडलायुक्त को दी गई है.
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काशी के संतों ने बताया अशुभ
वहीं काशी के संतों की मानी जाए तो अक्षय वट वृक्ष का गिरना एक अशुभ संकेत दे रहा है. इस प्रकरण में काशी विद्वत परिषद ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. वही मंदिर प्रशासन से यह मांग की है कि उसी स्थान पर दूसरा वट वृक्ष लगाया जाए, ताकि इस अक्षय वट वृक्ष की मान्यता बनी रहे. काशी विद्वत परिषद और काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक की ऑनलाइन बैठक में पुनः पौराणिक अक्षय वट को प्रत्यारोपित करने की मांग की गई. इस संबंध में मंदिर के ट्रस्टी मनीष खत्री ने अक्षय वट को पुनः प्रत्यारोपित करने का सुझाव दिया. ऑनलाइन बैठक में यह निष्कर्ष निकला कि कृषि विज्ञान की सहायता से इसे पुनः स्थापित किया जा सकता है. इसके बाद अधिकारियों के द्वारा अक्षय वट वृक्ष को यथासंभव पुनः प्रत्यारोपित करने का आश्वासन दिया गया है.