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वाराणसीः माता-पिता 9 दिनों से जेल में बंद, मासूम बच्ची का बुरा हाल - एक साल की बच्ची

वाराणसी में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन में महमूरगंज निवासी एक दंपति को गिरफ्तार किया गया है. वे 9 दिन से जेल में बंद हैं. दंपति की एक साल की बच्ची है. माता-पिता से दूर बच्ची का वजन लगातार गिरता जा रहा है. परिजनों ने शासन ने दोनोंं को जल्द रिहा करने की गुहार लगाई है.

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परिजनों ने प्रशासन से लगाई दंपति को रिहा करने की गुहार.
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Published : Dec 27, 2019, 11:51 PM IST

वाराणसी: सीएए हिंसा के खिलाफ कार्रवाई की दर्दनाक तस्वीर सामने आई है. यहां पति और पत्नी को 9 दिन पहले जेल में बंद कर दिया गया. माता- पिता से अलग एक साल की मासूम बच्ची का खानपान और सोना दुश्वार हो गया है. जिला प्रशासन और पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं.

परिजनों ने प्रशासन से लगाई दंपति को रिहा करने की गुहार.

महमूरगंज के शिवाजी नगर निवासी एकता और रवि को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. दोनों को 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ बेनियाबाग में प्रतिवाद मार्च के दौरान गिरफ्तार किया गया था.

रवि और एकता की एक साल की बच्ची है. बच्ची का नाम चंपक है. चंपक की हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है. मां-बाप अभी जेल में हैं और देखभाल करने वाली केवल दादी है. वहीं दादी का कहना है कि चंपक जब भी नींद से जागती है तो मां को खोजने लगती है.

दरअसल, नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ पूरे देश में आंदोलनों का दौर जारी था, इसी दौरान वाराणसी के बेनियाबाग में भी प्रतिवाद मार्च कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. ये बेहद ही शांतिपूर्वक किया जाना था, इसी बीच कार्यक्रम को देखते हुए प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए लगभग 73 लोगों की गिरफ्तारी की थी और उन्हें जेल भेज दिया था.

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अपने परिजनों के साथ बच्ची .

इन 73 लोगों में रवि और एकता भी थे. उनकी 1 साल की बच्ची चंपक घर में अपनी दादी के पास है. चंपक की स्थिति अब यह है कि न ठीक से सो पा रही है और न ठीक से दूध पी रही है, जिसकी वजह से पूरा परिवार बेहाल है. परिजनों की शासन-प्रशासन से यह गुहार है कि जल्द से जल्द मां-बाप को छोड़ा जाए ताकि इस नन्हीं सी जान को बचाया जा सके.

ये भी पढ़ें: वाराणसी: देशी और विदेशी फूलों से गुलजार हुई महामना की बगिया, लोगों ने ली जमकर सेल्फी

वहीं जेल में रवि को बैरक नंबर 6 और एकता को महिला बैरक में रखा गया है. दोनों ने बेटी से मिलने की भी गुहार प्रशासन से लगाई थी, लेकिन प्रशासन ने इसे खारिज कर दिया था. निचली अदालत ने जमानत को खारिज कर दिया है और 24 दिसंबर को स्पेशल कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 1 जनवरी तक टाल दिया है.

वाराणसी: सीएए हिंसा के खिलाफ कार्रवाई की दर्दनाक तस्वीर सामने आई है. यहां पति और पत्नी को 9 दिन पहले जेल में बंद कर दिया गया. माता- पिता से अलग एक साल की मासूम बच्ची का खानपान और सोना दुश्वार हो गया है. जिला प्रशासन और पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं.

परिजनों ने प्रशासन से लगाई दंपति को रिहा करने की गुहार.

महमूरगंज के शिवाजी नगर निवासी एकता और रवि को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. दोनों को 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ बेनियाबाग में प्रतिवाद मार्च के दौरान गिरफ्तार किया गया था.

रवि और एकता की एक साल की बच्ची है. बच्ची का नाम चंपक है. चंपक की हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है. मां-बाप अभी जेल में हैं और देखभाल करने वाली केवल दादी है. वहीं दादी का कहना है कि चंपक जब भी नींद से जागती है तो मां को खोजने लगती है.

दरअसल, नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ पूरे देश में आंदोलनों का दौर जारी था, इसी दौरान वाराणसी के बेनियाबाग में भी प्रतिवाद मार्च कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. ये बेहद ही शांतिपूर्वक किया जाना था, इसी बीच कार्यक्रम को देखते हुए प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए लगभग 73 लोगों की गिरफ्तारी की थी और उन्हें जेल भेज दिया था.

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अपने परिजनों के साथ बच्ची .

इन 73 लोगों में रवि और एकता भी थे. उनकी 1 साल की बच्ची चंपक घर में अपनी दादी के पास है. चंपक की स्थिति अब यह है कि न ठीक से सो पा रही है और न ठीक से दूध पी रही है, जिसकी वजह से पूरा परिवार बेहाल है. परिजनों की शासन-प्रशासन से यह गुहार है कि जल्द से जल्द मां-बाप को छोड़ा जाए ताकि इस नन्हीं सी जान को बचाया जा सके.

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वहीं जेल में रवि को बैरक नंबर 6 और एकता को महिला बैरक में रखा गया है. दोनों ने बेटी से मिलने की भी गुहार प्रशासन से लगाई थी, लेकिन प्रशासन ने इसे खारिज कर दिया था. निचली अदालत ने जमानत को खारिज कर दिया है और 24 दिसंबर को स्पेशल कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 1 जनवरी तक टाल दिया है.

Intro:एंकर: वाराणसी के महमूरगंज के शिवाजी नगर निवासी एकता और रवि जो 19 दिसंबर को वाराणसी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बेनियाबाग में प्रतिवाद मार्च के दौरान गिरफ्तार कर लिए गए थे जिनकी 1 साल की बच्ची जिसका नाम चंपक है उसकी हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है मां-बाप अभी जेल में है और देखने वाली केवल दादी हैं वहीं दादी का कहना है कि चंपक जब भी नींद से जागती है तो मां को खोजती है।


Body:वीओ: दरअसल नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूरे देश में जिस तरीके से आंदोलनों का दौर जारी था इसी दौरान वाराणसी के बेनियाबाग में भी प्रतिवाद मार्च कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जो बेहद ही शांति पूर्वक कार्यक्रम किया जाना था इसी बीच कार्यक्रम को देखते हुए प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए लगभग 73 लोगों की गिरफ्तारी की थी और उन्हें जेल भी भेज दिया गया था इन 73 लोगों में रवि और एकता भी थे जो जेल चले गए थे जिनकी 1 साल की बच्ची चंपक घर में अपनी दादी के पास थी चंपक की स्थिति अब यह है कि मैं ठीक से सो पा रही है और ना ठीक से दूध पी पा रही है जिसकी वजह से पूरा परिवार बेहाल है और शासन-प्रशासन से यह गुहार लगाया जा रहा है कि जल्द से जल्द मां-बाप को छोड़ा जाए ताकि इस नन्ही सी जान को बचाया जा सके।


Conclusion:वीओ: वही जेल में रवि को बैरक नंबर 6 में और एकता को महिला बैरक में रखा गया है जहां इन दोनों ने मिलने की भी बात प्रशासन से की थी मगर मिलने की गुजारिश को प्रशासन ने खारिज कर दिया था कोर्ट में जब जमानत की बात की गई तो निचली अदालत ने जमानत को खारिज कर दिया और 24 दिसंबर को स्पेशल कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 1 जनवरी तक टाल दी है अब यह तय है कि 1 जनवरी तक दोनों जेल में ही रहेंगे मगर जिस तरह से 1 साल की चंपक की वजन में गिरावट आती जा रही है वह भी चिंता का सबब परिवार के लिए बना हुआ है

बाइट: शीला तिवारी चंपक की दादी

अमित दत्ता वाराणसी
8299457899
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