वाराणसी: सीएए हिंसा के खिलाफ कार्रवाई की दर्दनाक तस्वीर सामने आई है. यहां पति और पत्नी को 9 दिन पहले जेल में बंद कर दिया गया. माता- पिता से अलग एक साल की मासूम बच्ची का खानपान और सोना दुश्वार हो गया है. जिला प्रशासन और पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं.
महमूरगंज के शिवाजी नगर निवासी एकता और रवि को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. दोनों को 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ बेनियाबाग में प्रतिवाद मार्च के दौरान गिरफ्तार किया गया था.
रवि और एकता की एक साल की बच्ची है. बच्ची का नाम चंपक है. चंपक की हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है. मां-बाप अभी जेल में हैं और देखभाल करने वाली केवल दादी है. वहीं दादी का कहना है कि चंपक जब भी नींद से जागती है तो मां को खोजने लगती है.
दरअसल, नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ पूरे देश में आंदोलनों का दौर जारी था, इसी दौरान वाराणसी के बेनियाबाग में भी प्रतिवाद मार्च कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. ये बेहद ही शांतिपूर्वक किया जाना था, इसी बीच कार्यक्रम को देखते हुए प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए लगभग 73 लोगों की गिरफ्तारी की थी और उन्हें जेल भेज दिया था.
इन 73 लोगों में रवि और एकता भी थे. उनकी 1 साल की बच्ची चंपक घर में अपनी दादी के पास है. चंपक की स्थिति अब यह है कि न ठीक से सो पा रही है और न ठीक से दूध पी रही है, जिसकी वजह से पूरा परिवार बेहाल है. परिजनों की शासन-प्रशासन से यह गुहार है कि जल्द से जल्द मां-बाप को छोड़ा जाए ताकि इस नन्हीं सी जान को बचाया जा सके.
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वहीं जेल में रवि को बैरक नंबर 6 और एकता को महिला बैरक में रखा गया है. दोनों ने बेटी से मिलने की भी गुहार प्रशासन से लगाई थी, लेकिन प्रशासन ने इसे खारिज कर दिया था. निचली अदालत ने जमानत को खारिज कर दिया है और 24 दिसंबर को स्पेशल कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 1 जनवरी तक टाल दिया है.