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वाराणसी: काशी के संत साहित्य पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन - उत्तर प्रदेश समाचार

उत्तर प्रदेश के वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें देश के कई स्थानों से आए विद्वानों ने अपनी बात रखी.

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एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन.
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Published : Jan 28, 2020, 2:11 PM IST

वाराणसी: सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कला संकाय में 'काशी का संत साहित्य समीक्षा' और प्रो. वासुदेव सिंह विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर पीएन सिंह भी मौजूद रहे.

एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन.

बीएचयू की संगोष्ठी में कई विद्वानों ने रखी बात

  • काशी का संत साहित्य समीक्षा और प्रो. वासुदेव सिंह विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया.
  • इसमें देश के कई स्थानों से आए विद्वानों ने अपनी बात रखी.
  • प्रो. हिमांशु शेखर सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य काशी के संतों के ऊपर उनके साहित्य की समीक्षा करना है.
  • उन्होंने बताया कि आज की युवा पीढ़ी पूरे संत साहित्य से अच्छी प्रकार से परिचित हों और उसके सामाजिक महत्व को समझ सके.

वाराणसी: सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कला संकाय में 'काशी का संत साहित्य समीक्षा' और प्रो. वासुदेव सिंह विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर पीएन सिंह भी मौजूद रहे.

एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन.

बीएचयू की संगोष्ठी में कई विद्वानों ने रखी बात

  • काशी का संत साहित्य समीक्षा और प्रो. वासुदेव सिंह विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया.
  • इसमें देश के कई स्थानों से आए विद्वानों ने अपनी बात रखी.
  • प्रो. हिमांशु शेखर सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य काशी के संतों के ऊपर उनके साहित्य की समीक्षा करना है.
  • उन्होंने बताया कि आज की युवा पीढ़ी पूरे संत साहित्य से अच्छी प्रकार से परिचित हों और उसके सामाजिक महत्व को समझ सके.
Intro:वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कला संकाय में" काशी का संत साहित्य समीक्षा व प्रो वासुदेव सिंह" विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर पीएन सिंह रहे।


Body:काशी की हर गली विद्वान से समृद्ध भारत में देवता नहीं देवत्व की पूजा होती है। काशी संतों का शहर है। काशी में ऐसा कोई भी संत नहीं हुआ जो देश में कहीं भी जन्म लिया हो। लेकिन वह काशी जरूर आया।भगवान गौतम बुद्ध से लेकर तुलसीदास ने भ्रमण और काशी में प्रवास किया। काशी के घाटों पर ही स्वामी तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना कर दी।ऐसे में बीएचयू के छात्र छात्राओं को यह बताना बहुत ही आवश्यक रहा कि काशी किस संत परंपरा कितनी महत्वपूर्ण है
इसके लिए संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें देश के कई स्थानों से आए विद्वानों ने अपनी बात रखी।


Conclusion:प्रो हिमांशु शेखर सिंह ने बताया काशी की संत परंपरा एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य है। काशी के संतो के ऊपर उनके साहित्य की समीक्षात्मक। जिन काशी के विद्वानों ने कार्य किया है। आज उनके मूल्यांकन की आवश्यकता है। जो नई पीढ़ी है वह काशी के संत परंपरा से अपरिचित हैं। यह उसकी गंभीरता को परिचित नहीं है। इस पूरे आयोजन का उद्देश्य ही यही है आज की युवा पीढ़ी आज का जो शोधार्थी है जो आज एम ए का विद्यार्थी है। वह पूरे संत साहित्य से अच्छी प्रकार से परिचित हो। उसके मर्म को समझ सके उसके गंभीरता को समझ सके उसके सामाजिक महत्व को समझ सके।

बाइट:--- प्रो हिमांशु शेखर सिंह, सचिव, प्रो वासुदेव सिंह स्मृति न्यास

आशुतोष उपाध्याय

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