वाराणसी: महाशिवरात्रि का पर्व 23 फरवरी को पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जाएगा. इस मौके पर देवाधिदेव महादेव श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. यहां बड़ी संख्या में देश के कोने-कोने से लोग बाबा का दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेने के साथ ही जल और दूध अर्पित कर पुण्य के भागी बनने के लिए पहुंचते हैं. वहीं इस बार महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ के गर्भ गृह में न ही लोगों को प्रवेश दिया जाएगा और न ही भक्त दूध और जल बाबा विश्वनाथ को चढ़ा सकेंगे.
इस बारे में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि पहले भी कई बार हम लोग भीड़भाड़ वाले मौके पर बाबा विश्वनाथ का स्पर्श दर्शन बंद कर झांकी दर्शन कराने का कार्य कर चुके हैं. इसकी सफलता को देखते हुए हम लोगों ने चौथी बार इस महाशिवरात्रि पर भी इसे लागू करने की योजना बनाई है. इसके तहत लोगों को मंदिर में जब प्रवेश दिया जाएगा, उसके बाद मंदिर गर्भगृह के चारों दरवाजों के बाहर से ही लोगों को दर्शन कराए जाएंगे.
भीड़ से निपटने के लिए प्रशासन ने लिया फैसला
कमिश्नर दीपक अग्रवाल की मानें तो दर्शन करने आए भक्तों को अंदर गर्भ गृह में जाने की अनुमति नहीं होगी. मंदिर के बाहर से झांकी दर्शन कर भक्त आगे बढ़ेंगे और जिन्हें दूध और जल अर्पित करना होगा, वह भी गर्भ गृह से होते हुए बाहर तक आए पीतल के एक पात्र में जल और दूध डालेंगे जो बाबा विश्वनाथ तक जाएगा. फिलहाल मंदिर प्रशासन का यह तरीका भले ही भीड़ को कम करने और लोगों को जल्दी दर्शन कराने की दिशा में बड़ा कदम हो, लेकिन घंटों लाइन में लगकर बाबा का दर्शन और दूध चढ़ाने का इंतजार करने वाले लोग इससे जरूर निराश होंगे.
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