वाराणसी : सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने CM योगी को साधु महात्मा बताते हुए तीखी टिप्पणी की. कहा कि योगी आदित्यनाथ पहले साधु-महात्मा हैं, उसके बाद सीएम हैं. अखिलेश शुद्ध रूप से नेता हैं, वो साधु बाबा नहीं हैं. दोनों में अगर तुलना करेंगे तो नेता तो अखिलेश यादव ही हैं.
वे वाराणसी के सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत कर रहे थे. ओमप्रकाश राजभर ने दावा किया है सपा प्रमुख अखिलेश यादव छोटे दलों को बुलाकर उनसे बात करें तो भाजपा पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक सीट के लिए भी तरस जाएगी. बोले कि यह सच है कि भाजपा को सिर्फ सपा ही रोक सकती है.
वहीं, उन्होंने 2022 में मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे पसंदीदा चेहरा अखिलेश यादव का ही बताया. कहा कि वह आज भी कह रहे हैं कि पिछड़े समाज का सीएम बनाने की तैयारी है. कहा, 'हम शुरू से कह रहे हैं कि केशव प्रसाद मौर्य के साथ धोखा हुआ.
भाजपा ने केशव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाकर योगी को मुख्यमंत्री बना दिया'. उन्होंने सपा से गठबंधन को लेकर कहा, 'देखिए जिस तरह से सपा छोटे दलों के साथ गठबंधन की बात कर रही है उसे देखते हुए बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए हम अखिलेश के साथ भी जा सकते हैं'.
यह भी पढ़ें : विधानसभा चुनाव 2022 : भाजपा की रणनीति के फिर 'खेवनहार' बनेंगे पन्ना प्रमुख
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि आने वाले 27 अक्टूबर को तय होगा कि हमारा मोर्चा किसके साथ जाएगा. उस दिन हमारी पार्टी का स्थापना दिवस है. उसी दिन आरपार की बात की जाएगी. कहा कि उसी दिन भारतीय जनता पार्टी के बिदाई की तारीख तय कर दूंगा.
कहा कि भारतीय जनता पार्टी के पास क्या है सिर्फ़ मुसलमान-हिन्दू, भारत-पाकिस्तान, मंदिर-मस्जिद. अगर इसे छोड़ दें तो बीजेपी के पास बोलने के लिए कुछ नही है. आप किसी बीजेपी के मंत्री, विधायक या सांसद से पूछ लीजिए कि महंगाई पर आपका क्या कहना है तो आप जानते है क्या कहेंगे.
कहेंगे कि ये नेहरू की देन है, कांग्रेस की देन है. कहा कि इस समय डबल इंजन की सरकार है तो डबल महंगाई हो गई. आज तक सिंगल सरकार थी तो भी इतनी महंगाई नहीं थी. वहीं, उन्होंने विकास को लेकर कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा और कांग्रेस ने कार्य किया है. बीजेपी बता दे अपना कोई कार्य.