वाराणसी : सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय (Kashi Hindu University) में जल्द ही अब समुद्र विज्ञान की पढ़ाई शुरू होने वाली है. विश्वविद्यालय इसकी पूरी तैयारी कर चुका है. बीएचयू के छात्र अब समुंद्र पर भी रिसर्च करेंगे. समुद्र विज्ञान की पढ़ाई विश्वविद्यालय के भू-भौतिकी विभाग में होगी. विश्वविद्यालय ने इस नए कोर्स का नाम एमएससी इन ओशियनोग्राफी (MSc in Oceanography) दिया है. आने वाले नए सत्र में छात्रों का इसमें एडमिशन लिया जाएगा. वहीं कोर्स को लेकर छात्र भी काफी उत्साहित हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए प्रोफेसर डॉ राजीव भाटला ने बताया- इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस (institute of eminence) के तहत हम लोगों से नए कोर्स के लिए मांगा गया था. कहा गया था- जो भी डिपार्टमेंट इच्छुक हैं वह नए कोर्स के लिए प्रपोजल भेज सकते हैं. उन्होंने बताया, एमएससी इन ओशियनोग्राफी 2 साल का कोर्स हो गया. इसमें हमारे साथ पांच डिपार्टमेंट और दो इंस्टीट्यूट जुड़े हुए हैं. जिसमें जिओलॉजी, बॉटनी जूलॉजी, केमिस्ट्री, मैथ के अलावा आईएमएस बीएचयू और इंस्टीट्यूट ऑफ एनवायरमेंटल साइंस के बच्चों को मिलाकर हम लोग पढ़ाएंगे.
इतने सीट पर होगा एडमिशन
प्रोफेसर ने बताया कि पूरे कोर्स का पाठ्यक्रम तैयार करके विद्वत परिषद को भेज दिया गया है, जिसके बाद नए सत्र में इसकी पढ़ाई शुरू होगी. नए पाठ्यक्रम में अब तक 20 सीट निर्धारित हुई है. यह सब सेल्फ फाइनेंस है. जो भी अभ्यर्थी इसमें आवेदन करना चाहता है वह कर सकता है. बीएससी का कोर्स (बीएससी इन साइंस) कंप्लीट कर चुके छात्र आवेदन कर सकते हैं.
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प्रोफेसर ने बताया कि समुद्र में ट्रेनिंग एनआईओ गोवा और एक एनसीपीआर गोवा में हम लोग कराएंगे. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ क्वेश्चन टेक्नोलॉजी (National Institute of Question Technology) में भी बात हो चुकी है. पाठ्यक्रम में ऑनबोर्ड ट्रेनिंग का भी प्रोग्राम है. उसके लिए छात्र फील्ड में भी जाकर ट्रेनिंग करेंगे. इससे उन्हें बहुत कुछ जानने और सीखने को मिलेगा. बीएचयू प्रोफेसर ने बताया- कोर्स कंप्लीट करने के बाद छात्र साइंटिस्ट बन सकते हैं, या फिर बनने की पढ़ाई कर सकते हैं. समुद्र पर रिसर्च कर सकते हैं. मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस ऐसे लोगों को काम देती है. इस फिल्ड में बहुत ही अपॉर्च्युनिटी है.