वाराणसी: उत्तर प्रदेश के जीआई और ओडीओपी अब उत्पाद नए कलेवर के रूप में नजर आएंगे. यह नया कलेवर न सिर्फ इन उत्पादों की खूबसूरती को और निखारेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में शिल्पियों की मेहनत को एक अलग पहचान भी देगा. जी हां अब तक शिल्पी अपनी मेहनत से इन कलाकृतियों को तैयार तो कर देता था. लेकिन, अच्छी पैकेजिंग न होने के कारण कहीं न कहीं इन उत्पादों की न सिर्फ चमक थोड़ी फीकी रह जाती थी. बल्कि इसकी खूबसूरती भी निखर के नहीं आ पा रही थी. लेकिन अब प्रदेश सरकार इन कलाकारों को एक पैकेजिंग का नया तोहफा देने जा रही है. जी हां इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग के बीच एक करार हुआ है. इस करार के तहत पहले चरण में कुछ उत्पादों को आधुनिक और खूबसूरत पैकेजिंग दी जाएगी. जिसमे काशी की प्राचीन गुलाबी मीनाकारी भी शामिल है.
क्लस्टर के माध्यम से उत्पादों का होगा निर्यात
काशी की पारम्परिक और प्राचीन हुनर गुलाबी मीनाकारी को अब सुरक्षित पैकिजिंग मिलने जा रहा है. भारतीय पैकेजिंग संस्थान ने रिसर्च करके पैकेजिंग की नई तकनीक को विकसित किया है, जिससे जीआई और ओडीओपी के उत्पादों को अब आकर्षक और सुरक्षित पैकिंग मिलेगी. उपायुक्त उद्योग मोहन शर्मा ने बताया कि करीब 5 माह पहले इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पैकजिंग के अधिकारी वाराणसी आये थे. इस दौरान वे खास करके वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी के उत्पाद का नमूना साथ ले गए थे, जिससे उत्पाद के अनुसार बेहतर पैकेजिंग उपलब्ध कराई जा सके. सरकार का लक्ष्य है कि जल्दी ही क्लस्टर के माध्यम से उत्पादों का निर्यात किया जाए.
अच्छी पैकिंग के बगैर मात खा रहा था हुनर
सीनियर कंसल्टेंट ओडीओपी दौलत राम ने बताया कि हस्तशिल्पियों का हुनर अच्छी पैकिंग के बगैर मात खा रहा था. अब आईआईपी ने हैंडीक्राफ्ट के उत्पादों को सुरक्षित रखने के लिए सुन्दर पैकिंग की डिजाइन तैयार कर दी है, जो संस्थान के रजिस्टर वेंडरों द्वारा बनकर जल्दी ही बाजार में उपलब्ध होगा. इस पैकजिंग की खास बात ये है कि अभी तक इस्तेमाल हो रहे पैकजिंग से ये करीब 3 गुना सस्ता और अच्छा होगा.
योगी सरकार और आईआईपी के साथ समझौता
उत्तर प्रदेश के उद्योग विभाग के ओडीओपी सेल ने भारतीय पैकेजिंग संस्थान के साथ ओडीओपी योजना के तहत समझौता किया है. शुरुआत में बनारस-गुलाबी मीनाकारी, बांदा-स्टोन वर्क, मुरादाबाद-पीतल कार्य, फिरोजाबाद-ग्लास वर्क जैसे 5 विभिन्न जिलों से 5 उत्पादों को पैकेजिंग डिजाइन के लिए चुना गया है.
अबतक ज्वेलरी के डिब्बे में भेजते थे गुलाबी मीनाकारी
नेशनल अवार्डी कुञ्ज बिहारी, बलराम और रमेश विश्वकर्मा ने बताया कि अभी तक हम लोग ज्वेलरी के बॉक्स में गुलाबी मीनाकारी के महंगे उत्पादों को बाहर भेजते रहे हैं. अच्छी पैकिजिंग नहीं होने से उत्पादों को बिचौलियों के पास भेजना पड़ता था. अब हमारे उत्पादों को सुरक्षित और देखने में आकर्षक पैकिजिंग मिलने से शिल्पी अपना हुनर सीधे राष्ट्रीय और अंतरर्राष्ट्रीय बाजार में में बेच सकेंगे और पूरा मुनाफा आर्टिजंस को मिलेगा.
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