वाराणसीः कोरोना महामारी के कारण देश का पर्यटन व्यापार पूरी तरीके से चरमरा गया है, जिसको पटरी पर लाने के लिए तमाम तरीके के प्रयास किये जा रहे हैं. इसी क्रम में वाराणसी पर्यटन व जम्मू कश्मीर पर्यटन को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. ताकि इन दो तीर्थ स्थानों को जोड़कर पर्यटन व रोजगार को बढ़ावा दिया जा सके. इस संबंध में मंत्रालय को ओर से किए जा रहे प्रयासों को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने जम्मू-कश्मीर पर्यटन मंत्रालय के उप निदेशक से बातचीत कीं.
कोरोना के कारण थम गया था पर्यटन का पहिया
जम्मू कश्मीर पर्यटन मंत्रालय के उप निदेशक अनिल कुमार चंदेल ने बताया कि जम्मू कश्मीर पर्यटन मंत्रालय एवं भारत पर्यटन वाराणसी के सहयोग से जम्मू कश्मीर एवं वाराणसी के पर्यटन उद्योग के परस्पर उत्थान के लिए जम्मू कश्मीर पर्यटन का वाराणसी में रोड शो का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें जम्मू कश्मीर पर्यटन के नए कलेवर तथा वाराणसी के पर्यटन के बारे में लोग जान सकें. उन्होंने बताया कि इन योजनाओं का निर्माण इसलिये किया गया था ताकि पर्यटन का पहिया आगे खिसकता रहे. तभी पूरी दुनिया का पर्यटन कोरोना महामारी का शिकार हो गया. अब जैसा कि युद्ध स्तर पर टीकाकरण अभियान शुरू हो चुका है और कोरोना अंत के कगार पर खड़ा है तो जम्मू कश्मीर पर्यटन ने एक बार फिर से कमर कस ली है.
प्राचीन स्थानों को करेंगे एक्सप्लोर
अनिल कुमार चंदेल ने बताया कि जम्मू कश्मीर के पर्यटन स्थलों विशेष रूप से श्री वैष्णो देवी तीर्थस्थल, रियासी में शिव खोरी पवित्र स्थल, राजौरी में शारदा शौर्य तीर्थस्थल, बावली वाली माता, जसरोटा माता और जम्मू के आसपास धार्मिक महत्व के अन्य स्थानों को हम अत्यधिक एक्सप्लोर करने की योजना बना रहे हैं.
बनारस से शुरू होगी एयरलाइन सुविधा
अनिल चंदेल ने बताया कि जून-जुलाई माह से वाराणसी से सीधे विमान सेवा जम्मू के लिए शुरू की जाएगी. इससे मार्ग व परिवहन को लेकर होने वाली समस्याओं से पर्यटकों को लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जम्मू कश्मीर पर्यटन की ओर से जम्मू कश्मीर में अलग-अलग स्थानों पर यात्रा करने के लिए मुफ्त सेवा देंगे. पर्यटक को सिर्फ वापस आने का खर्च वहन करना होगा.
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