वाराणसीः जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने शुक्रवार को निजी चिकित्सालयों के प्रबंधकों और चिकित्सकों के संग समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए सहयोग के साथ ही हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम पोर्टल पर जिले की हेल्थ रैंकिंग में सुधार लाना होगा. इसके लिए निजी चिकित्सालयों को भी जिम्मेदारी निभानी होगी. सभी रिपोर्ट समय से पोर्टल पर अपडेट करने होगी. इससे न सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता आएगी, बल्कि समुदाय को भी लाभ मिलेगा. यदि कोई अभी निजी अस्पताल इस बात का पालन नहीं करते तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी.
सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बैठक में समस्त निजी चिकित्सालयों को निर्देशित किया कि वह हर माह की 25 तारीख तक एचएमआईएस पोर्टल पर तय रिपोर्टिंग फारमेट पर फीडिंग करें. इससे जिले की हेल्थ रैंकिंग सुधारने में मदद मिलेगी. यदि रिपोर्टिंग में किसी ने लापरवाही की तो वो कार्रवाई के लिए भी तैयार रहे.
निजी अस्पताल स्वास्थ्य विभाग की रैंकिंग कर रहे खराबः इस दौरान बैठक में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एचसी मौर्य ने बताया कि वर्तमान में एचएमआईएस पोर्टल पर 32 निजी चिकित्सालय जुड़े हैं. इसमें से महज 15 चिकित्सालय ही समय से रिपोर्टिंग कर रहे हैं. बाकि रिपोर्टिंग नहीं कर रहे है, जिसके कारण उन्हें नोटिस दिया जाएगा.
निजी चिकित्सालय पोर्टल पर समय से करें रिपोर्टिंगः उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि निजी चिकित्सालयों को प्रसव पूर्व जांच, नियमित टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, परिवार कल्याण के निर्धारित बिंदुओं की पोर्टल पर फीडिंग और समय पर रिपोर्टिंग करना आवश्यक है. सभी निजी चिकित्सालयों के संचालकों व प्रबन्धकों की ये जिम्मेदारी है कि वो डाटा समय से फीड कराएं. जब तक समय से रिपोर्टिंग नहीं होगी. तब तक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रगति की जानकारी नहीं मिल पाएगी. अधिक से अधिक निजी चिकित्सालयों का पोर्टल पर पंजीकरण कराया जाए. इससे उनकी भी रिपोर्ट मिल सके.
स्वास्थ्य योजनाओ में भी सहभागिता करें निजी चिकित्सालयः एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबन्धक संतोष सिंह ने बताया कि एचएमआईएस पोर्टल की रिपोर्टिंग निर्धारित समय पर पोर्टल पर करने से समय से डाटा शासन को उपलब्ध कराया जा सकेगा. स्वास्थ्य योजनाओं के दिवसवार कार्यक्रम में निजी चिकित्सालयों का भी सहयोग लिया जाएगा, इसके साथ ही परिवार कल्याण के अंतर्गत हौसला साझेदारी कार्यक्रम पुनः सक्रिय हो गया है, इसमें सभी निजी चिकित्सालयों से सहयोग की अपेक्षा की गई है.
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