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नीति आयोग के आदर्श ब्लॉक सेवापुरी में चलेगा ‘सक्रिय क्षय रोग खोजी अभियान’

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के आदर्श ब्लॉक सेवापुरी को टीबी से मुक्ति दिलाने के लिए 7 से 17 सितंबर तक ‘सक्रिय क्षय रोग खोजी अभियान’ चलाया जाएगा. जिसके तहत घर-घर जाकर संभावित मरीजों की तलाश की जाएगी और जांच में टीबी रोग की पुष्टि होने के बाद मरीजों का मुफ्त इलाज किया जाएगा.

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अधिकारियों के साथ बैठक करते संयुक्त सचिव विकास शील और डीएम कौशल राज
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Published : Sep 6, 2020, 7:45 PM IST

वाराणसी: राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत नीति आयोग के आदर्श ब्लॉक सेवापुरी को क्षय रोग से मुक्ति दिलाने के लिए 7 से 17 सितंबर तक ‘सक्रिय क्षय रोग खोजी अभियान’ चलाया जाएगा. जिसे लेकर संयुक्त सचिव विकास शील और जिला अधिकारी ने विशेष संतृप्तिकरण अभियान के रूप में चुने गए सेवापुरी विकास खण्ड का दौरा किया. जिसके बाद कार्यों की समीक्षा के लिए जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की मौजूदगी में अधिकारियों की एक बैठक हुई. इस बैठक में विशेष रूप से ‘राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम’ पर विशेष जोर दिया गया. जिसके मद्देनजर नीति आयोग द्वारा संतृप्त सेवापुरी विकास खंड में क्षय रोगियों को विशेष सक्रिय रोगी खोज अभियान के माध्यम से खोजने का फैसला लिया गया.

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संयुक्त सचिव विकास शील और डीएम कौशल राज
इस मौके पर संयुक्त सचिव विकास शील ने कहा कि टीबी के मरीजों की समय से पहचान और इलाज पर विशेष ध्यान दिया जाए. स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को इस कार्य में लगाकर सम्बंधित मरीजों का नियमित इलाज किया जाए और इसका डाटा भी स्वास्थ्य विभाग के सम्बंधित पोर्टल पर अपलोड किया जाए. इसके अतिरिक्त बैठक में संयुक्त सचिव विकास शील ने सेवापुरी विकास खण्ड में स्वास्थ्य एवं पोषण से जुड़ी गतिविधियों को बेहतर तरीके से किए जाने का निर्देश दिया.स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर खोजेंगी टीबी के मरीजवहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह ने बताया कि सेवापुरी ब्लॉक में आगामी 7 से 17 सितंबर की अवधि में चलने वाले 'सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान' के लिए कुल 106 टीमें गठित की गईं हैं. अभियान के पर्यवेक्षण के लिए 21 सुपरवाइजर और जनपद स्तर से मॉनिटरिंग के लिए 5 पर्यवेक्षणीय अधिकारी तैनात किए गए हैं. टीबी मरीजों की खोज के लिए टीमें गांव का दौरा करेंगी और घर-घर संपर्क करेंगी. इस दौरान जिन लोगों में टीबी के प्रारम्भिक लक्षण पाए जाएंगे उनकी जांच कराई जाएगी. साथ ही टीबी रोग की पुष्टि होने पर मरीज का निःशुल्क इलाज कराया जाएगा. इलाज के दौरान टीबी रोगी के पोषण के लिए 500 रुपये हर महीने दिए जाएगा.टीबी रोगियों का होगा मुफ्त इलाजजिला क्षय रोग अधिकारी डॉ राकेश कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2025 तक जनपद से टीबी रोग को समाप्त करने के लिए जनपद में 16 टीबी यूनिट, 83 माइक्रोस्कोपी सेंटर, सभी सामुदायिक, प्राथमिक, चयनित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा 685 डॉट सेंटर कार्यरत हैं. जनपद में दो नोडल डीआरटीबी सेंटर हैं, 14 बेड का सेंटर पहला सर सुंदर लाल चिकित्सालय बीएचयू में और दूसरा 20 बेड का सेंटर लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय रामनगर में हैं. एमडीआर मरीजों की त्वरित पहचान के लिए जनपद में तीन सीबी-नाट मशीनें आईएमएस बीएचयू, एसएसपीजी मंडलीय जिला चिकित्सालय और पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में बनाया गया है. उन्होंने बताया कि टीबी रोग के मरीजों के इलाज की पूरी व्यवस्था और सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध हैं. टीबी के इलाज के दौरान किसी भी असुविधा के लिए एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय में बने जिला क्षय रोग अधिकारी कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है.

वाराणसी: राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत नीति आयोग के आदर्श ब्लॉक सेवापुरी को क्षय रोग से मुक्ति दिलाने के लिए 7 से 17 सितंबर तक ‘सक्रिय क्षय रोग खोजी अभियान’ चलाया जाएगा. जिसे लेकर संयुक्त सचिव विकास शील और जिला अधिकारी ने विशेष संतृप्तिकरण अभियान के रूप में चुने गए सेवापुरी विकास खण्ड का दौरा किया. जिसके बाद कार्यों की समीक्षा के लिए जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की मौजूदगी में अधिकारियों की एक बैठक हुई. इस बैठक में विशेष रूप से ‘राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम’ पर विशेष जोर दिया गया. जिसके मद्देनजर नीति आयोग द्वारा संतृप्त सेवापुरी विकास खंड में क्षय रोगियों को विशेष सक्रिय रोगी खोज अभियान के माध्यम से खोजने का फैसला लिया गया.

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संयुक्त सचिव विकास शील और डीएम कौशल राज
इस मौके पर संयुक्त सचिव विकास शील ने कहा कि टीबी के मरीजों की समय से पहचान और इलाज पर विशेष ध्यान दिया जाए. स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को इस कार्य में लगाकर सम्बंधित मरीजों का नियमित इलाज किया जाए और इसका डाटा भी स्वास्थ्य विभाग के सम्बंधित पोर्टल पर अपलोड किया जाए. इसके अतिरिक्त बैठक में संयुक्त सचिव विकास शील ने सेवापुरी विकास खण्ड में स्वास्थ्य एवं पोषण से जुड़ी गतिविधियों को बेहतर तरीके से किए जाने का निर्देश दिया.स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर खोजेंगी टीबी के मरीजवहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह ने बताया कि सेवापुरी ब्लॉक में आगामी 7 से 17 सितंबर की अवधि में चलने वाले 'सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान' के लिए कुल 106 टीमें गठित की गईं हैं. अभियान के पर्यवेक्षण के लिए 21 सुपरवाइजर और जनपद स्तर से मॉनिटरिंग के लिए 5 पर्यवेक्षणीय अधिकारी तैनात किए गए हैं. टीबी मरीजों की खोज के लिए टीमें गांव का दौरा करेंगी और घर-घर संपर्क करेंगी. इस दौरान जिन लोगों में टीबी के प्रारम्भिक लक्षण पाए जाएंगे उनकी जांच कराई जाएगी. साथ ही टीबी रोग की पुष्टि होने पर मरीज का निःशुल्क इलाज कराया जाएगा. इलाज के दौरान टीबी रोगी के पोषण के लिए 500 रुपये हर महीने दिए जाएगा.टीबी रोगियों का होगा मुफ्त इलाजजिला क्षय रोग अधिकारी डॉ राकेश कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2025 तक जनपद से टीबी रोग को समाप्त करने के लिए जनपद में 16 टीबी यूनिट, 83 माइक्रोस्कोपी सेंटर, सभी सामुदायिक, प्राथमिक, चयनित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा 685 डॉट सेंटर कार्यरत हैं. जनपद में दो नोडल डीआरटीबी सेंटर हैं, 14 बेड का सेंटर पहला सर सुंदर लाल चिकित्सालय बीएचयू में और दूसरा 20 बेड का सेंटर लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय रामनगर में हैं. एमडीआर मरीजों की त्वरित पहचान के लिए जनपद में तीन सीबी-नाट मशीनें आईएमएस बीएचयू, एसएसपीजी मंडलीय जिला चिकित्सालय और पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में बनाया गया है. उन्होंने बताया कि टीबी रोग के मरीजों के इलाज की पूरी व्यवस्था और सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध हैं. टीबी के इलाज के दौरान किसी भी असुविधा के लिए एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय में बने जिला क्षय रोग अधिकारी कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है.
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