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वाराणसी: कोरोना संक्रमित मृत व्यक्ति के शव के साथ लापरवाही

यूपी के वाराणसी में कोरोना संक्रमित व्यक्ति के शव के साथ बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया. एंबुलेंस चालक कोरोना संक्रमित शव को विद्युत शवदाह गृह के पहले ही छोड़कर चला गया. जिससे वहां पर दशहत का माहौल बन गया.

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कोरोना संक्रमित मृत व्यक्ति के शव के साथ लापरवाही
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Published : Jul 1, 2020, 5:54 PM IST

वाराणसी: सरकार जहां कोविड-19 मरीजों के बचाव और इलाज के लिए तमाम योजनाएं बना रही है. वहीं जिले में कोरोना संक्रमित मृतक व्यक्ति के शव के साथ बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. बीएचयू से एंबुलेंस में आए कोरोना संक्रमित शव को विद्युत शवदाह गृह के पहले ही छोड़कर एंबुलेंस वाला चला गया. जिससे वहां मौजूद परिजनों और स्थानीय लोगों के बीच दहशत का माहौल बन गया. हालांकि बाद में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से टीम भेजी गई और आगे की कार्रवाई की गई.

सांस लेने की दिक्कत होने पर 21 जून को मरीज को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कोविड-19 वार्ड में एडमिट कराया गया था. जहां मंगलवार देर रात उसकी हालत खराब होने पर आईसीयू में ले जाया गया. कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई. मृतक व्यक्ति पेशे से अधिवक्ता और छात्र संघ का पदाधिकारी बताया जा रहा है.

परिजन राजेंद्र द्विवेदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि मंगलवार रात को मौत हो गई थी. बुधवार को शव को विद्युत शवदाह गृह के पहले ही छोड़कर एंबुलेंस वाला चला गया. इस विषय पर बीएचयू प्रशासन का कहना है कि हमने बॉडी को सैनिटाइज और पूरी तरह पैक करके दिया. यह घोर लापरवाही है, जो भी दोषी है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

डॉक्टर बीपी सिंह ने बताया कि बॉडी को लेकर बीएचयू से शव वाहन हरिश्चंद्र घाट स्थित विद्युत पौधागिरी के ऑडिटोरियम में उतार कर चली आई. शव वाहन को बलिया और अन्य जिलों में जाना था. स्वास्थ्य विभाग की सैनेटाइज करने वाली टीम वहां पर मौजूद थी. हमारी टीम के डीएसओ और लोकल एसओ वहां मौजूद हैं. स्थानीय विद्युत शव गृह के लोग मौजूद थे. बीएचयू से सूचना मिलने के बाद हमने स्थानीय थाना और विद्युत शवदाह गृह के लोगों को सूचित किया था.

वाराणसी: सरकार जहां कोविड-19 मरीजों के बचाव और इलाज के लिए तमाम योजनाएं बना रही है. वहीं जिले में कोरोना संक्रमित मृतक व्यक्ति के शव के साथ बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. बीएचयू से एंबुलेंस में आए कोरोना संक्रमित शव को विद्युत शवदाह गृह के पहले ही छोड़कर एंबुलेंस वाला चला गया. जिससे वहां मौजूद परिजनों और स्थानीय लोगों के बीच दहशत का माहौल बन गया. हालांकि बाद में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से टीम भेजी गई और आगे की कार्रवाई की गई.

सांस लेने की दिक्कत होने पर 21 जून को मरीज को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कोविड-19 वार्ड में एडमिट कराया गया था. जहां मंगलवार देर रात उसकी हालत खराब होने पर आईसीयू में ले जाया गया. कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई. मृतक व्यक्ति पेशे से अधिवक्ता और छात्र संघ का पदाधिकारी बताया जा रहा है.

परिजन राजेंद्र द्विवेदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि मंगलवार रात को मौत हो गई थी. बुधवार को शव को विद्युत शवदाह गृह के पहले ही छोड़कर एंबुलेंस वाला चला गया. इस विषय पर बीएचयू प्रशासन का कहना है कि हमने बॉडी को सैनिटाइज और पूरी तरह पैक करके दिया. यह घोर लापरवाही है, जो भी दोषी है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

डॉक्टर बीपी सिंह ने बताया कि बॉडी को लेकर बीएचयू से शव वाहन हरिश्चंद्र घाट स्थित विद्युत पौधागिरी के ऑडिटोरियम में उतार कर चली आई. शव वाहन को बलिया और अन्य जिलों में जाना था. स्वास्थ्य विभाग की सैनेटाइज करने वाली टीम वहां पर मौजूद थी. हमारी टीम के डीएसओ और लोकल एसओ वहां मौजूद हैं. स्थानीय विद्युत शव गृह के लोग मौजूद थे. बीएचयू से सूचना मिलने के बाद हमने स्थानीय थाना और विद्युत शवदाह गृह के लोगों को सूचित किया था.

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