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वाराणसीः बीएचयू में साइंस ऑफ फुटवियर पर आधारित नेशनल वर्कशॉप का होगा आयोजन - शारीरिक शिक्षा विभाग

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग में 1 फरवरी को साइंस ऑफ फुटवियर पर आधारित राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यशाला में खिलाड़ियों को किस प्रकार के जूते पहनने चाहिए, इस विषय पर चर्चा होगी.

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शारीरिक शिक्षा विभाग
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Published : Jan 30, 2020, 3:53 PM IST

वाराणसी: बीएचयू के शारीरिक शिक्षा विभाग में साइंस ऑफ फुटवियर विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. कार्यशाला का प्राथमिक उद्देश्य पैरों की समीक्षा करने वाले वैज्ञानिक कौशल का विकास करना है. इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागी पादुका एवं पैर के विभिन्न भागों को बेहतर रूप से समझ पाएंगे. ये कार्यशाला 1 फरवरी से 2 फरवरी तक चलेगी.

साइंस ऑफ फुटवियर पर होगी कार्यशाला.

जूते के चयन के बारे में होगी चर्चा
इस कार्यशाला में प्रतिभागी जूते के कारण खेल प्रदर्शन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में भी बताया जाएगा. किस प्रकार उचित जूते का चयन किया जाए उस विधि को समझेंगे. कार्यशाला में प्रोफेसर, रिसर्च स्कॉलर, अन्य छात्र भी शामिल होंगे, जो फुटवियर साइज की कला को समझेंगे.

यह भी पढ़ेंः-वाराणसी: BHU में छात्रावास शताब्दी समारोह का आयोजन

यह एक ऐसा वर्कशॉप है जिसके द्वारा हम किस तरह के शूज पहनें, जो हमारे पैर और हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक न हो इस बारे में चर्चा होगी. खिलाड़ियों को किस तरह के शूज पहनने चाहिए, बच्चों के पैरों में अगर किसी तरह का बदलाव हो रहा है तो वह किन वजह से हो रहा है. इन सारी विषयों पर दो दिन राष्ट्रीय चर्चा होगी. 1 फरवरी से कार्यशाला प्रारंभ होगी और 2 फरवरी तक के चलेगी.
-प्रो. अभिमन्यु सिंह, अध्यक्ष, शारीरिक शिक्षा विभाग, बीएचयू

वाराणसी: बीएचयू के शारीरिक शिक्षा विभाग में साइंस ऑफ फुटवियर विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. कार्यशाला का प्राथमिक उद्देश्य पैरों की समीक्षा करने वाले वैज्ञानिक कौशल का विकास करना है. इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागी पादुका एवं पैर के विभिन्न भागों को बेहतर रूप से समझ पाएंगे. ये कार्यशाला 1 फरवरी से 2 फरवरी तक चलेगी.

साइंस ऑफ फुटवियर पर होगी कार्यशाला.

जूते के चयन के बारे में होगी चर्चा
इस कार्यशाला में प्रतिभागी जूते के कारण खेल प्रदर्शन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में भी बताया जाएगा. किस प्रकार उचित जूते का चयन किया जाए उस विधि को समझेंगे. कार्यशाला में प्रोफेसर, रिसर्च स्कॉलर, अन्य छात्र भी शामिल होंगे, जो फुटवियर साइज की कला को समझेंगे.

यह भी पढ़ेंः-वाराणसी: BHU में छात्रावास शताब्दी समारोह का आयोजन

यह एक ऐसा वर्कशॉप है जिसके द्वारा हम किस तरह के शूज पहनें, जो हमारे पैर और हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक न हो इस बारे में चर्चा होगी. खिलाड़ियों को किस तरह के शूज पहनने चाहिए, बच्चों के पैरों में अगर किसी तरह का बदलाव हो रहा है तो वह किन वजह से हो रहा है. इन सारी विषयों पर दो दिन राष्ट्रीय चर्चा होगी. 1 फरवरी से कार्यशाला प्रारंभ होगी और 2 फरवरी तक के चलेगी.
-प्रो. अभिमन्यु सिंह, अध्यक्ष, शारीरिक शिक्षा विभाग, बीएचयू

Intro:वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग विभाग कला संकाय द्वारा एक और 2 फरवरी को साइंस ऑफ फुटवियर पर आधारित राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।


Body:कार्यशाला का प्राथमिक उद्देश्य पैरों की समीक्षा करने वाले वैज्ञानिक कौशल का विकास करना। इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागी पादुका एवं पैर के विभिन्न भागों को बेहतर रूप से समझ पाएंगे।इसके अलावा इस कार्यशाला में प्रतिभागी जूते के कारण खेल प्रदर्शन पर पड़ने वाले प्रभाव एवं किस प्रकार उचित जूते की चयन किया जाए। उस विधि को समझेंगे कार्यशाला में टीचर पीएचडी रिसर्च तथा अन्य छात्र भी शामिल होंगे जो फुटवियर साइज की कला को समझेंगे।


Conclusion:अभिमन्यु सिंह ने बताया यह एक ऐसा वर्कशॉप है जिसके द्वारा हम किस तरह के शूज पहने।जो हमारे पैर और हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ना हो उसकी तरह खिलाड़ियों को किस तरह के शूज पहनने चाहिए।बच्चों के पैरों में अगर किसी तरह का बदलाव हो रहा है तो वह किन वजह से हो रहा है।इन सारी विषयों पर 2 दिन राष्ट्रीय चर्चा होगी। 1 फरवरी से प्रारंभ होगा 2 फरवरी तक के राष्ट्रीय कार्यशाला चलेगी
बाईट :-- अभिमन्यु सिंह, अध्यक्ष, शारीरिक शिक्षा विभाग कला संकाय

अशुतोष उपाध्याय ईटीवी भारत

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