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वाराणसी: जल विभाग ने जल दोहन के मामले में 150 कारोबारियों को भेजा नोटिस

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Published : May 4, 2022, 8:42 AM IST

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने निर्देश दिए हैं कि अंडरग्राउंड वाटर के अति दोहन को रोकने के लिए लोकल प्रशासन अपने स्तर पर सख्त कदम उठाए. इसे को लेकर वाराणसी जल विभाग ने 150 से अधिक कारोबारियों को नोटिस जारी किया है.

वाराणसी
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वाराणसी: लगातार बढ़ रही भीषण गर्मी के बीच भूगर्भ जल स्तर में होने वाले बदलाव को देखते हुए एनजीटी अब बेहद सख्त रुख अपनाता दिखाई दे रहा है. इस क्रम में एनजीटी के निर्देश पर वाराणसी जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए भूगर्भ जल दोहन को लेकर 150 से अधिक बड़े कारोबारियों जिनमें मैरिज हाउस, होटल, आरोप्लांट संचालक समेत कई अन्य को नोटिस जारी किया है. साथ ही जवाब मांगा है.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि अंडरग्राउंड वाटर के अति दोहन को रोकने के लिए लोकल प्रशासन अपने स्तर पर सख्त से सख्त कदम उठाए. इसे लेकर वाराणसी जल विभाग की तरफ से 150 से अधिक होटल, मैरिज लॉन, आरो प्लांट संचालक समेत कई बड़े कारोबारियों को नोटिस जारी किया गया है. उन्हें यह भी साफ कहा गया है कि बगैर एनओसी लिए अंडरग्राउंड वाटर लेवल का दोहन यानी बिना अनुमति के अत्यधिक पानी की बर्बादी किए जाने की स्थिति में सबसे पहले बोरवेल या बोरिंग को सील करने की कार्यवाही की जाएगी. इसके अलावा पांच लाख रुपये तक का जुर्माना करने के बाद जेल भी भेजा जा सकता है. इसमें दो वर्ष की सजा का प्रावधान है.

यह भी पढ़ें: एनओसी में वाहन मालिक कर रहे खेल, विभाग को जमकर लग रहा राजस्व का चूना

इस नोटिस के बाद अब जल विभाग जिला अधिकारी की अध्यक्षता में बनाए गए जल प्रबंधन परिषद के अंतर्गत इन सभी लोगों के पानी का हिसाब-किताब भी रखना शुरू करेगा. अधिकारियों का कहना है कि नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट आवेदन करने के बाद इसकी जांच की जाएगी और लगातार जांच के बाद पानी के इस्तेमाल का हिसाब-किताब साफ होगा. यदि चिह्नित स्थान क्रिटिकल जोन में नहीं है तो कारोबार किया जा सकेगा. यदि क्रिटिकल जोन में है तो एक रुपये 10 पैसा या फिर 60 पैसा प्रति हजार लीटर की दर से 5 साल का पैसा जमा करना होगा. इसके बाद एनओसी जारी होगी. इसके लिए अपने पंप के साथ एक ऐसा सिस्टम भी लगाना होगा, जो भूगर्भ जल स्तर की निगरानी करता रहेगा.

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वाराणसी: लगातार बढ़ रही भीषण गर्मी के बीच भूगर्भ जल स्तर में होने वाले बदलाव को देखते हुए एनजीटी अब बेहद सख्त रुख अपनाता दिखाई दे रहा है. इस क्रम में एनजीटी के निर्देश पर वाराणसी जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए भूगर्भ जल दोहन को लेकर 150 से अधिक बड़े कारोबारियों जिनमें मैरिज हाउस, होटल, आरोप्लांट संचालक समेत कई अन्य को नोटिस जारी किया है. साथ ही जवाब मांगा है.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि अंडरग्राउंड वाटर के अति दोहन को रोकने के लिए लोकल प्रशासन अपने स्तर पर सख्त से सख्त कदम उठाए. इसे लेकर वाराणसी जल विभाग की तरफ से 150 से अधिक होटल, मैरिज लॉन, आरो प्लांट संचालक समेत कई बड़े कारोबारियों को नोटिस जारी किया गया है. उन्हें यह भी साफ कहा गया है कि बगैर एनओसी लिए अंडरग्राउंड वाटर लेवल का दोहन यानी बिना अनुमति के अत्यधिक पानी की बर्बादी किए जाने की स्थिति में सबसे पहले बोरवेल या बोरिंग को सील करने की कार्यवाही की जाएगी. इसके अलावा पांच लाख रुपये तक का जुर्माना करने के बाद जेल भी भेजा जा सकता है. इसमें दो वर्ष की सजा का प्रावधान है.

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इस नोटिस के बाद अब जल विभाग जिला अधिकारी की अध्यक्षता में बनाए गए जल प्रबंधन परिषद के अंतर्गत इन सभी लोगों के पानी का हिसाब-किताब भी रखना शुरू करेगा. अधिकारियों का कहना है कि नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट आवेदन करने के बाद इसकी जांच की जाएगी और लगातार जांच के बाद पानी के इस्तेमाल का हिसाब-किताब साफ होगा. यदि चिह्नित स्थान क्रिटिकल जोन में नहीं है तो कारोबार किया जा सकेगा. यदि क्रिटिकल जोन में है तो एक रुपये 10 पैसा या फिर 60 पैसा प्रति हजार लीटर की दर से 5 साल का पैसा जमा करना होगा. इसके बाद एनओसी जारी होगी. इसके लिए अपने पंप के साथ एक ऐसा सिस्टम भी लगाना होगा, जो भूगर्भ जल स्तर की निगरानी करता रहेगा.

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