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ममता बनर्जी को पागलखाने में डाल देना चाहिएः नरेंद्रानंद सरस्वती

पराक्रम दिवस पर ममता के बयान पर सुमेरु पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने उनको इलाज की नसीहत दी है. उन्होंने कहा ममता को 'जय श्रीराम' और 'सीता-राम' का नाम लेना चाहिए. ऐसा नहीं करना उनके पागलपन का परिचायक है.

जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद
जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद
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Published : Jan 25, 2021, 3:42 PM IST

वाराणसीः धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान के प्रति आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है. सुमेरु पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने ममता बनर्जी को इलाज कराने की नसीहत दी है.

स्वामी नरेंद्रानंद की ममता को नसीहत.

स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा यह पागलपन का परिचायक है. विकृत मानसिकता का परिचायक है. रावण को भी राम के नाम से एलर्जी थी. परिणाम स्वरूप उसने अपने विनाश को आमंत्रित किया. ममता बनर्जी को 'जय श्रीराम' और 'सीता-राम' का नाम लेना चाहिए था. उनकी भी बुद्धि शुद्ध होती, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया यह पागलपन का परिचायक है. ममता बनर्जी को पागलखाने में डाल देना चाहिए. बुद्धि उनकी सही हो जाएगी, उनको इलाज की जरूरत है.

'जय श्रीराम' के नारे से छिड़ी बहस
23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर पूरे देश में पराक्रम दिवस मनाया गया था. इसी दौरान कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी जब भाषण देने मंच पर पहुंची, तो मौजूद भीड़ से 'जय श्रीराम' के नारे लगने लगे. जय श्रीराम के नारे से नाराज ममता बनर्जी ने मंच पर बोलने से ही इंकार कर दिया. उन्होंने इस बात को अपनी बेइज्जती करार दिया था. तभी से पूरे देश में ममता का विरोध हो रहा है.

वाराणसीः धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान के प्रति आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है. सुमेरु पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने ममता बनर्जी को इलाज कराने की नसीहत दी है.

स्वामी नरेंद्रानंद की ममता को नसीहत.

स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा यह पागलपन का परिचायक है. विकृत मानसिकता का परिचायक है. रावण को भी राम के नाम से एलर्जी थी. परिणाम स्वरूप उसने अपने विनाश को आमंत्रित किया. ममता बनर्जी को 'जय श्रीराम' और 'सीता-राम' का नाम लेना चाहिए था. उनकी भी बुद्धि शुद्ध होती, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया यह पागलपन का परिचायक है. ममता बनर्जी को पागलखाने में डाल देना चाहिए. बुद्धि उनकी सही हो जाएगी, उनको इलाज की जरूरत है.

'जय श्रीराम' के नारे से छिड़ी बहस
23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर पूरे देश में पराक्रम दिवस मनाया गया था. इसी दौरान कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी जब भाषण देने मंच पर पहुंची, तो मौजूद भीड़ से 'जय श्रीराम' के नारे लगने लगे. जय श्रीराम के नारे से नाराज ममता बनर्जी ने मंच पर बोलने से ही इंकार कर दिया. उन्होंने इस बात को अपनी बेइज्जती करार दिया था. तभी से पूरे देश में ममता का विरोध हो रहा है.

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