वाराणसी: पर्यावरण को सुरक्षित करने और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी भविष्य की चुनौतियों का संगठित होकर मुकाबला करने की अपील करते हुए नमामि गंगे के सदस्यों ने जी-20 बैठक के पूर्व नमो घाट पर स्वच्छता अभियान चलाया. साथ ही जी-20 देशों के प्रतिनिधियों से जैव विविधता को बढ़ावा देने का आवाह्न किया. वहीं नमामि गंगे के सदस्यों ने जी-20 देशों के राष्ट्रीय चिह्न लेकर "बिगड़ता पर्यावरण और हमारी जिम्मेदारी" के दृष्टिगत प्रकृति को संवारने और सहेजने का आग्रह भी लोगों से किया.
नमामि गंगे के सदस्यों ने नमो घाट के किनारे गंगाजल से प्रदूषण कारक तत्वों को निकालकर सभी से पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन की गुहार लगाई. साथ ही वहां मौजूद सभी सदस्यों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई गई. नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने बताया कि भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान पर्यावरण को सुरक्षित करने और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी भविष्य की चुनौतियों पर जोर दिया जा रहा है. जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने और जैवविविधता को बढ़ावा देने के लिए निर्धारित संकल्पों के अनुरूप भारत पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए निरंतर प्रयत्नशील हैं.
राजेश शुक्ला ने कहा कि जी-20 देशों में भारत अकेला ऐसा देश है जो समझौते का अनुपालन कर रहा है. इसके तहत वन क्षेत्रों को बचाना और बढ़ाना शामिल है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण के लिए जीवन मूल्य का जो मंत्र दिया है, उसे जी-20 के माध्यम से विश्व के कोने-कोने में पहुंचाया जाना चाहिए. इस आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, कमलेश शर्मा, रामबाबू , शिवांशु यदुवंश , पारसनाथ ,शानू मौर्या, रमेश गुप्ता ,पिंकी मौर्या, संतलाल मौर्या,अमन गुप्ता , दिनेश यादव, अभय स्वाभिमानी, रामधनी गुप्ता, सोनम चौरसिया आदि उपस्थित रहे.