वाराणसी: भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक राष्ट्र को एक सूत्र में बांधने वाली गंगा के प्राकट्य दिवस और गंगा सप्तमी के पावन पर्व पर नमामि गंगे और 137 सीईटीएफ प्रादेशिक सेना गंगा टास्क फोर्स ने सूर्योदय की प्रभात बेला में श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर स्थित गंगा द्वार पर सैकड़ों नागरिकों के साथ मां गंगा की आरती की. सभी लोगों ने मां गंगा से समृद्धिशाली भारत की कामना की. वहीं दुग्धाभिषेक कर आरोग्य राष्ट्र की गुहार लगाई.
वहीं सभी लोगों ने भव्य गंगा द्वार पर संकल्प लेकर गंगा में गंदगी न करने की अपील (Pledge to protect Ganga) की और भारत की आस्था और आजीविका गंगा के संरक्षण का आवाह्न किया. नमामि गंगे के सदस्यों द्वारा गंगा प्राकट्य दिवस पर गंगा किनारे से अनेकों प्रदूषित कर रही सामग्रियों को निकाल कर कूड़ेदान तक पहुंचाया गया. वहीं नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारत भूमि को स्वर्ग बनाती और यहां की सभ्यता और संस्कृति का पोषण करती गंगा नदी इस धरती की अलौकिक शोभा है.
गंगा का न सिर्फ़ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है, बल्कि देश की 40% आबादी गंगा नदी पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि मां गंगा के बिना भारतीय सभ्यता अधूरी है. हमें मिलकर गंगा का संरक्षण करना होगा. वाराणसी में नमामि गंगे (Namami Gange in Varanasi) काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, गंगा टास्क फोर्स के सूबेदार शिवेंद सिंह और टीम, संतोष शर्मा, सुरेंद्र मोदनवाल, वीरेंद्र शुक्ला, डॉ सौरभ शास्त्री, शिवांगी कश्यप, सुलोचना पाठक बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे.
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