वाराणसी: सिल्क और बनारसी साड़ी के लिए मशहूर बनारस साड़ी में भी ब्रांड बनने की ओर आगे बढ़ रहा है, जिसकी पहली तस्वीर वाराणसी के खाद्यान्न में लगे खादी प्रदर्शनी में देखने को मिल रही है. बनारस में ऐसा पहली बार हुआ है जब नागालैंड का एंडी और मूंगा सिल्क प्रदर्शनी के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस प्रदर्शनी में जहां एक ओर नागालैंड की एंट्री हो रही है तो वहीं इसकी एक बड़ी तस्वीर खादी के वृहद ब्रांड बनने की भी दिख रही है.
पूर्वोत्तर खादी का काशी में सजा बाजार
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने सत्ता में आने के बाद खादी को एक ब्रांड बनाने की मुहिम शुरू की. यही वजह है कि खुद पीएम मोदी के स्टाइल में नेताओं के साथ-साथ युवाओं का भी खादी की तरफ आकर्षण बढ़ा है. इसकी बानगी वाराणसी के खादी प्रदर्शनी में भी दिख रही है. इसी क्रम में बनारस के युवाओं को सिल्क की नई ब्रांड दिखाने के लिए वाराणसी के तेलियाबाग खादी उद्यान में एक विशेष 15 दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है, जिसमें सिल्क की नई ब्रांड दिखाने के लिए नागालैंड का स्टॉल लगाया गया है, जहां मूंगा और एंडी सिल्क के बने कपड़े बिक रहे हैं.
प्रचार-प्रसार का है आभाव
प्रदर्शनी में नागालैंड से आए व्यवसायी दिनेश चौधरी ने बताया कि इस सिल्क की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पूरी तरीके से हैंडमेड होते हैं और उसका धागा मात्र 2 महीने में प्राप्त होता है. यही वजह है कि प्राकृतिक होने के कारण उसके कपड़े काफी मुलायम, आरामदायक और थोड़े महंगे भी रहते हैं. उन्होंने बताया कि यह बेहद खास होते हैं लेकिन, अभी भी प्रचार-प्रसार के अभाव में कम लोग ही इसे जानते हैं. उन्होंने कहा कि खादी प्रदर्शनी से हमें बेहद उम्मीद है. इससे बुनकर और इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को बाजार भी प्राप्त होगा.
20 राज्यों की खादी का हो रहा संगम
इस बारे में खादी ग्राम उद्योग के डायरेक्टर डी एस भाटी ने बताया कि इस प्रदर्शनी में 20 राज्यों के स्वरूप और उनके हुनर को स्थान दिया गया है, इसके अंतर्गत 140 स्टॉल लगाए गए हैं. इसमें सबसे ज्यादा तरजीह पूर्वोत्तर राज्य के खादी और सिल्क को दी गई है. इन्हें विशेष आमंत्रण देकर बुलाया गया है. उन्होंने बताया नागालैंड के सिल्क को आने वाले समय में यहां बाजार मिल सके यह हमारी सबसे बड़ी कोशिश होगी.