ETV Bharat / state

आप भी कीजिए अद्भुत शिवलिंग के दर्शन, रहस्य जानकर रह जाएंगे दंग!

वाराणसी के मणिकर्णिका घाट और सिंधिया घाट के बीच में रत्नेश्वर महादेव मंदिर स्थित है. जो 400 साल से भी ज्यादा पुराना बताया जाता है. बारिश के मौसम में गंगा का जलस्तर बढ़ने से यह मंदिर पानी से डूबा जाता है. इस वजह से इस मंदिर के गर्भगृह का दर्शन नहीं हो पता है, लेकिन ईटीवी भारत आपको इसके गर्भगृह के दर्शन कराने जा रहा है.

रत्नेश्वर महादेव मंदिर.
रत्नेश्वर महादेव मंदिर.
author img

By

Published : Feb 19, 2021, 5:21 PM IST

Updated : Mar 17, 2021, 6:45 AM IST

वाराणसी: काशी का इतिहास कितना पुराना है कि इसका कोई प्रमाण नहीं मिलता. कहते हैं कि काशी वह जीवांत शहर है जिसको खुद देवाधि देव महादेव ने बसाया था. यही वजह है कि काशी में ऐसे रहस्य छुपे हैं जो शायद आज तक उजागर नहीं हो सके हैं. ऐसे ही रहस्यों में एक ऐसे मंदिर का जिक्र ईटीवी भारत की एक रिपोर्ट में किया गया था.('पीसा की मीनार से भी ज्यादा झुका है काशी का यह मंदिर') इस खबर के मध्याम से आपको वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर स्थित उस अलौकिक और अद्भुत मंदिर की जानकारी दी थी जो विज्ञान के लिए भी एक चैलेंज है.

रत्नेश्वर महादेव मंदिर

गंगा किनारे बसे इस रत्नेश्वर महादेव मंदिर का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने ट्वीट में ईटीवी भारत की खबर के बाद किया था. इसके बाद यह मंदिर चर्चा में आया, लेकिन इन सबके बीच आज हम इस मंदिर के उस पहलू से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं, जिसे कम लोग ही जान सकते हैं और देख सकते हैं.

काफी मेहनत के बाद सामने आए शिवलिंग

गंगा किनारे बना रत्नेश्वर महादेव मंदिर लगभग 400 साल से भी ज्यादा पुराना बताया जाता है. इस मंदिर को उसके अद्भुत डिजाइन के लिए हर तरफ एक अलग पहचान मिलती जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मंदिर को लेकर पिछले दिनों एक ट्वीट कर इसकी भव्यता का जिक्र किया था. इसके बाद यहां पर पर्यटकों की भीड़ बढ़ने लगी, लेकिन पर्यटक मायूस थे. क्योंकि मंदिर तो दिखता था, लेकिन विद्यमान शिवलिंग के दर्शन नहीं होते थे. लगभग 20 दिन की मेहनत के बाद मंदिर के गर्भगृह से मिट्टी और पानी बाहर निकाला जा सका. साथ ही अंदर मौजूद भव्य और सुंदर शिवलिंग के दर्शन भक्तों को होने लगे.

मणिकर्णिका घाट पर स्थित रत्नेश्वर महादेव मंदिर.
मणिकर्णिका घाट पर स्थित रत्नेश्वर महादेव मंदिर.

स्थापित है शिव की कचहरी

सबसे बड़ी बात यह है कि इस मंदिर के अंदर कोई एक अकेला शिवलिंग नहीं है. बल्कि शिव कचहरी मौजूद है. शिव कचहरी यानी शिव के मुख्य शिवलिंग के आसपास अलग-अलग 12 शिवलिंग और मौजूद हैं. इतना ही नहीं भगवान गणेश और अन्य कई देवताओं के विग्रह भी आपको यहां मिल जाएंगे. इसके दर्शन करने के लिए अब दूर-दूर से लोग यहां पहुंच रहे हैं.

रत्नेश्वर महादेव मंदिर का गर्भगृह.
रत्नेश्वर महादेव मंदिर का गर्भगृह.

यह है मंदिर का इतिहास

इस मंदिर के इतिहास की बात की जाए तो ऐसी मान्यता है कि वास्तुकला के अद्भुत उदाहरण मंदिर का निर्माण अहिल्याबाई होल्कर की दासी रत्नाबाई ने करवाया था. मंदिर बनने के बाद अहिल्याबाई के श्राप से यह मंदिर टेढ़ा हो गया. इटली की पिसा मीनार जो 4 डिग्री तक चुकी है. उससे कहीं ज्यादा 9 डिग्री पर यह मंदिर आज भी झुका हुआ है. अपने इस अद्भुत स्ट्रक्चर की वजह से एक अलग पहचान पा चुका है.

वाराणसी: काशी का इतिहास कितना पुराना है कि इसका कोई प्रमाण नहीं मिलता. कहते हैं कि काशी वह जीवांत शहर है जिसको खुद देवाधि देव महादेव ने बसाया था. यही वजह है कि काशी में ऐसे रहस्य छुपे हैं जो शायद आज तक उजागर नहीं हो सके हैं. ऐसे ही रहस्यों में एक ऐसे मंदिर का जिक्र ईटीवी भारत की एक रिपोर्ट में किया गया था.('पीसा की मीनार से भी ज्यादा झुका है काशी का यह मंदिर') इस खबर के मध्याम से आपको वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर स्थित उस अलौकिक और अद्भुत मंदिर की जानकारी दी थी जो विज्ञान के लिए भी एक चैलेंज है.

रत्नेश्वर महादेव मंदिर

गंगा किनारे बसे इस रत्नेश्वर महादेव मंदिर का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने ट्वीट में ईटीवी भारत की खबर के बाद किया था. इसके बाद यह मंदिर चर्चा में आया, लेकिन इन सबके बीच आज हम इस मंदिर के उस पहलू से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं, जिसे कम लोग ही जान सकते हैं और देख सकते हैं.

काफी मेहनत के बाद सामने आए शिवलिंग

गंगा किनारे बना रत्नेश्वर महादेव मंदिर लगभग 400 साल से भी ज्यादा पुराना बताया जाता है. इस मंदिर को उसके अद्भुत डिजाइन के लिए हर तरफ एक अलग पहचान मिलती जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मंदिर को लेकर पिछले दिनों एक ट्वीट कर इसकी भव्यता का जिक्र किया था. इसके बाद यहां पर पर्यटकों की भीड़ बढ़ने लगी, लेकिन पर्यटक मायूस थे. क्योंकि मंदिर तो दिखता था, लेकिन विद्यमान शिवलिंग के दर्शन नहीं होते थे. लगभग 20 दिन की मेहनत के बाद मंदिर के गर्भगृह से मिट्टी और पानी बाहर निकाला जा सका. साथ ही अंदर मौजूद भव्य और सुंदर शिवलिंग के दर्शन भक्तों को होने लगे.

मणिकर्णिका घाट पर स्थित रत्नेश्वर महादेव मंदिर.
मणिकर्णिका घाट पर स्थित रत्नेश्वर महादेव मंदिर.

स्थापित है शिव की कचहरी

सबसे बड़ी बात यह है कि इस मंदिर के अंदर कोई एक अकेला शिवलिंग नहीं है. बल्कि शिव कचहरी मौजूद है. शिव कचहरी यानी शिव के मुख्य शिवलिंग के आसपास अलग-अलग 12 शिवलिंग और मौजूद हैं. इतना ही नहीं भगवान गणेश और अन्य कई देवताओं के विग्रह भी आपको यहां मिल जाएंगे. इसके दर्शन करने के लिए अब दूर-दूर से लोग यहां पहुंच रहे हैं.

रत्नेश्वर महादेव मंदिर का गर्भगृह.
रत्नेश्वर महादेव मंदिर का गर्भगृह.

यह है मंदिर का इतिहास

इस मंदिर के इतिहास की बात की जाए तो ऐसी मान्यता है कि वास्तुकला के अद्भुत उदाहरण मंदिर का निर्माण अहिल्याबाई होल्कर की दासी रत्नाबाई ने करवाया था. मंदिर बनने के बाद अहिल्याबाई के श्राप से यह मंदिर टेढ़ा हो गया. इटली की पिसा मीनार जो 4 डिग्री तक चुकी है. उससे कहीं ज्यादा 9 डिग्री पर यह मंदिर आज भी झुका हुआ है. अपने इस अद्भुत स्ट्रक्चर की वजह से एक अलग पहचान पा चुका है.

Last Updated : Mar 17, 2021, 6:45 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.