वाराणसी : कहा जाता है कि काशी के कण-कण में भगवान शिव विराजमान हैं. बाबा विश्वनाथ की नगरी में प्रवेश करते ही हर-हर महादेव, जय शिव-शंभू, हर-हर गंगे आदि का उच्चारण लोगों के मुख से सुनाई देने लगता है. शिव नगरी कही जाने वाली काशी में तमाम शिवालय हैं, जिनकी अपनी-अलग पहचान है. इसी कड़ी में काशी में एक ऐसा शिवालय हैं, जहां पर दर्शन करने से लोगों के सभी ऋणों से मुक्ति मिल जाती है.
मान्यता है कि श्री काशी ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन-पूजन करने पर लोगों को तमाम ऋण से मुक्ति मिल जाती है. यह मंदिर वाराणसी के महमूरगंज इलाके में स्थित है और इसका इतिहास काफी प्राचीन है. मान्यता है कि श्री काशी ऋणमुक्तेश्वर महादेव स्थल पर मत्था टेकने से सभी पापों के कर्ज से मुक्ति मिलती है. यही वजह है कि यहां प्रतिदिन भक्तों का तांता लगा रहता है. वहीं सावन के सोमवार को इस पवत्र स्थल पर हजारों श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर आते हैं.
काशी के इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ के अलावा राम-लक्ष्मण, सीता व हनुमान की मूर्ति स्थापित है. यही नहीं परिसर में मौजूद पीपल और बरगद के पेड़ में ब्रह्मा विष्णु महेश का वास माना जाता है. कहा जाता है कि यहां साक्षात ब्रह्मा,विष्णु,महेश विराजमान हैं. श्री काशी ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर में आने वाले भक्तों का मानना है कि बाबा सबके दुखों को दूर कर देते हैं. श्रद्धालु यहां आकर प्रतिदिन पांच बेलपत्र बाबा को अर्पित करते हैं. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि बाबा कि कृपा से उन्हें ना सिर्फ पापों से बल्कि धन के कर्ज से भी मुक्ति हो मिलती है.
गन्ना के रस, पंचांमृत व बेलपात्र से प्रशन्न होते हैं भगवान शिव
श्री काशी ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर के मुख्य अर्चक कमलेश पाठक ने बताया कि यह मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है. यहां पर पहले काशी के संत भगवान शिव की आराधना करते थे. ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव के आदेश के उपरांत ही इस मंदिर की स्थापना कराई गई थी. उन्होंने बताया कि यूं तो भगवान का दर्शन करने मात्र से ही भक्तों के हर कष्ट को दूर होते हैं. लेकिन यदि किसी को धन कर्ज है तो वह गन्ने के रस और पंचामृत से भोले को स्नान करवाकर यदि उन्हें 5 बेलपत्र अर्पित करता है, तो जल्द ही धन ऋण से मुक्ति मिल जाएगी.
मंदिर के मुख्य अर्चक कमलेश पाठक ने बताया कि प्रत्येक दिन महादेव की मंगला आरती के साथ पहर की शुरुआत होती है. उसके बाद भोग आरती, सप्त ऋषि आरती और शयन आरती की जाती है. इसके उपरांत रुद्राभिषेक के जरिए बाबा को प्रसन्न किया जाता है. पूरे सावन माह में रुद्राक्ष के मनको से बाबा ऋणमुक्तेश्वर महादेव के साथ पूरे मंदिर परिसर को श्रृंगारित किया जाता है.
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