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सारनाथ में धरती डोलने का रहस्य बरकरार, प्रशासनिक अमला भी हैरान - mystery of earth vibrating in sarnath remains intact

वाराणसी में भगवान बुद्ध के उपदेश स्थली सारनाथ के जापानी मंदिर के आसपास धरती कंपन का मामला सामने आया है. इस मामले पर ईटीवी भारत की टीम काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भू भौतिकी विभाग पहुंचकर तहकीकात की.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय.
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Published : Dec 19, 2020, 9:56 PM IST

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में भगवान बुद्ध के उपदेश स्थली सारनाथ इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, सारनाथ के जापानी मंदिर के आसपास धरती कंपन का मामला सामने आया है. इस मामले पर ईटीवी भारत की टीम काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भू भौतिकी विभाग पहुंची. जहां पर भूकंप याज्ञनिक से मिलकर इसकी सत्यता के बारे में जानने का प्रयास किया.

जानकारी देते असिस्टेंट प्रोफेसर रोहताश.

असिस्टेंट प्रोफेसर रोहताश कुमार ने बताया कि कंपन 60-70 मीटर के एरिया में आया है. इतने कम एरिया में भूकंप नहीं हो सकता. लोकल एरिया में अगर ऐसा होता है तो उसके मुख्य 3 कारण हो सकते हैं या तो उस क्षेत्र में कोई गैस रिसाव कर रहा है, जैसा आगरा और बिहार में कुछ दिन पहले हुआ था. दूसरा कारण पानी हो सकता है हमारे यहां पानी होता है. एक्टिव फॉर्म में होता है. जैसे उसे हम निकालते हुए उसका प्रेशर कम हो जाता है. वाटर कोलैप्स होता है. इससे भी कंपन उत्पन्न होती है. ताइवान में भी इस तरह की घटना हुई थी जोकि भूकंप नहीं था.

असिस्टेंट प्रोफेसर रोहताश के मुताबिक तीसरी वजह प्राचीन खुदाई की गई होगी. अब वह मेथेन में कन्वर्ट हो गया होगा. उसके बाद मेथेन गैस ने प्रेशर बनाया हो. इसके वजह से भी लोकल एरिया में कंपन हो सकता है.

इसे भी पढ़ें- भूकंप भी नहीं हिला पाएगा राम मंदिर, खड़ा रहेगा हजार साल

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में भगवान बुद्ध के उपदेश स्थली सारनाथ इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, सारनाथ के जापानी मंदिर के आसपास धरती कंपन का मामला सामने आया है. इस मामले पर ईटीवी भारत की टीम काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भू भौतिकी विभाग पहुंची. जहां पर भूकंप याज्ञनिक से मिलकर इसकी सत्यता के बारे में जानने का प्रयास किया.

जानकारी देते असिस्टेंट प्रोफेसर रोहताश.

असिस्टेंट प्रोफेसर रोहताश कुमार ने बताया कि कंपन 60-70 मीटर के एरिया में आया है. इतने कम एरिया में भूकंप नहीं हो सकता. लोकल एरिया में अगर ऐसा होता है तो उसके मुख्य 3 कारण हो सकते हैं या तो उस क्षेत्र में कोई गैस रिसाव कर रहा है, जैसा आगरा और बिहार में कुछ दिन पहले हुआ था. दूसरा कारण पानी हो सकता है हमारे यहां पानी होता है. एक्टिव फॉर्म में होता है. जैसे उसे हम निकालते हुए उसका प्रेशर कम हो जाता है. वाटर कोलैप्स होता है. इससे भी कंपन उत्पन्न होती है. ताइवान में भी इस तरह की घटना हुई थी जोकि भूकंप नहीं था.

असिस्टेंट प्रोफेसर रोहताश के मुताबिक तीसरी वजह प्राचीन खुदाई की गई होगी. अब वह मेथेन में कन्वर्ट हो गया होगा. उसके बाद मेथेन गैस ने प्रेशर बनाया हो. इसके वजह से भी लोकल एरिया में कंपन हो सकता है.

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