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वाराणसीः सोशल मीडिया पर आयोजित हुआ संगीत समारोह, कलाकारों ने दी प्रस्तुति

यूपी के वाराणसी में स्थित संकट मोचन मंदिर का संगीत समारोह सोशल मीडिया पर आयोजित किया गया. कलाकारों ने फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म से अपनी कला का प्रदर्शन किया. कोरोना लॉकडाउन के चलते मंदिर परिसर में इस संगीत समारोह का आयोजन नहीं किया जा सका. इस बार के कार्यक्रम को 'जय राम रमा, रघुनम शरणम्' नाम दिया गया.

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Published : Apr 15, 2020, 12:53 PM IST

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सोशल मीडिया पर आयोजित संगीत समारोह.

वाराणसीः भगवान शिव की नगरी काशी में राम भक्त हनुमान की जय जयकार का क्रम जारी है. संकट मोचन मंदिर के संगीत समारोह में कलाकारों ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर अपनी कला की प्रस्तुति दी. साथ ही विदेशी कलाकारों ने घरों पर बैठकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए संकट मोचन के दरबार में हाजिरी लगाई.

सोशल मीडिया पर आयोजित संगीत समारोह.

अजराड़ा घराने के वरिष्ठ तबलावादक उस्ताद अकरम खां ने कार्यक्रम का श्री गणेश किया. इन्होंने तबले पर तीन ताल में कायदा और रेले की सफल प्रस्तुति दी. कार्यक्रम की अगली प्रस्तुति हेतु वाराणसी से अपने आवास से सितार वादन क्षेत्र के वरिष्ठ कलाकार पंडित रवीन्द्र नारायण गोस्वामी ने दी. उसके बाद पंडित गोस्वामी ने राग मालकौंस में आलाप और जोड़ की प्रस्तुति के माध्यम से प्रभु के गुन गए.

पुणे से तालयोगी पद्मश्री पंडित सुरेश तलवलकर जी अपनी पुत्री सुश्री सावनी तलवलकर के साथ तबला वादन की प्रस्तुति दी. उन्होंने तालयात्रा की प्रस्तुति दी. 90 वर्षीय पद्मविभूषण पंडित जसराज न्यू जर्सी अमेरिका से अपने आवास से राग बिहाग की प्रस्तुति दी. 'जय राम रमा, रघुनम शरणम्' कार्यक्रम की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए सरोद वादन के लिए सेनिया मैहर घराने के प्रतिनिधि संवाहक कलाकार पंडित तेजेन्द्र नारायण मजूमदार कोलकाता से जुड़े. उन्होंने राग बिहाग में आलाप एवं जोड़ की रचाएं सुनाई.

इसे भी पढ़ें- काशी में चीनी महिला के मिलने से मचा हड़कंप, कराया जाएगा स्वास्थ्य परीक्षण

बेंगलुरु से शास्त्रीय गायन परम्परा के विद्वान कलाकार पंडित विजय रंगा राव से हमारे साथ स्वरांजली कि अभ्यर्थना हेतु जुड़े। उन्होंने राग भिन्न षड्ज में विलंबित बड़ा ख्याल प्रस्तुति दी. तृतीय निशा की अंतिम प्रस्तुति कोलकाता के युवा प्रतिभालिशाली सरोद वादक कलाकार अभिषेक लाहिड़ी की रही. सरोद वादन के माध्यम से उन्होंने हनुमत दरबार में हाजिरी लगाई. उन्होंने राग झिंझोटी में आलाप एवं जोड़ की प्रस्तुति दी.

वाराणसीः भगवान शिव की नगरी काशी में राम भक्त हनुमान की जय जयकार का क्रम जारी है. संकट मोचन मंदिर के संगीत समारोह में कलाकारों ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर अपनी कला की प्रस्तुति दी. साथ ही विदेशी कलाकारों ने घरों पर बैठकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए संकट मोचन के दरबार में हाजिरी लगाई.

सोशल मीडिया पर आयोजित संगीत समारोह.

अजराड़ा घराने के वरिष्ठ तबलावादक उस्ताद अकरम खां ने कार्यक्रम का श्री गणेश किया. इन्होंने तबले पर तीन ताल में कायदा और रेले की सफल प्रस्तुति दी. कार्यक्रम की अगली प्रस्तुति हेतु वाराणसी से अपने आवास से सितार वादन क्षेत्र के वरिष्ठ कलाकार पंडित रवीन्द्र नारायण गोस्वामी ने दी. उसके बाद पंडित गोस्वामी ने राग मालकौंस में आलाप और जोड़ की प्रस्तुति के माध्यम से प्रभु के गुन गए.

पुणे से तालयोगी पद्मश्री पंडित सुरेश तलवलकर जी अपनी पुत्री सुश्री सावनी तलवलकर के साथ तबला वादन की प्रस्तुति दी. उन्होंने तालयात्रा की प्रस्तुति दी. 90 वर्षीय पद्मविभूषण पंडित जसराज न्यू जर्सी अमेरिका से अपने आवास से राग बिहाग की प्रस्तुति दी. 'जय राम रमा, रघुनम शरणम्' कार्यक्रम की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए सरोद वादन के लिए सेनिया मैहर घराने के प्रतिनिधि संवाहक कलाकार पंडित तेजेन्द्र नारायण मजूमदार कोलकाता से जुड़े. उन्होंने राग बिहाग में आलाप एवं जोड़ की रचाएं सुनाई.

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बेंगलुरु से शास्त्रीय गायन परम्परा के विद्वान कलाकार पंडित विजय रंगा राव से हमारे साथ स्वरांजली कि अभ्यर्थना हेतु जुड़े। उन्होंने राग भिन्न षड्ज में विलंबित बड़ा ख्याल प्रस्तुति दी. तृतीय निशा की अंतिम प्रस्तुति कोलकाता के युवा प्रतिभालिशाली सरोद वादक कलाकार अभिषेक लाहिड़ी की रही. सरोद वादन के माध्यम से उन्होंने हनुमत दरबार में हाजिरी लगाई. उन्होंने राग झिंझोटी में आलाप एवं जोड़ की प्रस्तुति दी.

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