वाराणसी: श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में मुमुक्षु भवन के शुरू होने के बाद पहले सावन में ही मोक्ष की कामना के लिए मुमुक्षु भवन फुल हो गया है. प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम में काशी की धार्मिक परंपरा को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने मुमुक्षु भवन का भी निर्माण करवाया है. जब भगवान शंकर के अति प्रिय माह सावन में यदि भक्तों को उनके सानिध्य में रहने को मिल जाये तो भक्त अपना जीवन निहाल मानते हैं. मोक्ष की कामना लिए वृद्ध लोग काशी वास करने आते हैं. ऐसी मान्यता है कि काशी में मृत्यु से मुक्ति मिलती है. ऐसे में बाबा विश्वनाथ के आंगन में उनके सानिध्य में रहकर कौन मोक्ष पाना नहीं चाहेगा.
जीवन का अंतिम समय काशी पुराधिपति भगवान शिव के धाम में उनके चरणों में व्यतीत करने को मिले तो लोग अपने आप को भाग्यशाली मानते हैं. मुमुक्ष भवन को संचालित करने वाली तारा संस्था के मैनेजर कोमुदी कांत आम्टे ने बताया कि सावन के दो महीने तक मुमुक्ष भवन की बुकिंग हो चुकी है. मुमुक्षु भवन फुल हो गया है. मुमुक्षु भवन में 40 लोगों के रहने की जगह है. 36 लोग अभी यहां रह रहे हैं. 2 अन्य लोग बुकिंग करा चुके है और 2 बेड को रिज़र्व में रखा गया है.
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काशी विश्वनाथ धाम स्थित मुमुक्षु भवन में अंतिम समय बिताने के लिए लोग देश के कोने कोने से आ रहे हैं. मैनेजर ने बताया कि मुमुक्षु भवन में रह रहे वृद्धजन टीवी पर धार्मिक सीरियल देख रहे हैं. धाम में चल रही कथा को रोजाना सुन रहे थे. वृद्धजन रोजाना बाबा का दर्शन करते हैं. ऐसी मान्यता है कि मणिकर्णिका घाट पर खुद भगवान शिव शव को तारक मंत्र देते हैं. इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसी कारण से श्रद्धालु मणिकर्णिका घाट के पास श्री काशी विश्वनाथ धाम में मुमुक्षु भवन का निर्माण सरकार ने कराया है. जीवन के अंतिम पड़ाव पर लोग यहां पर मोक्ष की चाह में पहुंचते हैं.
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