वाराणसी: कन्नौज सांसद सुब्रत पाठक शनिवार को वाराणसी पहुंचे. इस दौरान सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जब काशी में आओ, तो यहां परिवर्तन साफ दिखाई देता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस देश में सही मायने में हर क्षेत्र में काम किया है. इसलिए, तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में तीसरे नम्बर पर पहुंच जाएगी. कांग्रेस ने सत्ता में आकर जिस प्रकार से गरीबों को लूटा है, उसके उलट आज भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हर क्षेत्र में काम किया है. इसलिए, लोगों को मोदी पर विश्वास है.
सुब्रत पाठक ने 22 जनवरी को आयोध्या में होने वाले राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में ट्रस्ट से आग्रह किया है कि वह समाजवादी पार्टी के लोगों को बिल्कुल भी न बुलाएं. अगर गलती से यह लोग पहुंच भी जाएं तो इन्हें मंदिर में प्रवेश न दिया जाए. जब तक यह लोग माफी न मांगे, तब तक इन्हें मंदिर आने के लिए बैन कर दिया जाए. पाठक ने कहा कि मैं आयोध्या के लोगों से भी प्रार्थना करता हूं कि मंदिर तो छोड़ो, इन्हें आयोध्या की धरती पर न आने दिया जाए. शायद यही सबसे बड़ी श्रद्धांजलि हमारे निर्दोष मारे गए राम भक्तों की होगी.
सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि आयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में ट्रस्ट का अपना मैटर है. वह किसे बुलाए, और किसे न बुलाए. मैंने ट्रस्ट से आग्रह किया है कि आप किसी को भी बुलाइये. राम जिसकी भी आस्था हो, चाहे वह किसी भी धर्म सम्प्रदाय का हो, वह दुनिया मे कहीं का भी रहने वाला हो आप उसको बुलाइये लेकिन, वह तमाम सारे राजनीतिक दल, जो आरोप लगाते है कि भाजपा हमको नहीं बुला रही है.ये वो लोग है जो आपनी आस्था और श्रद्धा के लिए नहीं जाना चाहते, केवल राजनीति के लिए जाना चाहते है.
सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि यह सभी वही लोग है, जो मंदिर न बनने पाए इसको लेकर लगातार अड़ंगा लगाते थे.जो सुप्रीम कोर्ट में निर्णय बाधित हो इसके लिए बड़े बड़े वकील खड़ा करते थे. जब इनके पास सत्ता थी तो इन्होंने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था कि राम थे ही नहीं. राम कोरी कल्पना है. रामायण कोरा उपन्यास है. राम सेतु का कोई अस्तित्व नहीं है. उसे तोड़ देना चाहिए. इस प्रकार की भाषा बोलने वाले यह लोग जब मजाक बनाते थे कि मंदिर वहीं बनाएंगे पर तारीख नही बताएंगे. किस प्रकार से ये लोग आम जनमानस को चिढ़ाते थे. इसलिए मैंने आग्रह किया है कि ऐसे लोग खासकर समाजवादी पार्टी जो रामचरितमानस को भी जलाती है, हमारी आस्था को लगातार अपमानित करती है, इन लोगों को मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में कदापी न बुलाया जाए.
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