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वाराणसी: अब नए गाइडलाइन से काम करेंगे चिकित्सा अधिकारी

वाराणसी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंन्द्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी को एक ज्ञापन प्रस्तुत किया गया था. इसमें यह उल्लेख किया गया था कि वे प्रभारी चिकित्सा अधिकारी का कार्य नहीं करना चाहते तथा अन्य चिकित्सा कार्य करते रहेंगे. डीएम ने संज्ञान में लेते हुए सभी चिकित्सा अधिकारियों से वार्ता कर समस्या को सुलझाया.

डॉक्टरों से बातचीत करते डीएम.
डॉक्टरों से बातचीत करते डीएम.
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Published : Aug 13, 2020, 7:27 AM IST

वाराणसी: जनपद वाराणसी के स्वास्थ्य महकमे में उस समय हड़कंप मच गया जब जिले के चिकित्सा अधिकारियों ने अपनी चिकित्सकीय सुविधाओं को देने से मना कर सीएमओ को ज्ञापन सौंपा. मामला तूल पकड़ते ही डीएम ने संज्ञान में लेते हुए सभी चिकित्सा अधिकारियों से वार्ता कर समस्या को सुलझाया. इसके बाद नए गाइडलाइन के तहत चिकित्सा अधिकारी कार्य करने को तैयार हो सके.

प्रभारियों ने कार्य सुचारू रूप से करने पर जताई सहमति
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा पीएमएचएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा सभी लोगों से वार्ता की गई. उन्हें समझाया गया कि इस समय कोरोना महामारी की संकट की घड़ी है. इसलिए सबको मिलकर मनोयोग से कार्य करने की आवश्यकता है. उन्हें बताया गया कि कार्य की अधिकता सभी पीएचसी पर कम करने हेतु पिछले चार-पांच दिन में विशेष प्रयास किए गए हैं. इसके बाद उन्हें कार्य करने में विशेष आसानी होगी और उनका भार कम होगा. इसके उपरांत सभी प्रभारियों ने अपना कार्य सुचारू रूप से करने पर सहमति जताई तथा प्रकरण समाप्त हो गया. इसके बाद जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने नए निर्देश जारी किए हैं. जिसमें कुछ मुख्य बिन्दुओं को शामिल किया गया है-

1. स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त जिस भी विभाग के अधिकारी स्वास्थ विभाग की सहायता के लिए लगाए गए हैं, वे सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ ही समन्वय करके कार्य पूर्ण करेंगे. सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से कार्य कराने का संपूर्ण दायित्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी का ही रहेगा. भविष्य में सभी प्रकार की बैठक की जिम्मेदारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी ही निभाएंगे. अन्य विभाग के अधिकारियों का दायित्व एडिशनल सीएमओ तथा उनकी टीम को सपोर्ट करना तथा डाटा फीडिंग, प्लानिंग करने में मदद करने का रहेगा.

2. भविष्य में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अलावा किसी अन्य अधिकारी द्वारा सीधे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अथवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारियों को निर्देश जारी करने के लिए मना कर दिया गया है. इन सबके लिए एडिशनल सीएमओ या सीएमओ ही अधिकृत होंगे.

3. गत 3-4 दिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का कार्यभार कम करने के वृहद प्रयास किए गए हैं. 102 नई अध्यापकों की टीम बनाई गई है, जो कांटेक्ट ट्रेसिंग का कार्य करेंगे. इससे सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कराने का कार्य सुगम हुआ है.

सैंपल की गति बढ़ाई गई

30 नई लैब टेक्नीशियन की टीम बनाकर सैंपल की गति बढ़ाई गई है. इससे पूर्व केवल एक टीम प्रति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कार्यरत थी. इससे सैंपलिंग समय पर पूरा होने में दिक्कत आ रही थी. अब यह कार्य भी समय से पूरा होगा. डाटा फीड करने के लिए शहर के 15 ऐसे स्वास्थ्य केंद्र जिनके ऊपर ज्यादा कार्य का बोझ है व जहां ज्यादा पॉजिटिव केस आए हैं, उनको अतिरिक्त डाटा एंट्री ऑपरेटर कॉन्ट्रैक्ट पर रखकर उपलब्ध कराए गए हैं. इससे उनकी डाटा एंट्री तेज होगी. इसके साथ ही मेडिकल डॉक्टर भी प्रत्येक पीएचसी पर बढ़ाए गए हैं, ताकि सर्विलांस से ढूंढे गए लोगों का इलाज जल्दी हो सके.

जिलाधिकारी ने बताया कि ये सब व्यवस्थाएं सभी पीएचसी प्रभारियों को प्रतिदिन जल्दी कार्य पूरा करने और कार्य का भार कम करने के लिए की गई है, जिनसे उनकी प्रगति बढ़ेगी. इसके साथ ही गठित 4 टीमों से कांटेक्ट ट्रेसिंग, सैंपलिंग, डेटा फीडिंग तथा ट्रीटमेंट कराने के कार्य का पर्यवेक्षण संबंधित एसीएमओ करेंगे तथा अन्य विभागीय अधिकारी इसमें केवल सपोर्ट का रोल निभाएंगे. सीएमओ इस हेतु कार्य आवंटन आदेश पूर्व में ही जारी कर चुके है. वर्तमान में सभी प्रभारी चिकित्साधिकारी अपना अपना कार्य पूर्व की भांति कर रहे हैं.

वाराणसी: जनपद वाराणसी के स्वास्थ्य महकमे में उस समय हड़कंप मच गया जब जिले के चिकित्सा अधिकारियों ने अपनी चिकित्सकीय सुविधाओं को देने से मना कर सीएमओ को ज्ञापन सौंपा. मामला तूल पकड़ते ही डीएम ने संज्ञान में लेते हुए सभी चिकित्सा अधिकारियों से वार्ता कर समस्या को सुलझाया. इसके बाद नए गाइडलाइन के तहत चिकित्सा अधिकारी कार्य करने को तैयार हो सके.

प्रभारियों ने कार्य सुचारू रूप से करने पर जताई सहमति
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा पीएमएचएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा सभी लोगों से वार्ता की गई. उन्हें समझाया गया कि इस समय कोरोना महामारी की संकट की घड़ी है. इसलिए सबको मिलकर मनोयोग से कार्य करने की आवश्यकता है. उन्हें बताया गया कि कार्य की अधिकता सभी पीएचसी पर कम करने हेतु पिछले चार-पांच दिन में विशेष प्रयास किए गए हैं. इसके बाद उन्हें कार्य करने में विशेष आसानी होगी और उनका भार कम होगा. इसके उपरांत सभी प्रभारियों ने अपना कार्य सुचारू रूप से करने पर सहमति जताई तथा प्रकरण समाप्त हो गया. इसके बाद जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने नए निर्देश जारी किए हैं. जिसमें कुछ मुख्य बिन्दुओं को शामिल किया गया है-

1. स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त जिस भी विभाग के अधिकारी स्वास्थ विभाग की सहायता के लिए लगाए गए हैं, वे सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ ही समन्वय करके कार्य पूर्ण करेंगे. सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से कार्य कराने का संपूर्ण दायित्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी का ही रहेगा. भविष्य में सभी प्रकार की बैठक की जिम्मेदारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी ही निभाएंगे. अन्य विभाग के अधिकारियों का दायित्व एडिशनल सीएमओ तथा उनकी टीम को सपोर्ट करना तथा डाटा फीडिंग, प्लानिंग करने में मदद करने का रहेगा.

2. भविष्य में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अलावा किसी अन्य अधिकारी द्वारा सीधे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अथवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारियों को निर्देश जारी करने के लिए मना कर दिया गया है. इन सबके लिए एडिशनल सीएमओ या सीएमओ ही अधिकृत होंगे.

3. गत 3-4 दिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का कार्यभार कम करने के वृहद प्रयास किए गए हैं. 102 नई अध्यापकों की टीम बनाई गई है, जो कांटेक्ट ट्रेसिंग का कार्य करेंगे. इससे सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कराने का कार्य सुगम हुआ है.

सैंपल की गति बढ़ाई गई

30 नई लैब टेक्नीशियन की टीम बनाकर सैंपल की गति बढ़ाई गई है. इससे पूर्व केवल एक टीम प्रति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कार्यरत थी. इससे सैंपलिंग समय पर पूरा होने में दिक्कत आ रही थी. अब यह कार्य भी समय से पूरा होगा. डाटा फीड करने के लिए शहर के 15 ऐसे स्वास्थ्य केंद्र जिनके ऊपर ज्यादा कार्य का बोझ है व जहां ज्यादा पॉजिटिव केस आए हैं, उनको अतिरिक्त डाटा एंट्री ऑपरेटर कॉन्ट्रैक्ट पर रखकर उपलब्ध कराए गए हैं. इससे उनकी डाटा एंट्री तेज होगी. इसके साथ ही मेडिकल डॉक्टर भी प्रत्येक पीएचसी पर बढ़ाए गए हैं, ताकि सर्विलांस से ढूंढे गए लोगों का इलाज जल्दी हो सके.

जिलाधिकारी ने बताया कि ये सब व्यवस्थाएं सभी पीएचसी प्रभारियों को प्रतिदिन जल्दी कार्य पूरा करने और कार्य का भार कम करने के लिए की गई है, जिनसे उनकी प्रगति बढ़ेगी. इसके साथ ही गठित 4 टीमों से कांटेक्ट ट्रेसिंग, सैंपलिंग, डेटा फीडिंग तथा ट्रीटमेंट कराने के कार्य का पर्यवेक्षण संबंधित एसीएमओ करेंगे तथा अन्य विभागीय अधिकारी इसमें केवल सपोर्ट का रोल निभाएंगे. सीएमओ इस हेतु कार्य आवंटन आदेश पूर्व में ही जारी कर चुके है. वर्तमान में सभी प्रभारी चिकित्साधिकारी अपना अपना कार्य पूर्व की भांति कर रहे हैं.

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