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जवान का शव पहुंचा वाराणसी, मौके पर नहीं दिखे जनप्रतिनिधि

जम्मू-कश्मीर में तैनात सेना के जवान श्यामजी यादव के पार्थिव शरीर आज वाराणसी पहुंचा. जवान का पार्थिव शरीर पहुंचने की खबर पाकर कई गांव के लोग जवान के घर पहुंचे. वहीं जवान के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. बताया जा रहा है कि जवान के घर कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा, जिसके कारण ग्रामीणों में काफी नाराज है.

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भारतीय जवान
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Published : Feb 2, 2022, 5:38 PM IST

वाराणसी: जिले के लोहता थाना (Lohta Thana Varanasi) क्षेत्र के सरवनपुर गांव निवासी सेना के जवान श्याम जी यादव का पार्थिव शरीर (Jawan Dead Body) आज (02 फरवरी) सुबह वाराणसी पहुंचा. जवान का पार्थिव शरीर पहुंचने की सूचना मिलने पर आसपास के कई गांवों के लोग जवान के घर पहुंचे. पार्थिव शरीर आने के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं कोई भी वरिष्ठ पुलिस प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा, जिसे लेकर परिजनों में नाराजगी भी है. जवान के जीजा संजय यादव ने बताया कि अधिकारियों को जवान का पार्थिव शरीर आने की जानकारी दी गई थी. लेकिन कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा.

मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार को जम्मू-कश्मीर में तैनात सेना के जवान श्यामजी यादव की संदिग्ध हालत में होटल के एक कमरे में शव मिला था. जवान के पास से मिले पहचान पत्र और मोबाइल नंबर के आधार पर परिजनों को सूचना दी गई. सूचना मिलने के बाद परिजन पठानकोट गए थे. जांच पड़ताल समेत अन्य प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद जवान का शव परिजनों को सौंप दिया गया, जिसे लेकर भारतीय सेना के जवान और शहीद जवान के परिजन आज सुबह सवनपुर गांव पहुंचे. जवान का पार्थिव शरीर गांव के बॉर्डर पर पहुंचते ही 'भारत माता की जय' के नारे लगाते हुए बड़ी संख्या में लोग घर तक पहुंचे.

सरवनपुर गांव
श्याम जी यादव के दो बेटे और एक बेटी है. जवान श्याम जी तीन भाइयों में सबसे छोटे थे. यह भी बता दें कि सरवनपुर गांव के काफी संख्या में युवा भारतीय सेना में नौकरी की तैयारी कर रहे हैं. यही कारण है कि जवान के प्रति लोगों की सहानुभूति और अधिक है.

यह भी पढ़ें: एक फरवरी से 31 मार्च तक नोएडा में लगाई गई धारा 144

मनीष यादव का कहना है कि मृतक जवान को शहीद का दर्जा दिया जाए. वाराणसी शहर में तीन-तीन मंत्री हैं, जिनमें से कोई नहीं आया है. मनीष ने आगे कहा कि पीएम का संसदीय क्षेत्र है फिर भी अंतेष्टि प्रोग्राम में कोई शामिल नहीं होने आया है.

एसीएम उदयभान ने बताया कि परिजनों की जो मांगे हैं वो शासन को भेजा जाएगा. ये मांगे वहीं से पूरी की जाएगी. जवान के बच्चे जब बालिक होंगे तो उनको नौकरी दी जाएगी. जवान को शहीद का दर्जा दिया जाएगा.

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वाराणसी: जिले के लोहता थाना (Lohta Thana Varanasi) क्षेत्र के सरवनपुर गांव निवासी सेना के जवान श्याम जी यादव का पार्थिव शरीर (Jawan Dead Body) आज (02 फरवरी) सुबह वाराणसी पहुंचा. जवान का पार्थिव शरीर पहुंचने की सूचना मिलने पर आसपास के कई गांवों के लोग जवान के घर पहुंचे. पार्थिव शरीर आने के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं कोई भी वरिष्ठ पुलिस प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा, जिसे लेकर परिजनों में नाराजगी भी है. जवान के जीजा संजय यादव ने बताया कि अधिकारियों को जवान का पार्थिव शरीर आने की जानकारी दी गई थी. लेकिन कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा.

मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार को जम्मू-कश्मीर में तैनात सेना के जवान श्यामजी यादव की संदिग्ध हालत में होटल के एक कमरे में शव मिला था. जवान के पास से मिले पहचान पत्र और मोबाइल नंबर के आधार पर परिजनों को सूचना दी गई. सूचना मिलने के बाद परिजन पठानकोट गए थे. जांच पड़ताल समेत अन्य प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद जवान का शव परिजनों को सौंप दिया गया, जिसे लेकर भारतीय सेना के जवान और शहीद जवान के परिजन आज सुबह सवनपुर गांव पहुंचे. जवान का पार्थिव शरीर गांव के बॉर्डर पर पहुंचते ही 'भारत माता की जय' के नारे लगाते हुए बड़ी संख्या में लोग घर तक पहुंचे.

सरवनपुर गांव
श्याम जी यादव के दो बेटे और एक बेटी है. जवान श्याम जी तीन भाइयों में सबसे छोटे थे. यह भी बता दें कि सरवनपुर गांव के काफी संख्या में युवा भारतीय सेना में नौकरी की तैयारी कर रहे हैं. यही कारण है कि जवान के प्रति लोगों की सहानुभूति और अधिक है.

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मनीष यादव का कहना है कि मृतक जवान को शहीद का दर्जा दिया जाए. वाराणसी शहर में तीन-तीन मंत्री हैं, जिनमें से कोई नहीं आया है. मनीष ने आगे कहा कि पीएम का संसदीय क्षेत्र है फिर भी अंतेष्टि प्रोग्राम में कोई शामिल नहीं होने आया है.

एसीएम उदयभान ने बताया कि परिजनों की जो मांगे हैं वो शासन को भेजा जाएगा. ये मांगे वहीं से पूरी की जाएगी. जवान के बच्चे जब बालिक होंगे तो उनको नौकरी दी जाएगी. जवान को शहीद का दर्जा दिया जाएगा.

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