लखनऊ : उत्तर प्रदेश कांग्रेस में अंतर्कलह के चलते कई नेताओं ने दूरी बना ली है तो कई को किनारे कर दिया गया है. चुनाव नजदीक आने के कारण जब समितियों को मजबूत करने और गठन का काम किया जाना चाहिए तब उन्हें भंग किया जा रहा है. मंगलवार को स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन के साथ संरक्षण एवं संवर्धन समिति के मेंबरों के मीटिंग हुई. बुधवार को यह पूरी समिति भंग कर दी गई.
कांग्रेस पार्टी के छह सदस्य वाली संरक्षण एवं संवर्धन समिति को अचानक बुधवार को भंग कर दिया गया. इस समिति में पार्टी के छह वरिष्ठ नेता शामिल थे. गौर करने वाली बात ये है कि मंगलवार को ही स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन भंवर जितेंद्र सिंह के साथ इस समिति के सदस्यों की बैठक हुई थी. काफी देर तक उनके बीच चर्चा भी हुई. भविष्य की रणनीति भी तय हुई, लेकिन दूसरे ही दिन गुरुवार को अचानक मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी की तरफ से एक पत्र जारी कर इस पूरी समिति को ही भंग करने की जानकारी दी गई.
पार्टी की ओर से अचानक उठाए गए इस कदम से संरक्षण एवं संवर्धन समिति के सभी सदस्य आश्चर्यचकित हैं. चेयरमैन की तरफ से जारी पत्र में जिक्र किया गया है कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग की प्रशिक्षण एवं संवर्धन समिति को अपरिहार्य कारणों से भंग किया गया है. प्रशिक्षण एवं संवर्धन समिति के माननीय सभी सदस्यों को शीघ्र ही अन्य जिम्मेदारी पार्टी हित में दी जाएगी.
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कांग्रेस पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग की तरफ से सिर्फ समिति को भंग करने का पत्र ही जारी नहीं किया गया, बल्कि इस समिति के सभी सदस्यों को तत्काल पार्टी के ग्रुप से भी रिमूव कर दिया गया. इससे सभी सदस्यों में नाराजगी भी है.
ये नेता थे इस समिति के सदस्य
ओंकार नाथ सिंह, द्विजेंद्र त्रिपाठी, अमरनाथ अग्रवाल, वीरेंद्र मदान, बृजेंद्र सिंह, ओबैदुल्लाह नासिर.