वाराणसी : प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में पीएम के हाथों जिस मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन की सेकेंड एंट्री का लोकार्पण हुआ था, उसको अब वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाने की तैयारी आखिरी चरण में है. अब मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन की सेकेंड एंट्री पर ट्रेन पकड़ने आने वाले यात्री काशी के प्रमुख स्थलों के दर्शन कर सकेंगे. स्टेशन पर मंदिर, घाट और काशी के प्रमुख दर्शनीय स्थलों की पेंटिंग लगाई गई हैं. इतना ही नहीं स्टेशन परिसर में 100 फीट ऊंचा तिरंगा भी लहराता हुआ दिखाई देगा. काशी के इस स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए म्यूरल आर्ट का भी सहारा लिया गया है.
मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन की सेकेंड एंट्री पर ट्रेन पकड़ने आने वाले यात्रियों को काशी के प्रमुख स्थलों के दर्शन करवाने के लिए सरकार ने अलग तरीका अपनाया है. सर्कुलेटिंग एरिया से लेकर प्रतीक्षालय तक मंदिर, घाट और काशी के प्रमुख दर्शनीय पर्यटन स्थलों की पेंटिंग लगाई गई हैं और उसी के सामने उनका एक संक्षिप्त इतिहास भी लिखा हुआ है. सेकेंड एंट्री पर वीआईपी लाउंज, यात्री प्रतीक्षालय, रिटायरिंग रूम, डॉरमेट्री इन सभी जगहों पर महादेव से लेकर काशी के प्रसिद्ध लेखकों और संतों की तस्वीरें बनाई गई हैं.
वहीं स्टेशन गेट पर ही म्यूरल आर्ट के सहारे महात्मा गांधी का चित्र भी दर्शाया गया है. पूछताछ और अनारक्षित टिकट काउंटर के पास अर्धनारीश्वर का स्वरूप अंकित किया गया है, तो वहीं स्टेशन परिसर में 100 फीट ऊंचा तिरंगा भी लहराए हुआ जल्द ही दिखाई देने वाला है.
पूर्वोत्तर रेलवे के पीआरओ अशोक कुमार का कहना है कि स्टेशन की सेकेंडरी की खूबसूरती बनी रहे और परिसर स्वच्छ रहे, इसलिए इसको नो टोबैको जोन घोषित किया गया है. 15 दिन में मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन पर इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हो जाएगा. इसके बाद वाराणसी से चलने वाली ट्रेन इलाहाबाद तक इलेक्ट्रिक रेल इंजन से संचालित की जाएगी. साथ ही प्लेटफॉर्म पर लेफ्ट और स्वचालित सीढ़ी का काम भी जल्द शुरू होने वाला है. स्टेशन की सेकेंड एंट्री से प्लेटफार्म नंबर एक को जोड़ने वाला फुट ओवर ब्रिज लोगों का आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इन सीढ़ियों पर बनी आकृतियां लोगों को आकर्षण कर रही हैं.