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वाराणसी: कोविड-19 से लड़ने के लिए बनाया गया मालवीय कोरोना कवच

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Published : May 5, 2020, 10:46 PM IST

यूपी के वाराणसी में आईआईटी बीएचयू ने कोविड-19 से लड़ने के लिए मालवीय कोरोना कवच तैयार किया है. इसको विशेष रूप से कोरोना रोगियों का नमूना एकत्र करने के लिए एक बनाया गया है.

आईआईटी बीएचयू ने बनाया मालवीय कोरोना कवच.
आईआईटी बीएचयू ने बनाया मालवीय कोरोना कवच.

वाराणसी: कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से भारत में फैल रहा है. जिसे रोकने के लिए विभिन्न वैज्ञानिक अनुसंधान कार्य कर रहे हैं. जिले के आईआईटी बीएचयू ने कोविड-19 से लड़ने के लिए मालवीय कोरोना कवच तैयार किया है. मालवीय सेंटर फॉर इनोवेशन इन्क्यूबेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप ने मेडिकल सुपरिटेंडेंट सर सुंदरलाल अस्पताल बीएचयू के अनुरोध पर विशेष रूप से कोरोना रोगियों का नमूना एकत्र करने के लिए एक कियोस्क विकसित किया है.

आईआईटी बीएचयू के प्रो. पीके मिश्रा ने बताया कि यह कियोस्क नमूने एकत्र करने के लिए काफी सुरक्षित है. क्योंकि यह नमूना संग्रहकर्ता डॉक्टर को स्वाब नमूना एकत्र करने के लिए पर्याप्त स्थान प्रदान करता है. चैम्बर में उचित वायुदाब और वेंटिलेशन के साथ हवा का उचित प्रवाह भी प्रदान करता है. जो वायरस से प्रभावित होने वाले नमूना कलेक्टर, डॉक्टर के संक्रमित होने कि संभावना को भी कम कर देता है.

आईआईटी बीएचयू ने बनाया मालवीय कोरोना कवच.
आईआईटी बीएचयू ने बनाया मालवीय कोरोना कवच.

इसे भी पढ़ें-वाराणसी: लॉकडाउन में मसीहा बनी पुलिस, गर्भवती महिला को पहुंचाया अस्पताल

प्रो. मिश्रा ने कहा कि चैंबर के अंदर हवा भरने से चैंबर के अंदर पॉजिटिव प्रेशर बना रहता है और बाहर की हवा चैम्बर में जाने से रोक दी जाती है. उन्होंने बताया कि चैंबर के बेहतर परिशोधन के लिए एक स्टरलाइजेशन यूनिट समय-समय पर स्प्रे करती है. कियोस्क हवा के माध्यम से वायरस के फैलाव को भी रोकता है. क्योंकि नमूने एकत्र करते समय कभी-कभी रोगी छींकते या खांसते हैं, लेकिन हवा की शील्ड ऐसे आकस्मिक संक्रमण को रोकती है. इस कियोस्क को तकनीकी रूप से तैयार किया गया है, ताकि कोरोना योद्धाओं के संक्रमित होने के जोखिम को कम किया जा सके.

वाराणसी: कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से भारत में फैल रहा है. जिसे रोकने के लिए विभिन्न वैज्ञानिक अनुसंधान कार्य कर रहे हैं. जिले के आईआईटी बीएचयू ने कोविड-19 से लड़ने के लिए मालवीय कोरोना कवच तैयार किया है. मालवीय सेंटर फॉर इनोवेशन इन्क्यूबेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप ने मेडिकल सुपरिटेंडेंट सर सुंदरलाल अस्पताल बीएचयू के अनुरोध पर विशेष रूप से कोरोना रोगियों का नमूना एकत्र करने के लिए एक कियोस्क विकसित किया है.

आईआईटी बीएचयू के प्रो. पीके मिश्रा ने बताया कि यह कियोस्क नमूने एकत्र करने के लिए काफी सुरक्षित है. क्योंकि यह नमूना संग्रहकर्ता डॉक्टर को स्वाब नमूना एकत्र करने के लिए पर्याप्त स्थान प्रदान करता है. चैम्बर में उचित वायुदाब और वेंटिलेशन के साथ हवा का उचित प्रवाह भी प्रदान करता है. जो वायरस से प्रभावित होने वाले नमूना कलेक्टर, डॉक्टर के संक्रमित होने कि संभावना को भी कम कर देता है.

आईआईटी बीएचयू ने बनाया मालवीय कोरोना कवच.
आईआईटी बीएचयू ने बनाया मालवीय कोरोना कवच.

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प्रो. मिश्रा ने कहा कि चैंबर के अंदर हवा भरने से चैंबर के अंदर पॉजिटिव प्रेशर बना रहता है और बाहर की हवा चैम्बर में जाने से रोक दी जाती है. उन्होंने बताया कि चैंबर के बेहतर परिशोधन के लिए एक स्टरलाइजेशन यूनिट समय-समय पर स्प्रे करती है. कियोस्क हवा के माध्यम से वायरस के फैलाव को भी रोकता है. क्योंकि नमूने एकत्र करते समय कभी-कभी रोगी छींकते या खांसते हैं, लेकिन हवा की शील्ड ऐसे आकस्मिक संक्रमण को रोकती है. इस कियोस्क को तकनीकी रूप से तैयार किया गया है, ताकि कोरोना योद्धाओं के संक्रमित होने के जोखिम को कम किया जा सके.

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