वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय को पूरी तरह खोलने की मांग को लेकर तीसरे दिन छात्र धरने पर बैठे रहे. इस दौरान छात्रों ने मुख्य द्वार को बंद रखा तो वहीं पैदल जाने वाले लोगों और एंबुलेंस के अलावा अन्य किसी को जाने की इजाजत नहीं दी. हालांकि देर रात छात्रों ने दोनों छोटे गेट खोल दिए ताकि सर सुंदरलाल चिकित्सालय के मरीजों और दूर से आने वाले छात्रों को दिक्कत न हो. बता दें कि छात्र 22 फरवरी सुबह 10:00 बजे से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
लगाया अनलॉक का पोस्टर
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने बीएचयू के सिंह द्वार पर 'बीएचयू अनलॉक' का पोस्टर लगाया है. छात्रों की मांग है कि जब तक विश्वविद्यालय सभी छात्रों के लिए पूर्ण रूप से नहीं खोला जाएगा, हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा.
बता दें कि वैश्विक महामारी के दौर में सभी शैक्षणिक संस्थानों के साथ ही काशी हिंदू विश्वविद्यालय भी बंद था. हालांकि 22 फरवरी को फाइनल ईयर के छात्रों के लिए विश्वविद्यालय और हॉस्टल को खोल दिया गया. इसे लेकर फर्स्ट ईयर और सेकंड ईयर के छात्रों में आक्रोश है. छात्रों का कहना है कि जब विश्वविद्यालय में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम हो रहे हैं, विश्वविद्यालय में दुकानें खोली जा रही हैं तो फर्स्ट ईयर और सेकंड ईयर के छात्रों के लिए विश्वविद्यालय क्यों नहीं खोला जा रहा है. इसी बात को लेकर छात्र धरने पर बैठे हैं.
विवि प्रशासन ने छात्रों को मनाने का किया प्रयास
छात्रों को मनाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारी लगातार छात्रों से संपर्क कर रहे हैं. सबसे पहले डिप्टी चीफ प्रॉक्टर छात्रों से मिले. उन्होंने छात्रों को समझाया, लेकिन छात्रों ने उनकी बात नहीं मानी. उसके बाद चयन चीफ प्रॉक्टर मौके पर जाकर छात्रों से मिले. छात्रों ने उन्हें भी मना कर दिया. कुछ देरी बाद छात्र अधिष्ठाता प्रोफेसर एमके सिंह छात्रों को समझाने पहुंचे, लेकिन उन्हें छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा.
जिला प्रशासन अलर्ट
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एक छात्र द्वारा देर रात ट्विटर के माध्यम से कहा गया कि कुछ लोग हमारे इस आंदोलन को बंद कराना चाहते हैं और आंदोलन में उपद्रव कराना चाहते हैं. छात्र के ट्वीट के बाद मौके पर जिला प्रशासन सहित तमाम पुलिस अधिकारियों को तैनात कर दिया गया है.
छात्र विपुल सिंह ने बताया जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन विश्वविद्यालय को पूर्ण रूप से खोले जाने की गाइडलाइन नहीं जारी करता तब तक हमारा यह प्रदर्शन जारी रहेगा. हम आगे और भी रणनीति बनाएंगे कि हम अपने आंदोलन को किस तरह चरणबद्ध तरीके से करते रहे.