वाराणसीः इस शहर के लिए एक कहावत काफी फेमस है कि अगर आपको कहीं की सुबह देखनी हो, तो आ जाइए काशी. जी हां इस शहर को धर्म नगरी के नाम से भी जाना जाता है. आज हम आपको एक ऐसे ही अद्भुत मन्दिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो गुफा के रूप में विराजमान है. यहां शिव पूरे परिवार के साथ निवास करते हैं. खास बात यह है कि यहां भगवान शिव के दर्शन करने मात्र से अमरनाथ यात्रा का फल मिल जाता है. काशी के इस गुफा में विराजे भगवान शिव को बाबा अमरनाथ के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि काशी से लोग जब अमरनाथ यात्रा की शुरुआत करते हैं, तो काशी में मौजूद बाबा अमरेश्वर महादेव के दर्शन करने के उपरांत ही आगे बढ़ते हैं.
यहां सपरिवार विराजते हैं महादेव
वाराणसी के भदैनी मोहल्ले में घाट के ऊपर जमीन से करीब 6 फीट नीचे बाबा अमरनाथ के प्रतिरूप अमरेश्वर महादेव का मंदिर विराजमान है. कहा जाता है कि अमरेश्वर महादेव यहां स्वयंभू शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं. यह मंदिर बाहर से गुफा की तरह नजर आता है. अंदर से आयताकार मंदिर के मध्य में बाबा अमरनाथ विराजमान हैं. इस शिवलिंग की खासियत यह है कि महादेव शिवलिंग में सपरिवार विराजमान हैं. अगर यहां स्वयंभू शिवलिंग को ध्यान से देखा जाए, तो एक ओर भगवान गणेश, मध्य में महादेव और दूसरी ओर मां पार्वती विराजमान हैं. वहीं दीवारों पर शिव पुत्र महाराज कार्तिकेय के चित्र उभरे हुए नजर आते हैं. कहा जाता है कि अगर शिव परिवार का दर्शन करना हो, तो भक्त इस मंदिर में आकर के एक साथ महादेव के पूरे परिवार का दर्शन कर सकते हैं.
होती है सभी मनोकामनाएं पूरी
मंदिर के पुजारी ने बताया कि महादेव के शिवलिंग का दर्शन करने का अपना अलग महत्व है. सावन महीने में बाबा का दर्शन अत्यधिक लाभदायक होता है. सोमवार और शुक्रवार को यहां पर भक्तों की भीड़ होती है. बाबा को चढ़ावे में मदार की माला, दूध और बेल पत्र चढ़ाया जाता है. जिससे बाबा प्रसन्न होते हैं, उन्होंने बताया कि अगर एक महीने कोई प्रतिदिन बाबा अमरनाथ का दर्शन कर ले, तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
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मिलता है अमरनाथ ज्योर्तिलिंग के दर्शन का प्रताप भदैनी क्षेत्र में रहने वाले श्रीधर पांडे बताते हैं कि जो भी दर्शनार्थी वाराणसी से अमरनाथ जी दर्शन करने के लिए जाते हैं, वह बाबा अमरनाथ का दर्शन करने के उपरांत ही काशी से आगे बढ़ते हैं. इनके दर्शन के बिना बाबा बर्फ़ानी का दर्शन अधूरा है. उन्होंने बताया कि ऐसी मान्यता है कि मां गंगा में स्नान करने के उपरांत काशी में विराजित बाबा अमरनाथ का जलाभिषेक कर दर्शन करने से बाबा बर्फानी के दर्शन जितना महत्व मिलता है.