वाराणसी: पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं, क्योंकि 31 साल पुराने अवधेश राय हत्याकांड (Awadhesh Rai Murder Case) मामले में जल्द ही फैसला आ सकता है. वाराणसी कोर्ट में चल रहे इस प्रकरण में मुख्तार अंसारी की वर्चुअल तरीके से पेशी (Mafia Mukhtar Ansari Produced Virtually) 5 जून को होगी. वर्चुअल पेशी के दौरान वाराणसी कोर्ट में अवधेश राय हत्याकांड के मुख्य गवाह और अवधेश राय के भाई अजय राय की भी मौजूदगी रहेगी. केस में आज बहस होगी और माना जा रहा है कि अगली तारीख 5 जून को कोर्ट महत्वपूर्ण फैसला सुना सकता है.
वादी पक्ष के वकील कर चुके हैं जिरह: 31 साल पुराने इस मामले में सारे साक्ष्य प्रस्तुत करने के साथ ही लिखित तौर पर सारी चीजों को दाखिल करने का कोर्ट ने पिछली तारीख को आदेश दिया था. इसमें शुक्रवार को एमपी एमएलए कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी. इसमें वादी अजय राय की तरफ से अधिवक्ता अनुज यादव ने 36 पेज की विस्तृत बहुत कोर्ट में दाखिल कर दी थी.
उन्होंने आरोपी पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिए जाने की गुजारिश की थी. इसके बाद कोर्ट ने दूसरे पक्ष यानी मुख्तार अंसारी की तरफ से वकील श्रीनाथ त्रिपाठी को अपने लिखित बहस दाखिल करने के लिए कहा था. इस पर कोर्ट ने 5 जून को की तिथि मुकर्रर की है.
आज अभियोजन पक्ष को अपनी जवाबी बहस लिखित में भी दाखिल करनी है. पूर्व विधायक अजय राय की ओर से वकील अनुज यादव और विकास सिंह इस मामले में बचाव पक्ष की लिखित बहस अदालत में दाखिल करेंगे. वही अभियोजन की ओर से सभी साक्ष्य पूरे किए जा चुके हैं और ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही मुख्तार अंसारी पर कोर्ट अपना फैसला अवधेश हत्याकांड के संदर्भ में सुना सकती है.
अवधेश राय हत्याकांड प्रकरण:
- 1991 में लहुराबीर वाराणसी में हुआ था अवधेश का हत्याकांड
- 31 साल पुराने मामले में गोली मारकर हुई थी अवधेश राय की निर्मम हत्या
- अवधेश राय के भाई अजय राय ने हथियारबंद हमलावरों के आने और इस प्रकरण में मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम समेत 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था
- इस प्रकरण में सीबीसीआईडी जांच कर चुकी है
- अभियोजन और गवाहों के बयान भी दर्ज हो चुके हैं
- जल्द फैसला आने की उम्मीद जताई जा रही है
जानिए कौन है मुख्तार अंसारी - पूर्वांचल में बाहुबली के तौर पर मुख्तार अंसारी की गिनती होती है
- पहली बार मुख्तार अंसारी ने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर 1996 में चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी
- इसके बाद मऊ से मुख्तार अंसारी 2002 से 2017 तक लगातार जीतता रहा
- वर्तमान में मुख्तार अंसारी जेल में बंद है लेकिन जेल में रहते हुए भी उसने तीन चुनाव लड़े और तीनों जीते
- माफियाओं को संरक्षण देने के आरोप में बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने 2010 में मुख्तार को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया
- 2010 में ही मुख्तार ने कौमी एकता दल के नाम से नई पार्टी बनाई
- 2017 में मुख्तार अंसारी किस पार्टी का विलय बीएसपी में हो गया
- 2014 में मुख्तार ने वाराणसी लोकसभा सीट से नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी चुनाव लड़ा था लेकिन हार गया
- उसने लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन उसमें भी हार का सामना करना पड़ाट
- मुख्तार अंसारी पर कृष्णानंद राय हत्याकांड समेत वाराणसी के ही रुंगटा अपहरण का केस भी दर्ज है
- मुख्तार अंसारी पर अब तक अलग-अलग जिलों में 61 से ज्यादा केस दर्ज हैं, जिसमें 18 हत्या और 10 हत्या के प्रयास के हैं.
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