वाराणसी: एक ओर जहां दाल और सब्जियों के दाम दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं, तो वहीं रसोई गैस की कीमतों में भी आग लगी हुई है. जी हां, आए दिन रसोई गैस के दामों में इजाफा देखने को मिल रहा है. हाल यह है कि बीते 15 दिनों में रसोई गैस की कीमतों में 100 रुपये का इजाफा हुआ है. इससे लोगों की जेबें ढीली हो गई हैं और गृहणियों के रसोई का बजट बिगड़ गया है.
बता दें कि तेल मार्केटिंग कंपनियों ने पहले एलपीजी गैस की कीमतों में प्रति सिलेंडर 50 रुपये बढ़ा दिए थे. उसके बाद 15 दिनों के अंदर दूसरी बार फिर से आयल कंपनियों ने 14.2 किलोग्राम रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 50 रुपये और बढ़ा दी. जिसके बाद रसोई की गैस की कीमत में कुल 100 रुपये की वृद्धि हुई. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत बढ़ने के बाद रसोई गैस सिलेंडर के दाम में इस महीने दूसरी बार वृद्धि हो गई है.
बढ़े दामों ने बिगाड़ा रसोई का बजट
बड़े हुए गैस के दामों को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने वाराणसी में महिलाओं से बातचीत की, जहां महिलाओं ने अपनी अलग-अलग प्रतिक्रिया दी. उनका कहना है कि लगातार बढ़ रहे दाम हमारे रसोई का बजट को बिगाड़ रहे हैं. नए साल के पहले ही सरकार ने हमें ये कैसी सौगात दी है. एक तरफ तेल और सब्जियों के दाम पहले ही आसमान छू रहे थे. अब एलपीजी गैस के दाम भी बढ़ गए हैं.
गृहणियों का कहना है कि सरकार दाम घटाती है तो 10 या 20 रुपये घटाती है. लेकिन जब बढ़ा रही है तो 100 रुपये सीधे ही बढ़ा दे रही है. लॉकडाउन की वजह से हमारी सैलरी पहले से ही कम मिल रही है. अब लगातार बढ़ रही महंगाई हमारे सामने और मुश्किलें बढ़ा रही है. सरकार को समझना चाहिए और गैस के दामों में इस तरीके से बढ़ोतरी नहीं करनी चाहिए. इसकी वजह से हमारी रसोई और जेब दोनों का बजट बिगड़ गया है.
इतने सिलेंडरों की मिलती है सब्सिडी
बता दें कि सरकार 1 साल में 14.2 किलोग्राम के 12 सिलेंडरों पर सब्सिडी देती है. अगर उसके बाद किसी ग्राहक को एलपीजी गैस की जरूरत होती है, तो वह उसे बाजार मूल्य पर खरीदना पड़ता है.