वाराणसी: काशी धर्म-अध्यात्म का वह शहर है जहां माता अन्नपूर्णा भक्तों का पेट भरती हैं. कहा जाता है कि यहां माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगकर बाबा विश्वनाथ अपने भक्तों की भूख मिटाते हैं. इसी मान्यता को पूरा करते हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने आने वाले भक्तों की भूख मिटाने के लिए शिव की रसोई का निर्माण हुआ है. काशी के बाबा विश्वनाथ मंदिर ने रंगभरी एकादशी से शिव की रसोई की शुरुआत हो गई है. बाबा विश्वनाथ मंदिर से कुछ दूरी पर बनाए गए इस भव्य भवन में एक साथ 1000 से ज्यादा भक्तों के भोजन करने की व्यवस्था है. कोरोना काल में इस सुविधा की शुरुआत हुई थी, लेकिन इसे बंद करना पड़ा था. आज विधिवत पूजन के साथ राज्य मंत्री नीलकंठ तिवारी ने इसका शुभारंभ किया. बड़ी संख्या में यहां भक्त पहुंचे और भोजन ग्रहण किया.
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राज्यमंत्री ने परोसा भोजन
शिव की रसोई की शुरुआत के साथ राज्य मंत्री नीलकंठ तिवारी ने भक्तों को अपने हाथों से खाना परोसा. इसके साथ ही मंत्री नीलकंठ तिवारी ने भक्तों को खाना खिलाने के साथ ही खुद विधिवत बैठकर प्रसाद ग्रहण किया. उनका साफ तौर पर कहना है कि यह काफी पुराना प्रोजेक्ट था जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने औपचारिक रूप से की थी. लेकिन कोरोना की वजह से शुरू नहीं हो पाया था. अब इसकी फिर से शुरुआत की गई है, जिसका भक्तों को बड़ा लाभ मिलेगा.
मिलेगा नि:शुल्क भोजन
विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत विश्वनाथ धाम से कुछ दूरी पर डेढ़सी पुल इलाके में प्रशासन की तरफ से पांच मंजिला भव्य अन्न क्षेत्र का निर्माण कराया गया है. यह क्षेत्र पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया है. रंगभरी एकादशी यानी 24 मार्च से भक्तों के लिए बाबा विश्वनाथ मंदिर में प्रसाद की निशुल्क व्यवस्था उपलब्ध कराई गई. इसके अलावा भक्तों को हर समय नि:शुल्क स्वादिष्ट भोजन मुहैया कराया जाएगा.
15 करोड़ की आई लागत
काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से पांच मंजिला भवन 15 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है. इस बारे में मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा का कहना है कि मंदिर प्रशासन की तरफ से यहां आने वाले भक्तों को स्वादिष्ट भोजन देने की तैयारी है. शुरुआती दौर में सिर्फ दोपहर के वक्त का भोजन दिया जाएगा. इसके साथ ही अलग-अलग मैन्यू के हिसाब से भोजन परोसा जाएगा. यहां साउथ से आने वाले भक्तों की तादाद ज्यादा होती है. इसलिए मैन्यू में साउथ इंडियन फूड भी शामिल किया जा रहा है. जिसमें सांभर-चावल, दही, आलू की भुजिया, पापड़, अचार, मिठाई इत्यादि परोसा जाएगा. मंदिर प्रशासन की तरफ से यह पूरी सुविधा नि:शुल्क दी जाएगी, जिससे लोग भरपेट भोजन कर सकेंगे.
पूरी तरह से एयर कंडीशनर है भवन
काशी विश्वनाथ मंदिर की तरफ से तैयार किया गया यह भवन अपने आप में बेहद खास है. 5 मंजिल वाला यह भव्य भवन मिर्जापुर के लाल पत्थरों से तैयार किया गया है. एक बार में एक फ्लोर पर 200 भक्तों को आसानी से बैठाकर भोजन कराने की सुविधा है. हर फ्लोर पूरी तरह से एयर कंडीशनर है. 5 मंजिल वाले इस इमारत में एक बार में 1000 से ज्यादा भक्तों को भोजन कराने की सुविधा रहेगी. हालांकि रंग एकादशी के दिन जब इसकी शुरूआत हुई तब 600 भक्तों के लिए खाने के इंतजाम किए गए. खास मौके पर यानी शिवरात्रि, रंगभरी एकादशी, सावन या अन्य किसी विशेष मौके पर भक्तों को शिफ्ट वाइज भोजन कराने की व्यवस्था मुहैया कराई जाएगी.