वाराणसी: देश में कोरोना वायरस से बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 21 दिन के लॉगडाउन की घोषणा के बाद सबसे बड़ा संकट उन लोगों के लिए खड़ा हो गया है, जो हर रोज कमाकर खाने वाले थे. वहीं छोटी-छोटी आमदनी से अपना और अपने परिवार का पेट भरने वाले बहुत से लोगों के आगे दो वक्त के खाने की किल्लत हो गई है. हालांकि सरकार और प्रशासन बहुत से प्रयास कर रहा है, लेकिन यह वक्त है लोगों के साथ जुड़कर उनकी मदद करने का है.
इस मदद की अपील ईटीवी भारत भी अपने तरीकों से कर रहा है. सोशल मीडिया से लेकर हर जगह हर जिले में प्रयास कर लोगों की मदद की कोशिश ईटीवी भारत की तरफ से जारी है. पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी सोशल मीडिया के जरिए ईटीवी भारत ने हर वर्ग से आगे आने की अपील की. जिसके बाद युवाओं की टोली इस काम में जी-जान से जुट गई है.
दरअसल वाराणसी के कैंट रोडवेज और घाटों के किनारे बड़ी संख्या में गरीब और बेसहारा लोग मौजूद हैं. जिनके आगे इस लॉकडाउन पीरियड में खाने का संकट आ गया है. ऐसे लोगों की मदद करने के लिए बनारस के युवाओं की टोली आगे आई है. वह अपने स्तर पर छोटे छोटे कदम उठाकर बिना किसी सरकारी मदद से यह लोग इन भूखे और जरूरतमंदों का पेट भरने का प्रयास कर रहे हैं.
वहीं अपने घर के बाहर खाली पड़े मैदान में पूड़ी सब्जी के पैकेट तैयार कर लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इन युवाओं की इस अच्छे प्रयास में मोहल्ले के लोग भी काफी मदद कर रहे हैं. साथ ही मोहल्ले की महिलाएं अपने घरों में आटा तैयार कर पुड़ियां बेलकर इनको भेज रहीं है और बाहर पुड़ियों को तैयार करने के बाद सब्जी और पूरी के छोटे-छोटे पैकेट बनाकर उनकी डिलीवरी करने के लिए युवाओं की अलग-अलग टोलियां निकल रही है.