वाराणसी: हर्निया का ऑपरेशन पहले जटिल ऑपरेशन माना जाता था, लेकिन वर्तमान में बढ़ती आधुनिक पद्धतियों ने इस ऑपरेशन को सरल बना दिया है. यही वजह है कि बीते एक दशक में हर्निया के ऑपरेशन की संख्या में न सिर्फ वृद्धि हुई है. बल्कि लोगों को इससे कष्ट भी कम हो रहा है. समय के साथ बदलते ऑपरेशन पद्धति से लोगों को जागरूक करने के लिए वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हर्निया सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जो न सिर्फ लोगों को ओपन ऑपरेशन से लेकर दूरबीन ऑपरेशन के बारे में जानकारी देगा. बल्कि इसकी कॉम्प्लिकेशन व सहजता के बारे में भी बताएगा.
गौरतलब है कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का सर्जरी विभाग 15वीं राष्ट्रीय हर्निया सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है. यह आयोजन इंडियन हर्निया सोसाइटी के तत्वावधान में 25 और 26 अगस्त को किया जाएगा. इस दौरान एक कार्यशाला का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें हार्निया के ऑपरेशन का सीधा प्रसारण किया जाएगा. इस दौरान ओपन और दूरबीन विधि से ऑपरेशन करके दिखाए जाएंगे. इस कार्यशाला में लगभग 400 से अधिक डेलीगेट्स भाग लेने वाले हैं, जो देशभर के कई जगहों से होंगे. विदेशी डेलीगेट्स भी इस कार्यशाला में भाग लेंगे.
सर्जरी का लाइव प्रसारण होगा : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में इस बार ऑपरेशन का लाइव प्रसारण करने की योजना है. इन डॉक्टर्स को भी लाइव प्रसारण में शामिल कराया जाएगा. बीएचयू के चिकित्सकों ने बताया कि लाइव प्रसारण का काम केके एन उडूपा सभागार में किया जाएगा. इस कार्यशाला में 400 से अधिक सर्जन सहित देश के विभिन्न मेडिकल कालेजों के रेजिडेंट डॉक्टर भी शामिल होंगे. इस दौरान लगभग 20 से 25 दूरबीन पद्धति के ऑपरेशन करके दिखाए जाएंगे. इसके साथ ही ओपन ऑपरेशन भी होगा.
हार्निया के ऑपरेशन में आए हैं बदलाव: डॉक्टर मुमताज़ ने बताया कि पिछला दशक हार्निया के लिए बूम साबित हुआ है. उसकी वजह ये है कि पिछले दशक में हार्निया के ऑपरेशन की अलग-अलग पद्धति में काफी बदलाव आया है. ओपन ऑपरेशन से दूरबीन ऑपरेशन की तरफ सर्जनों का झुकाव हुआ है. दूरबीन से किए हुए ऑपरेशन के बाद मरीज कम से कम वक्त में अपने काम पर वापस जा सकता है. इस ऑपरेशन में मरीज को कम से कम दर्द होता है. इस जटिल ऑपरेशन में कॉम्प्लिकेशन्स कम होते हैं. इस वजह से पिछले दशक में हार्निया के मरीजों को काफी फायदा हुआ है.
जटिल पद्धति से करके दिखाएंगे ऑपरेशन: कार्यशाला के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि लाइव ऑपरेटिव वर्कशॉप में लगभग 20 से 25 ऑपरेशन कर के दिखाए जाएंगे. इसमें हर तरह के हार्निया के मरीजों का प्रसारण होगा. इन्वैनल हार्निया, रिकरंट इन्वैनल हार्निया, जिसमें हार्निया का ऑपरेशन हुआ है और फिर से हो रहा है, इनसीजनल हार्निया, जिसमें पेट के बीच के हार्निया का ऑपरेशन किया जाएगा. इसके साथ ही जितने जटिल हार्निया के मामले हैं, जिनमें पहले से ही कॉम्प्लिकेशन्स पैदा हो चुके हैं, उन्हें फिर से कैसे ठीक किया जाए, उसकी जटिल पद्धति को भी कर के दिखाया जाएगा.
कार्यशाला में 35 ऑपरेशन करके दिखाए जाएंगे: डॉक्टर मुमताज़ ने बताया कि हमारे वो सर्जन जो दूरबीन से ऑपरेशन करने के लिए स्किल्ड नहीं हैं, जिनको उस कार्य में ट्रेनिंग नहीं है, उन लोगों को भी ओपन ऑपरेशन करके दिखाया जाएगा कि किस तरह से और किस पद्धति से हम जटिल हार्निया के मरीजों को बेहतर से बेहतर इलाज दे सकते हैं. इस दौरान हम ओपन पद्धति और दूरबीन पद्धति दोनों विधाओं से ऑपरेशन करके दिखाएंगे. इसमें 400 के लगभग डेलीगेट्स इसमें भाग लेंगे, जोकि देश के हर कोने से आ रहे हैं. सर्जन ऑपरेशन करके दिखाएंगे, वे भी साउथ इंडिया, नई दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश से आएंगे. इसमें 20 से 25 दूरबीन और कम से कम 10 ओपन ऑपरेशन कर के दिखाने का लक्ष्य है.
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