वाराणसी: 16 जुलाई की मध्य रात्रि रात 1:30 पर लगे खंडग्रास चंद्रग्रहण का सुबह 17 जुलाई 4:30 पर मोक्ष होने के बाद धर्मनगरी वाराणसी गंगा घाट पूरी तरह से भीड़ से पट गए. मुख्य घाट दशाश्वमेध राजेंद्र प्रसाद शीतला घाट समेत आस-पास के घाटों पर लोगों की जबरदस्त भीड़ देखने को मिली. बड़ी संख्या में लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई. लोगों ने ग्रहण काल खत्म होने के बाद दान पुण्य भी किया.
ग्रहण के बाद आस्था की डुबकी-
- मध्य रात्रि रात 1:30 पर लगा खंडग्रास चंद्रग्रहण .
- भोर में 4:30 बजे खत्म हुआ ग्रहण.
- सूतक काल के वजह से नियमित गंगा आरती जहां दोपहर में 3:00 से 4:00 के बीच ही खत्म करा दी गई थी.
- श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भोर में 3:00 बजे होने वाली मंगला आरती का समय भी परिवर्तित किया गया
- रात भर लोग भजन-कीर्तन और पूजन पाठ करते रहे.
- मुख्य घाट दशाश्वमेध, राजेंद्र प्रसाद शीतला घाट समेत आसपास के घाटों पर लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई.
- लोगों ने चावल, तिल और दक्षिणा देकर ग्रहण के दुष्प्रभावों से मुक्ति की कामना के साथ ईश्वर को नमन किया.
- लोगों ने ग्रहण काल खत्म होने के बाद दान पुण्य भी किया.