वाराणसी: लंका थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर कॉलोनी के रहने वाले अध्यापक ब्रह्मानंद दुबे के घर में बीते 14 अगस्त को लूटपाट की गई थी. विरोध करने पर बदमाशों ने उनके बेटे विशाल दुबे की हत्या कर दी थी. मामले में के खुलासे में जुटी पुलिस के हाथ बड़ी सफलता हाथ लगी है. वारदात के करीब 2 महीने बाद पुलिस ने घटना में शामिल बंजारों के एक गैंग को गिरफ्तार किया. इसमें 5 महिला और दो पुरुष शामिल हैं. पकड़े गए बंजारों ने ब्राह्मानंद दुबे के घर में लूट और हत्या की वारदात को स्वीकार किया है.
बता दें कि घटना के बाद मृतक विशाल दुबे के पिता ने उसके कुछ दोस्तों के खिलाफ तहरीर दी थी. पुलिस तहरीर के आधार पर विशाल के दोस्तों को हिरासत में लेकर पूछताछ की. लेकिन घटना में उनकी संलिप्तता नहीं पाई गई. जिसके बाद पुलिस ने कुछ अन्य लोगों से पूछताछ की, तब जाकर घटना में शामिल बंजारों की टीम को गिरफ्तार किया गया. जिसमें 5 महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं. इनके कब्जे से 4 मोबाइल फोन और 2900 नगद रुपये बरामद किए गए हैं. आरोपी मोबाइल फोन से ब्लूटूथ के सहारे जानकारी लेकर वारदात को अंजाम दिए थे.
पुलिस के अनुसार, कुछ लोग घटना के एक दिन पहले भेलूपुर थाना अंतर्गत बजड़िहा में अपने रिश्तेदार के घर पर रुके हुए थे. घटना के बाद वापस घर पर गए और वहां से फरार हो गए. इंस्पेक्टर लंका महेश पांडेय ने बताया कि पूछताछ के दौरान पकड़े गए लोगों ने बताया कि वह घर की लोकेशन व जानकारी फोन में ब्लूटूथ के जरिए दिए थे. जिसके बाद बंजारें घटना को अंजाम देने के लिए घर आए थे.
घर-घर सामान बेंचने के बहाने करते थे रेकी
पुलिस के मुताबिक, घटना में संलिप्त आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि कॉलोनी में घूम-घूमकर सामान बेचने के दौरान ऐसे मकान को चिन्हित करते थे, जिसमें ताला लगा हो और रात में बंद हो. गिरफ्तार आरोपियों के पास से 4 मोबाइल जो घटना में प्रयोग हुआ था और 2900 नगद रुपये बरामद हुआ है. पुलिस की कई टीमें ने लगातार मुंगेर, मध्य प्रदेश, बिहार, बनारस के आसपास कई स्थानों पर दबिश दी इसके बाद उन्हें ये कामयाबी मिली. बंजारे लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे थे, जिन्हें गिरफ्तार करने में पुलिस को परेशानी हो रही थी.