वाराणसी: धर्म एवं अध्यात्म की नगरी काशी प्राचीन सभ्यता की प्रतीक तो मानी ही जाती है साथ ही आपसी भाईचारे, प्रेम का भी प्रतिबिंब रही है. यहां सभी संप्रदाय, धर्म को मानने वाले बड़े ही प्रेम भाव से रहते हैं, एक दूसरे के त्योहारों पर खुशियां मनाते हैं. हिंदू ई़द मनाते हैं तो मुस्लिम दीवाली पर दीप बना कर बांटते हैं, इसी क्रम में इसी कड़ी में मुस्लिम महिला फाउण्डेशन और विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में मुस्लिम महिलाओं ने इन्द्रेश नगर लमही के रामपंथ आश्रम में गाय के गोबर और मिट्टी से पर्यानुकूलित श्रीराम दीपक बनाकर तैयारी कर रही हैं. जो अयोध्या के साकेत भूषण मंदिर में जलेंगे. मुस्लिम महिलाओं द्वारा तैयार दीपक हिन्दू भाई बहनों को दीपावली पर दिये जाएंगे, जिससे उनका घर रोशन हो सके.
वाराणसी के मुस्लिम महिलाओं द्वारा दीपावली के अवसर पर हिंदू भाई बहनों के लिए मिट्टी एवं गाय के गोबर से दीपक बनाया जा रहा है. मुस्लिम महिलाओं द्वारा तैयार दीपों से अयोध्या में दीपावली में भी मनाई जाएगी. मुस्लिम महिलाओं ने बताया कि हमारे द्वारा तैयार श्रीराम दीपक में तीन संदेश छिपे हैं, एक गऊ संरक्षण, दूसरा पर्यावरण संरक्षण और तीसरा धार्मिक नफरत से मुक्ति का. आज पूरी दुनिया धर्म के नाम पर हिंसा की शिकार हो रही है. मिट्टी और गाय के गोबर से तैयार हुआ श्रीराम दीपक सिर्फ काशी में ही नहीं जलेगा बल्कि अयोध्या के साकेत भूषण श्रीराम पीठ में भी जलाया जायेगा.
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इस अवसर पर मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा कि भगवान श्रीराम के आगमन की तैयारी चल रही है. दीपावली पर अयोध्या में लाखों दीप जलेंगे, उसमें 108 दीपक मुस्लिम महिलाओं का भी होगा. भगवान श्रीराम तो सबके हैं, आज पूरी दुनियां को श्रीराम संस्कृति को अपनाने की जरूरत है.