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कस्तूरबा विद्यालय में लगा रहा ताला, शिक्षण सामग्री के नाम खर्च हो गए 37 लाख

वाराणसी के 6 कस्तूरबा विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों द्वारा बिना छात्रों की उपस्थिति के भोजन मेडिकल केयर और शिक्षण सामग्री के नाम पर 37 लाख का भुगतान किया गया. मामला उच्चाधिकारियों के पास पहुंचने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जवाब तलब किया है.

कस्तूरबा विद्यालय.
कस्तूरबा विद्यालय.
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Published : May 30, 2021, 7:16 AM IST

वाराणसी: कोरोना महामारी के दौर में असुविधा को देखते हुए विद्यालय तो नहीं खोले गए, लेकिन विद्यालय प्रशासन द्वारा विद्यार्थियों की उपस्थिति में दी जाने वाली सुविधाओं के नाम पर कुल 37 लाख रुपये का भुगतान किया गया. ताजा मामला वाराणसी के 6 कस्तूरबा विद्यालयों का हैं, जहां पर विद्यालय के प्रधानाध्यापकों द्वारा बिना छात्रों की उपस्थिति के भोजन मेडिकल केयर और शिक्षण सामग्री के नाम पर 37 लाख का भुगतान किया गया. मामला उच्चाधिकारियों के पास पहुंचने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जवाब तलब किया है.

सुविधाओं के नाम पर 37 लाख का हुआ भुगतान
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के पारदर्शी संचालन की प्रक्रिया हेतु राज्य परियोजना के द्वारा विद्यार्थियों को दी जाने वाली मूलभूत सुविधा, स्टाफ और विद्यार्थियों की उपस्थिति की फोटो, जियो टैगिंग के माध्यम से प्रेरणा पोर्टल पर हर दिन अपडेट करने का निर्देश है. जहां विद्यार्थियों की उपस्थिति के आधार पर ही धनराशि का भुगतान होता है. इसी क्रम में 15 फरवरी से 24 मार्च तक कस्तूरबा विद्यालयों में प्रेरणा पोर्टल पर विद्यार्थियों की अनुपस्थिति है, लेकिन इसके बाद भी विद्यालय के प्रधानाध्यापकों द्वारा भोजन मद में 25 लाख रुपए, मेडिकल केयर में 7 लाख रुपये, शिक्षण सामग्री में 6 लाख रुपये का भुगतान किया गया. इसे लेकर शिक्षा विभाग के द्वारा स्पष्टीकरण भी मांगा गया हैं.

जांच कमेटी की गई है गठित
बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में है. प्रथम दृष्टया जिले के छह कस्तूरबा विद्यालयों के वार्डेन ने प्रेरणा पोर्टल पर छात्रों की उपस्थिति गलत दर्ज की है. साथ ही मद से पैसे भी अनियमित तरीके से लिए हैं. यह पूर्णतः अनियमितता का मामला है. शासन के द्वारा मिले निर्देश के बाद इसके लिए कमेटी गठित कर दी गई है और जांच शुरू है. रिपोर्ट आने के बाद इसे शासन को भेज कर कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढे़ं- प्रिंसिपल की अनोखी पहल : मृत्युभोज के पैसे से स्कूल का किया विकास

वाराणसी: कोरोना महामारी के दौर में असुविधा को देखते हुए विद्यालय तो नहीं खोले गए, लेकिन विद्यालय प्रशासन द्वारा विद्यार्थियों की उपस्थिति में दी जाने वाली सुविधाओं के नाम पर कुल 37 लाख रुपये का भुगतान किया गया. ताजा मामला वाराणसी के 6 कस्तूरबा विद्यालयों का हैं, जहां पर विद्यालय के प्रधानाध्यापकों द्वारा बिना छात्रों की उपस्थिति के भोजन मेडिकल केयर और शिक्षण सामग्री के नाम पर 37 लाख का भुगतान किया गया. मामला उच्चाधिकारियों के पास पहुंचने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जवाब तलब किया है.

सुविधाओं के नाम पर 37 लाख का हुआ भुगतान
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के पारदर्शी संचालन की प्रक्रिया हेतु राज्य परियोजना के द्वारा विद्यार्थियों को दी जाने वाली मूलभूत सुविधा, स्टाफ और विद्यार्थियों की उपस्थिति की फोटो, जियो टैगिंग के माध्यम से प्रेरणा पोर्टल पर हर दिन अपडेट करने का निर्देश है. जहां विद्यार्थियों की उपस्थिति के आधार पर ही धनराशि का भुगतान होता है. इसी क्रम में 15 फरवरी से 24 मार्च तक कस्तूरबा विद्यालयों में प्रेरणा पोर्टल पर विद्यार्थियों की अनुपस्थिति है, लेकिन इसके बाद भी विद्यालय के प्रधानाध्यापकों द्वारा भोजन मद में 25 लाख रुपए, मेडिकल केयर में 7 लाख रुपये, शिक्षण सामग्री में 6 लाख रुपये का भुगतान किया गया. इसे लेकर शिक्षा विभाग के द्वारा स्पष्टीकरण भी मांगा गया हैं.

जांच कमेटी की गई है गठित
बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में है. प्रथम दृष्टया जिले के छह कस्तूरबा विद्यालयों के वार्डेन ने प्रेरणा पोर्टल पर छात्रों की उपस्थिति गलत दर्ज की है. साथ ही मद से पैसे भी अनियमित तरीके से लिए हैं. यह पूर्णतः अनियमितता का मामला है. शासन के द्वारा मिले निर्देश के बाद इसके लिए कमेटी गठित कर दी गई है और जांच शुरू है. रिपोर्ट आने के बाद इसे शासन को भेज कर कार्रवाई की जाएगी.

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