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वाराणसी में भारतीय लोकतंत्र और संसदीय प्रणाली पर हुआ व्याख्यान - वाराणसी समाचार

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में काशी मंथन द्वारा भारतीय लोकतंत्र और संसदीय प्रणाली के विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि व मुख्य प्रवक्ता के रूप में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह मौजूद रहें.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय
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Published : Sep 18, 2019, 11:09 PM IST

वाराणसी: बुधवार को बीएचयू के मालवीय सभागार व्याख्यान का आयोजन किया गया. इसमें वक्ताओं ने अपनी अपनी बातों को रखा. देश की संसद किस तरह कार्य करती है. किस तरह कि उन्हें चुनौतियां होती हैं इन सबके बारे में छात्रों को रूबरू कराया गया.

जानकारी देते हरिवंश नारायण सिंह, राज्यसभा उपसभापति.

लोकतांत्रिक क्रियाकलापों की चर्चा करते हुए हरिवंश नारायण ने बताया कि पिछले कुछ दशकों में भारतीय संसद में राज्यसभा व लोकसभा चर्चा से ज्यादा विरोध प्रदर्शन करने का अखाड़ा बन गया. ऐसे कानून जिन्हें 20 से 30 साल पहले पास होना चाहिए था वह लंबे समय तक संसद में लटके रहे.

हरिवंश नारायण सिंह ने बताया कि मैं काशी मंथन भूमिका का समर्थन करता हूं. जिस तरह का वह काम कर रहे हैं मुझे लगता है पाठ्यक्रमों से भी ज्यादा जरूरत इन चीजों की है. छात्रों को हम बताएं कि वह किन तरह की व्यवस्था में है और इन व्यवस्थाओं में कैसे बेहतर तरीके से काम किया जा सकता है.

वाराणसी: बुधवार को बीएचयू के मालवीय सभागार व्याख्यान का आयोजन किया गया. इसमें वक्ताओं ने अपनी अपनी बातों को रखा. देश की संसद किस तरह कार्य करती है. किस तरह कि उन्हें चुनौतियां होती हैं इन सबके बारे में छात्रों को रूबरू कराया गया.

जानकारी देते हरिवंश नारायण सिंह, राज्यसभा उपसभापति.

लोकतांत्रिक क्रियाकलापों की चर्चा करते हुए हरिवंश नारायण ने बताया कि पिछले कुछ दशकों में भारतीय संसद में राज्यसभा व लोकसभा चर्चा से ज्यादा विरोध प्रदर्शन करने का अखाड़ा बन गया. ऐसे कानून जिन्हें 20 से 30 साल पहले पास होना चाहिए था वह लंबे समय तक संसद में लटके रहे.

हरिवंश नारायण सिंह ने बताया कि मैं काशी मंथन भूमिका का समर्थन करता हूं. जिस तरह का वह काम कर रहे हैं मुझे लगता है पाठ्यक्रमों से भी ज्यादा जरूरत इन चीजों की है. छात्रों को हम बताएं कि वह किन तरह की व्यवस्था में है और इन व्यवस्थाओं में कैसे बेहतर तरीके से काम किया जा सकता है.

Intro:वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में काफी मंथन द्वारा भारतीय लोकतंत्र और संसदीय प्रणाली के विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुख्य प्रवक्ता राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह तो वहीं विशिष्ट अतिथि राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा शामिल हुए।


Body:बीएचयू के मालवीय सभागार में वक्ताओं ने अपनी अपनी बातों को रखा तो वही देश का संसद अपने किस तरह कार्यों को करता है किस तरह कि उन्हें चुनौतियां होती हैं इन सब के बारे में छात्रों को रूबरू कराया गया लोकतांत्रिक क्रियाकलापों की चर्चा करते हुए हरिवंश नारायण ने बताया पिछले कुछ दशकों में भारतीय संसद में राज्यसभा व लोकसभा चर्चा से ज्यादा विरोध प्रदर्शन करने का अखाड़ा बन गया जिसमें बदलाव लाने के लिए ऐसे कानून जिन्हें 20 से 30 साल पहले पास होना चाहिए तो लंबे समय तक संसद में लटके रहे चिकित्सा के क्षेत्र में बदलाव लाने के सड़क परिवहन में बदलाव लाने के खाद्य पदार्थों में मिलावट से जुड़े कानून को लंबे समय तक संसद में ही अटका रहा हमारे जनप्रतिनिधियों ने लगातार निष्क्रिय होते चले गए गैर जिम्मेदार होते हैं यह इसलिए हुआ क्योंकि एक नागरिक के तौर पर हम अपनी जिम्मेदारियों को विमुख हैं। देश के भविष्य में भी बढ़-चढ़कर इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और वह अपने लोकतंत्र की चुनौतियां के साथ ही संसद के क्रियाकलापों के बारे में जाना।


Conclusion:हरिवंश नारायण सिंह ने बताया मैं काफी मंथन भूमिका की समर्थन करता हूं जिस तरह का वह काम कर रहे हैं मुझे लगता है पाठ्यक्रमों से भी ज्यादा जरूरत इन चीजों की है छात्रों को हम बताएं कि वह किन तरह की व्यवस्था में है कैसे व्यवस्था में हैं और इन व्यवस्थाओं में कैसे बेहतर तरीके से काम किया जा सकता है समाज के उन चीजों के बारे में जाने जो उनका भविष्य तय करने वाली है इसलिए मैं मानता हूं यह बहुत अच्छा है और यह मालवीय जी के सिद्धांतों के अनुरूप है कि किस तरह से छात्र यहां निकले देश और दुनिया को प्रदर्शित करें।

बाईट :-- हरिवंश नारायण सिंह, राज्यसभा उपसभापति
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