वाराणसीः काशी के कोतवाल काल भैरव देश भक्ति के रंग में नजर आए. जहां एक तरफ श्रीकाशी विश्वनाथ बाबा का 3 रंगों से शृंगार किया गया. वहीं काशी के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव का शृंगार भी आज देश के 75वें स्वतंत्रता वर्षगांठ को समर्पित रहा.
आजादी के पर्व पर बाबा काल भैरव का शृंगार भी तीन प्रकार के अलग-अलग पुष्पों से किया गया. सबसे पहले हरे रंग के लिए दोना की पत्तियों का प्रयोग किया गया. फिर सफेद रंग के लिए बेल पुष्प का प्रयोग किया. केसरिया रंग के लिए गेंदे के फूल का उपयोग किया गया. इस प्रकार बाबा भी पूरी तरह देश भक्ति के रंग में नजर आए. बाबा का यह शृंगार विशेष रहा, क्योंकि भगवान भक्तों के भाव को ही देखते हैं और आज काशी के जनता का भाव भी देश भक्ति के रंग में रमा नजर आया.
मान्यता है कि, श्रीकाशी विश्वनाथ का दर्शन करने के बाद बाबा काल भैरव का दर्शन किया जाता है. तभी काशी विश्वनाथ दर्शन का फल का प्राप्त होता है. यही वजह है कि जो भी भक्त काशी आता है. वह बाबा काल भैरव का दर्शन करता है. वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री जब भी काशी आते हैं. बाबा का दर्शन अवश्य करते हैं, कुछ दिन पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करते हुए कहा था कि, काशी में दंड देने का कार्य बाबा काल भैरव करते हैं.
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शृंगार के समय बाबा काल भैरव के जयकारे और हर-हर महादेव के जयकारे के साथ भारत माता की जय के नारों से मंदिर प्रांगण गूंज उठा. श्रीकाल भैरव मंदिर के पुजारी सुमित उपाध्याय ने बताया पूरे विधि विधान से बाबा का पूजन किया गया और आज उनका विशेष शृंगार किया गया. बाबा से प्रार्थना की गई कि, जल्द से जल्द वैश्विक महामारी खत्म हो और हमारा देश उन्नति की ओर बढ़े.