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डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का बड़ा एलान, काशी में लगेंगी शिवाजी महाराज और गोगा भट्ट की प्रतिमाएं - वाराणसी में महानाट्य जाणता राजा

वाराणसी में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक बुधवार (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak in Varanasi) को पहुंचे. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के एंफीथिएटर ग्राउंड में महानाट्य 'जाणता राजा' के मंचन के दौरान वह बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे. उन्होंने कहा की काशी में शिवाजी महाराज और गोगा भट्ट की प्रतिमा लगेगी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 23, 2023, 8:55 AM IST

वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के एंफीथिएटर ग्राउंड में महानाट्य 'जाणता राजा' का मंचन (Drama Janata Raja in Varanasi) किया जा रहा है. बुधवार को इसके मंचन का शुभारंभ किया गया. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak in Varanasi) मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे. कार्यक्रम का शुभारंभ हर-हर महादेव के जयकारों के साथ हुआ.

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के एंफीथिएटर ग्राउंड में महानाट्य  'जाणता राजा' का मंचन
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के एंफीथिएटर ग्राउंड में महानाट्य 'जाणता राजा' का मंचन

बुधवार को नाटक का पहला मंचन हुआ. पहले दृश्य में पठानों के महाराष्ट्र पर आक्रमण, जीजाबाई का शिवाजी को जन्म देना, महाराष्ट्र में उत्सव मनाया जाना दिखाया गया. पूरा ग्राउंड जय भवानी के जयकारों से गूंज रहा था. ब्रजेश पाठक ने मंच से एलान किया कि काशी में शिवाजी महाराज और पंडित गोगा भट्ट की प्रतिमा लगाई जाएगी.

राष्ट्रवाद और धर्म के प्रति दृढता को भी भव्य तरीके से प्रदर्शित किया गया
राष्ट्रवाद और धर्म के प्रति दृढता को भी भव्य तरीके से प्रदर्शित किया गया

काशी में इस समय राष्ट्रवाद का पाठ एक अलग ही तरीके से पढ़ाया जा रहा है. जहां एक भव्य दरबार है, किला है, राजा हैं, प्रजा है, सैनिक हैं. हाथी-घोड़े-ऊंट और हाथी हैं. जहां युद्ध हो रहा है. जहां किलकारियां गूंज रही हैं. हर-हर महादेव के जयकारे लग रहे हैं. जी हां! हम बात कर रहे हैं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के एंफीथिएटर ग्राउंड चल रहे महानाट्य मंचन 'जाणता राजा' की. इसके लेखक हैं बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे. इस नाटक में महाराष्ट्र के संघर्ष, मराठाओं का पठानों से युद्ध, जीजाबाई का त्याग और छत्रपति शिवाजी का युद्ध कौशल बताया गया है. इसके साथ ही उनके राष्ट्रवाद और धर्म के प्रति दृढता को भी भव्य तरीके से प्रदर्शित किया गया है.

कार्यक्रम का शुभारंभ हर-हर महादेव के जयकारों के साथ हुआ
कार्यक्रम का शुभारंभ हर-हर महादेव के जयकारों के साथ हुआ
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने किया शुभारंभ: इस महानाट्य का शुभारंभ बुधवार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एंफीथिएटर ग्राउंड में किया. मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे डिप्टी सीएम ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस नाटक के प्रथम दृश्य में पठानों द्वारा महाराष्ट्र पर आक्रमण दिखाया गया. इसके बाद जीजाबाई ने शिवाजी को जन्म दिया. उनके जन्म पर महाराष्ट्र में उत्सव मनाया गया. इस दौरान हाथों-घोड़े देखने के बाद मंचन देखने आए दर्शक दीर्घा में मौजूद लोगों में उत्साह देखते बन रहा था. मंचन शुरू होते ही पूरा ग्राउंड जय भवानी के जयकारों से गूंज उठा. वहीं डिप्टी सीएम ने भी इसकी तारीफ की. उन्होंने कहा, औरंगजेब के बीच हुए युद्ध और संघर्ष की दास्तान को अच्छे तरीके से बताया गया है.
नाटक के प्रथम दृश्य में पठानों द्वारा महाराष्ट्र पर आक्रमण दिखाया गया
नाटक के प्रथम दृश्य में पठानों द्वारा महाराष्ट्र पर आक्रमण दिखाया गया

शिवाजी महाराज और पंडित गोगा भट्ट की लगेगी प्रतिमा: मंच से डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा, 'वीर शिवाजी का काशी से गहरा रिश्ता रहा है. पंडित गोगा भट्ट ने छत्रपति शिवाजी का राज्याभिषेक कराया था. ऐसे में अगर महापौर जगह उपलब्ध कराते हैं तो वीर शिवाजी महाराज और पंडित गोगा भट्ट की संयुक्त प्रतिमा काशी में लगाने का प्रयास किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वाराणसी में मरीजों को और बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी. 6 एफआरयू (फस्ट रेफरल यूनिट) क्रियाशील किए जाएंगे. जिले की सभी चिकित्सा इकाइयों में आवश्यकतानुसार विभिन्न क्षेत्र के 34 चिकित्साधिकारियों की तैनाती की जाएगी. इस संबंध में प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को आदेश दिया गया है.

नाटक में महाराष्ट्र के संघर्ष, मराठाओं का पठानों से युद्ध, जीजाबाई का त्याग और छत्रपति शिवाजी का युद्ध कौशल बताया गया
नाटक में महाराष्ट्र के संघर्ष, मराठाओं का पठानों से युद्ध, जीजाबाई का त्याग और छत्रपति शिवाजी का युद्ध कौशल बताया गया
अलग-अलग द्वार के लिए अलग-अलग शुल्क: मिर्जापुर और भदोही से आए आठ हजार लोगों ने महानाट्य देखा. नाटक के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित किया गया है. नाटक मंचन के दौरान छत्रपति शिवाजी के दुर्ग की तरह बैठने की व्यवस्था की गई है. पल्हानगढ़ में बैठकर नाटक देखने का शुल्क 200 रुपये है, तोरणगढ़ द्वारा का शुल्क 500 रुपये है, विशालगढ़ द्वार का शुल्क 1000 रुपये है और रायगढ़ द्वार का शुल्क 10,000 रुपये है. इस तरह से अलग-अलग द्वार के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित किया गया है. नाटक के आयोजकों का कहना है कि इस नाटक से होने वाली आय से बीएचयू कैंसर अस्पताल में 40 हजार वर्गफीट में तीमारदारों के लिए 5 मंजिला आवासीय भवन का निर्माण कराया जाएगा.

ये भी पढ़ें- जानिए क्या कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान के लिए तैयार है काशी में गंगा

वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के एंफीथिएटर ग्राउंड में महानाट्य 'जाणता राजा' का मंचन (Drama Janata Raja in Varanasi) किया जा रहा है. बुधवार को इसके मंचन का शुभारंभ किया गया. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak in Varanasi) मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे. कार्यक्रम का शुभारंभ हर-हर महादेव के जयकारों के साथ हुआ.

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के एंफीथिएटर ग्राउंड में महानाट्य  'जाणता राजा' का मंचन
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के एंफीथिएटर ग्राउंड में महानाट्य 'जाणता राजा' का मंचन

बुधवार को नाटक का पहला मंचन हुआ. पहले दृश्य में पठानों के महाराष्ट्र पर आक्रमण, जीजाबाई का शिवाजी को जन्म देना, महाराष्ट्र में उत्सव मनाया जाना दिखाया गया. पूरा ग्राउंड जय भवानी के जयकारों से गूंज रहा था. ब्रजेश पाठक ने मंच से एलान किया कि काशी में शिवाजी महाराज और पंडित गोगा भट्ट की प्रतिमा लगाई जाएगी.

राष्ट्रवाद और धर्म के प्रति दृढता को भी भव्य तरीके से प्रदर्शित किया गया
राष्ट्रवाद और धर्म के प्रति दृढता को भी भव्य तरीके से प्रदर्शित किया गया

काशी में इस समय राष्ट्रवाद का पाठ एक अलग ही तरीके से पढ़ाया जा रहा है. जहां एक भव्य दरबार है, किला है, राजा हैं, प्रजा है, सैनिक हैं. हाथी-घोड़े-ऊंट और हाथी हैं. जहां युद्ध हो रहा है. जहां किलकारियां गूंज रही हैं. हर-हर महादेव के जयकारे लग रहे हैं. जी हां! हम बात कर रहे हैं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के एंफीथिएटर ग्राउंड चल रहे महानाट्य मंचन 'जाणता राजा' की. इसके लेखक हैं बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे. इस नाटक में महाराष्ट्र के संघर्ष, मराठाओं का पठानों से युद्ध, जीजाबाई का त्याग और छत्रपति शिवाजी का युद्ध कौशल बताया गया है. इसके साथ ही उनके राष्ट्रवाद और धर्म के प्रति दृढता को भी भव्य तरीके से प्रदर्शित किया गया है.

कार्यक्रम का शुभारंभ हर-हर महादेव के जयकारों के साथ हुआ
कार्यक्रम का शुभारंभ हर-हर महादेव के जयकारों के साथ हुआ
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने किया शुभारंभ: इस महानाट्य का शुभारंभ बुधवार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एंफीथिएटर ग्राउंड में किया. मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे डिप्टी सीएम ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस नाटक के प्रथम दृश्य में पठानों द्वारा महाराष्ट्र पर आक्रमण दिखाया गया. इसके बाद जीजाबाई ने शिवाजी को जन्म दिया. उनके जन्म पर महाराष्ट्र में उत्सव मनाया गया. इस दौरान हाथों-घोड़े देखने के बाद मंचन देखने आए दर्शक दीर्घा में मौजूद लोगों में उत्साह देखते बन रहा था. मंचन शुरू होते ही पूरा ग्राउंड जय भवानी के जयकारों से गूंज उठा. वहीं डिप्टी सीएम ने भी इसकी तारीफ की. उन्होंने कहा, औरंगजेब के बीच हुए युद्ध और संघर्ष की दास्तान को अच्छे तरीके से बताया गया है.
नाटक के प्रथम दृश्य में पठानों द्वारा महाराष्ट्र पर आक्रमण दिखाया गया
नाटक के प्रथम दृश्य में पठानों द्वारा महाराष्ट्र पर आक्रमण दिखाया गया

शिवाजी महाराज और पंडित गोगा भट्ट की लगेगी प्रतिमा: मंच से डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा, 'वीर शिवाजी का काशी से गहरा रिश्ता रहा है. पंडित गोगा भट्ट ने छत्रपति शिवाजी का राज्याभिषेक कराया था. ऐसे में अगर महापौर जगह उपलब्ध कराते हैं तो वीर शिवाजी महाराज और पंडित गोगा भट्ट की संयुक्त प्रतिमा काशी में लगाने का प्रयास किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वाराणसी में मरीजों को और बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी. 6 एफआरयू (फस्ट रेफरल यूनिट) क्रियाशील किए जाएंगे. जिले की सभी चिकित्सा इकाइयों में आवश्यकतानुसार विभिन्न क्षेत्र के 34 चिकित्साधिकारियों की तैनाती की जाएगी. इस संबंध में प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को आदेश दिया गया है.

नाटक में महाराष्ट्र के संघर्ष, मराठाओं का पठानों से युद्ध, जीजाबाई का त्याग और छत्रपति शिवाजी का युद्ध कौशल बताया गया
नाटक में महाराष्ट्र के संघर्ष, मराठाओं का पठानों से युद्ध, जीजाबाई का त्याग और छत्रपति शिवाजी का युद्ध कौशल बताया गया
अलग-अलग द्वार के लिए अलग-अलग शुल्क: मिर्जापुर और भदोही से आए आठ हजार लोगों ने महानाट्य देखा. नाटक के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित किया गया है. नाटक मंचन के दौरान छत्रपति शिवाजी के दुर्ग की तरह बैठने की व्यवस्था की गई है. पल्हानगढ़ में बैठकर नाटक देखने का शुल्क 200 रुपये है, तोरणगढ़ द्वारा का शुल्क 500 रुपये है, विशालगढ़ द्वार का शुल्क 1000 रुपये है और रायगढ़ द्वार का शुल्क 10,000 रुपये है. इस तरह से अलग-अलग द्वार के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित किया गया है. नाटक के आयोजकों का कहना है कि इस नाटक से होने वाली आय से बीएचयू कैंसर अस्पताल में 40 हजार वर्गफीट में तीमारदारों के लिए 5 मंजिला आवासीय भवन का निर्माण कराया जाएगा.

ये भी पढ़ें- जानिए क्या कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान के लिए तैयार है काशी में गंगा

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