वाराणसी: भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में 16 से 30 नवंबर तक किसान ट्रैक्टर यात्रा एवं चौपाल का आयोजन किया जा रहा है. इसके तहत रविवार को वाराणसी के पिंडरा विधानसभा क्षेत्र से स्थित विश्वनाथपुर गांव में प्रोग्राम का आयोजन किया गया, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह शामिल हुए. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसान भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं और रहेंगे भी. किसान आंदोलन के विषय पर उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में एक भी किसान की मौत नहीं हुई है.
किसान बीजेपी के साथ हैं
वाराणसी के पिंडरा विधानसभा में ट्रैक्टर रैली एवं खाट चौपाल का आयोजन किया गया, जिसका शुभारंभ बाबतपुर चौराहे से किया गया और इसका समापन विश्वनाथपुर गांव में किया गया. ट्रैक्टर रैली में करीब 500 की संख्या में ट्रैक्टर शामिल थे. ट्रैक्टर रैली में किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह, भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा एवं पिंडरा के विधायक डॉ. अवधेश सिंह शामिल थे. किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के साथ किसान साथ में हैं एवं रहेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हित के लिए बहुत से कदम उठाए हैं, उसमें 3 कृषि कानून भी था जिसे किसानों की मांग के बाद वापस भी ले लिया गया है.
कुछ मुद्दा विहीन लोग किसानों को कर रहे गुमराह
कामेश्वर सिंह ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के तहत किसान रैली एवं खाट चौपाल का आयोजन किया गया है. एमएसपी के सवाल पर कामेश्वर सिंह ने कहा कि 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में सबसे ज्यादा औषध के रूप में देखा जाए तो एमएसपी बढ़ने का काम किया गया है. आने वाले दिनों में न्यूनतम समर्थन बिल का दाम रहेगा. किसानों द्वारा आंदोलन पर बैठे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि 2014 की केंद्र सरकार और 2017 में राज्य सरकार के बाद विरोधी पार्टियों को कोई मुद्दा नहीं मिला था. इसलिए कुछ मुद्दा विहीन लोग किसानों को साथ में लेकर देश को गुमराह करने का काम प्रयास कर रहे हैं. उनको जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानून वापस लिया है.
किसान आंदोलन में नहीं हुई किसी की मौत
विपक्ष द्वारा किसान आंदोलन में मृत किसानों को मुआवजा की मांग उठाने के सवाल पर कामेश्वर सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन में किसी किसान की मौत नहीं हुई है. जिन लोगों की मृत्यु हुई है वो कोरोना वायरस और अन्य बीमारियों के कारण हुई है. 2 साल का जो पिछला समय बीता वह स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक था.
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