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जाने बनारस में आज के दिन क्यों बनता है जलेबा

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कजरी का पर्व धूमधाम से मनाया गया. वहीं रतजगा के मौके पर जगह-जगह जलेबा की अस्थाई दुकान लगी रही. इन दुकानों पर लोग जलेबा लेने के लिए देर शाम से ही लाइन में लग रहे.

बनारस में कजरी का पर्व मनाया गया.
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Published : Aug 17, 2019, 11:42 PM IST

वाराणसी: बनारस शहर अपने खानपान के लिए जाना जाता है. बनारसी पान के बारे में आपने सुना ही होगा और खाया भी होगा. बनारस की कचौड़ी जलेबी भी फेमस है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी व्यंजन के बारे में बताएंगे, जो खास आज के दिन बनाया और खाया जाता है. बनारस में कजरी पर्व के पूर्व संध्या पर जलेबी नहीं बल्कि जलेबा बनाया जाता है.

बनारस में कजरी का पर्व मनाया गया.

पढ़ें- पिता के सामने ढाई साल का मासूम अगवा, आरोपी गिरफ्तार


कजरी पर्व की रही धूम

  • वाराणसी में आज कजरी पर्व की धूम रही, जहां देर शाम महिलाओं ने कजरी गीत गाया और एक-दूसरे को शुभकामनाएं दी.
  • शाम ढलते ढलते जलेबा खाने की रस्म भी निभाई गई.
  • ग्रामीण सीमा से सटे शहरी इलाकों में रात्रि में कजरी के कई कार्यक्रम हुए.
  • बनारस में देर शाम से ही जलेबा खाने और खिलाने का दौर शुरू हो गया.
  • जगह-जगह जलेबा की अस्थाई दुकान लग गई. दुकानों पर बड़े-बड़े जलेबा सजावट के लिए टांगे गए.

दुकानों पर लगी रही लाइनें

  • इन दुकानों पर जलेबा लेने के लिए देर शाम से ही लोग लाइन में दिखे. देर रात तक लोग जलेबा खरीदते रहे.
  • मनीष ने बताया कि आज रतजगा है और वे अपनी पुरानी रस्म को निभा रहे हैं.
  • उन्होंने बताया कि आज के दिन जलेबा खाया और अपनी प्रिय मित्रों और पड़ोसियों को खिलाया जाता है.
  • पूरे बनारस में स्थाई और अस्थाई दुकानों पर जलेबा बेचा जाता है.

वाराणसी: बनारस शहर अपने खानपान के लिए जाना जाता है. बनारसी पान के बारे में आपने सुना ही होगा और खाया भी होगा. बनारस की कचौड़ी जलेबी भी फेमस है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी व्यंजन के बारे में बताएंगे, जो खास आज के दिन बनाया और खाया जाता है. बनारस में कजरी पर्व के पूर्व संध्या पर जलेबी नहीं बल्कि जलेबा बनाया जाता है.

बनारस में कजरी का पर्व मनाया गया.

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कजरी पर्व की रही धूम

  • वाराणसी में आज कजरी पर्व की धूम रही, जहां देर शाम महिलाओं ने कजरी गीत गाया और एक-दूसरे को शुभकामनाएं दी.
  • शाम ढलते ढलते जलेबा खाने की रस्म भी निभाई गई.
  • ग्रामीण सीमा से सटे शहरी इलाकों में रात्रि में कजरी के कई कार्यक्रम हुए.
  • बनारस में देर शाम से ही जलेबा खाने और खिलाने का दौर शुरू हो गया.
  • जगह-जगह जलेबा की अस्थाई दुकान लग गई. दुकानों पर बड़े-बड़े जलेबा सजावट के लिए टांगे गए.

दुकानों पर लगी रही लाइनें

  • इन दुकानों पर जलेबा लेने के लिए देर शाम से ही लोग लाइन में दिखे. देर रात तक लोग जलेबा खरीदते रहे.
  • मनीष ने बताया कि आज रतजगा है और वे अपनी पुरानी रस्म को निभा रहे हैं.
  • उन्होंने बताया कि आज के दिन जलेबा खाया और अपनी प्रिय मित्रों और पड़ोसियों को खिलाया जाता है.
  • पूरे बनारस में स्थाई और अस्थाई दुकानों पर जलेबा बेचा जाता है.
Intro:बनारस एक ऐसा शहर जिसके नाम में ही रस है तो नाम से ही प्रतीत होता है यह शहर अपने खानपान के लिए जाना जाता होगा जी हां बिलकुल बनारसी पान के बारे में आपने सुना ही होगा और खाया भी होगा बनारस की कचोरी जलेबी भी फेमस है लेकिन आज हम आपको एक ऐसी व्यंजन के बारे में बताएंगे जो खास आज रज रतजगा के दिन खाया जाता है। और बनता है बनारस में आज के दिन जलेबी नहीं बल्कि जलेबा बनाया जाता है।


Body:वाराणसी में आज कजरी पर्व की धूम रही जहां देर शाम महिलाओं ने कजरी गीत गाया एक दूसरे को शुभकामनाएं दिया तो उसके साथ थी शाम ढलते ढलते जलेबा खाने की रस्म भी निभाई गई ग्रामीण सीमा से सटे शहरी इलाकों में रात्रि में महिलाओं ने कजरी के कई कार्यक्रम हुए और जमकर जलेबा खाया।

बनारस में देर शाम से ही जलेबा खाने और खिलाने का दौर शुरू हो गया जगह-जगह जलेबा की अस्थाई दुकान लग गई दुकानों पर बड़े-बड़े जलेबा सजावट के लिए टांगे गए इन दुकानों पर जलेबा लेने के लिए देर शाम से ही लोग लाइन में दिखे और देर रात तक लोग जलेबा खरीदते रहे आज के दिन बनारस में सोया नहीं जाता है लोग रातभर जलेबा खाते हैं और एक दूसरे से मिलते हैं।


Conclusion:नागरिक मनीष ने बताया कि आज रतजगा है। और हम सब लोग अपनी पुरानी रस्म को निभा रहे हैं।आज के दिन जलेबा खाया जाता है और अपनी प्रिय मित्रों और पड़ोसियों को खिलाया जाता है हम यहां जलेबा खरीदने आए हैं या मिठाई आज ही के दिन बनता है। पूरे बनारस में हर दुकानों पर स्थाई और अस्थाई रूप से यह जलेबा बेचा जाता है। आज के दिन पूरा बनारस जलेबा खा कर मस्त रहता है।


अशुतोष उपाध्याय

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