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वाराणासी: निजी अस्पतालों में मनमानी पर जनसंपर्क कार्यालय को पीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में जवाहर नगर स्थित जनसंपर्क कार्यालय पर निजी अस्पताल द्वारा मनमानी को लेकर ज्ञापन दिया गया. निजी अस्पतालों के संदर्भ में पत्रकार कल्याण परिषद की अगुवाई में कई वरिष्ठ पत्रकारों के साथ प्रधानमंत्री के नाम पत्र देकर सामाजिक मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने का आग्रह किया.

प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन.
प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन.
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Published : Jun 26, 2020, 5:18 PM IST

Updated : Jun 26, 2020, 5:41 PM IST

वाराणसी: जिले में पत्रकार कल्याण परिषद के प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा पंडित की अगुवाई में पत्रकारों ने पांच सूत्रीय मांगों का पत्रक जनसंपर्क कार्यालय के प्रभारी शिवचरण पाठक को दिया. इन मांगों के बाद किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर उनका पंजीयन और डाॅक्टर की प्रैक्टिस पर रोक लगाने के प्रावधान की मांग की गई. वाराणसी जनपद में बिहार, पूर्वांचल के कोने-कोने से मरीज आते हैं.

यह है मुख्य मांगें

1: जिले में जितने भी निजी अस्पताल हैं, उनकी पूरी जानकारी थाना और जिलाधीश कार्यालय में उपलब्ध हो.

2: उपचार के लिए आए मरीजों का पूरा विवरण, नाम, पता, मोबाइल नम्बर, रोग, रोग का पूर्व इतिहास और विवरण.

3: मरीज के आने और अंतिम दिन तक यानि ठीक होने तक क्या-क्या दवा दी गई, ऑपरेशन आदि सभी खर्च का पूरा विवरण.

4: सभी विवरण पाक्षिक अथवा मासिक स्थानीय थाना को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाए.

सरकारी अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर, जिलाधीश या उनका प्रतिनिधि, स्थानीय विधायक या सभासद, प्रिन्ट मीडिया और इलेक्ट्रानिक मीडिया का एक-एक प्रतिनिधि, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि की एक समिति हो जो अधिकतम तीन माह में स्थलीय दौरा कर सभी दस्तावेजों की जांच कर अपनी प्रगति रिपोर्ट जिलाधीश को दे, जिसे राज्य सरकार को भेजा जाए.

कृष्णा पंडित ने बताया कि हम लोगों ने वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री को एक पत्र भेजा है, क्योंकि वह हमारे अभिभावक भी हैं. जिस तरह जनपद ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में प्राइवेट अस्पतालों द्वारा मनमानी तरीके से लूट-खसोट की जा रही है, गरीबों का शोषण किया जा रहा है इस पर उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए हम लोग यहां आए हैं.

वाराणसी: जिले में पत्रकार कल्याण परिषद के प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा पंडित की अगुवाई में पत्रकारों ने पांच सूत्रीय मांगों का पत्रक जनसंपर्क कार्यालय के प्रभारी शिवचरण पाठक को दिया. इन मांगों के बाद किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर उनका पंजीयन और डाॅक्टर की प्रैक्टिस पर रोक लगाने के प्रावधान की मांग की गई. वाराणसी जनपद में बिहार, पूर्वांचल के कोने-कोने से मरीज आते हैं.

यह है मुख्य मांगें

1: जिले में जितने भी निजी अस्पताल हैं, उनकी पूरी जानकारी थाना और जिलाधीश कार्यालय में उपलब्ध हो.

2: उपचार के लिए आए मरीजों का पूरा विवरण, नाम, पता, मोबाइल नम्बर, रोग, रोग का पूर्व इतिहास और विवरण.

3: मरीज के आने और अंतिम दिन तक यानि ठीक होने तक क्या-क्या दवा दी गई, ऑपरेशन आदि सभी खर्च का पूरा विवरण.

4: सभी विवरण पाक्षिक अथवा मासिक स्थानीय थाना को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाए.

सरकारी अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर, जिलाधीश या उनका प्रतिनिधि, स्थानीय विधायक या सभासद, प्रिन्ट मीडिया और इलेक्ट्रानिक मीडिया का एक-एक प्रतिनिधि, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि की एक समिति हो जो अधिकतम तीन माह में स्थलीय दौरा कर सभी दस्तावेजों की जांच कर अपनी प्रगति रिपोर्ट जिलाधीश को दे, जिसे राज्य सरकार को भेजा जाए.

कृष्णा पंडित ने बताया कि हम लोगों ने वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री को एक पत्र भेजा है, क्योंकि वह हमारे अभिभावक भी हैं. जिस तरह जनपद ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में प्राइवेट अस्पतालों द्वारा मनमानी तरीके से लूट-खसोट की जा रही है, गरीबों का शोषण किया जा रहा है इस पर उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए हम लोग यहां आए हैं.

Last Updated : Jun 26, 2020, 5:41 PM IST
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