वाराणसी: प्रदेश की धार्मिक राजधानी कही जाने वाली काशी को गुरु और शिष्य परंपरा का शहर भी कहा जाता है.मंगलवार को इसकी बेजोड़ मिसाल तब देखने को मिली जब जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती अपने गुरु और काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष प्रो रामयत्न शुक्ल के शंकुधारा पोखरा स्थित आवास पर पहुंचे. उन्होंने पद्मश्री सम्मान मिलने पर उनका अभिनंदन किया. इस दौरान उनके बीच श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण पर भी चर्चा हुई.
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कौन-कौन से सम्मान से विभूषित हुए हैं प्रो रामयत्न शुक्ल
प्रो रामयत्न शुक्ल को राष्ट्रपति पुरस्कार, केशव पुरस्कार, महामहोपाध्याय पुरस्कार, वाचस्पति पुरस्कार, भाव भावेश्वर राष्ट्रीय पुरस्कार, अभिनव पालनी पुरस्कार, विशिष्ट पुरस्कार, कर पात्र रत्न पुरस्कार, सरस्वती पुत्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. अब उन्हें सरकार ने पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
और पहले मिलना चाहिए था सम्मान
शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा यह सम्मान और पहले ही होना चाहिए था, लेकिन जब बाबा विश्वनाथ की कृपा होती है तब ही कुछ होता है.उन्होंने कहा प्रो रामयत्न शुक्ल को पद्मश्री सम्मान मिलना हम सब के लिए गौरव का विषय है. उन्होंने बताया कि प्रयागराज से चलकर वह अपने गुरु के दर्शन और बातचीत के लिए काशी आए हैं. उन्होंने बताया कि काशी में और कोई कार्यक्रम नहीं है. वह यहां से वापस प्रयाग लौट जाएंगे.