वाराणसी: आज अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन हर तरफ योगमय माहौल रहा. योग को अन्तरराष्ट्रीय पटल पर ले जाने वाले काशी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में भी अद्भुत नजारा दिखा. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पहली बार योग का कार्यक्रम किया गया. यहां पर सुबह करीब एक हजार लोगों ने एकसाथ योग किया. इसके साथ ही काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से लेकर काशी घाटों पर योगमय माहौल दिखाई दिया.
बता दें कि आज अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर भगवान शिव की नगरी काशी में भी योग दिवस मनाया गया. सबसे खास बात ये रही कि आदियोगी के दर पर ही इस योग का आयोजन भी किया गया. जी हां! भगवान शिव के दर यानी बाबा विश्वनाथ धाम में योग का कार्यक्रम किया गया था. ऐसा पहली बार हुआ, जब यहां पर योग का कार्यक्रम किया गया. इस दौरान शहर भर से स्कूलों व अन्य संस्थानों के करीब एक हजार लोग यहां पर आए हुए थे.
काशी के घाटों पर नजर आया योग के प्रति उत्साह
इसके साथ ही काशी के गंगा किनारे घाटों पर भी ऐसा ही माहौल नजर आया. दशाश्वमेध घाट, नमो घाट, अस्सी घाट, रविदास घाट, राजघाट, सिंधिया घाट पर योगासन का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस योगा कार्यक्रम में स्कूल, कॉलेज, अन्य संस्थानों के साथ ही सरकारी विभागों के कर्मचारी शामिल हुए. घाटों और पार्कों में आयुष विभाग जिला प्रशासन के साथ मिलकर इसका आयोजन करा रहा था. आज भी आयुष विभाग द्वारा इस कार्यक्रम को कराया गया. यहां पर सभी में योग के प्रति उत्साह नजर आया.
BHU में छात्रों ने स्वीमिंग पूल में किया योगा
बात अगर काशी के सबसे बड़े शिक्षण संस्थान काशी हिन्दू विश्वनविद्यालय की करें तो यहां पर भी योग का एक अभूतपूर्व प्रदर्शन देखने को मिला. आज के मौके पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में छात्रों ने जलयोग किया. इन छात्रों ने स्वीमिंग पूल में खड़े होकर करीब आधे घंटे तक अभ्यास किया. तरण ताल में विश्वविद्यालय के 75 छात्रों ने जल में योग के पांच प्रणायाम किए. वहीं, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के ही मालवीय भवन में सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राओं के साथ-साथ अध्यपकों ने भी योग किया.
पीएम मोदी ने योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया
आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र ने कहा कि योग का आज पूरा विश्व समर्थन कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही प्रयास रहा है कि हम आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहे हैं. वाराणसी में इसका भव्य आयोजन सभी लोग देख रहे हैं. काशी विश्वनाथ कॉरीडोर में इसका आयोजन बहुत बड़ी सफलता है. उन्होंने कहा कि आयुष विभाग इसके लिए पहले से ही तैयारियां कर रहा था. विभाग द्वारा वाराणसी के प्रमुख पार्कों और घाटों पर लोगों को योग के लिए प्रेरित किया जा रहा था. आज उसका भी नतीजा है कि लोगों ने अपनी सहभागिता दिखाई है.
नमामि गंगे की टीम ने गंगा में जलयोग के दौरान पद्मासन, अनुलोम-विलोम, सूर्य नमस्कार जैसी जल में की जाने वाली तमाम योग क्रियाओं का प्रदर्शन कर कार्यकर्ताओं ने जल संरक्षण एवं विश्वकल्याण की कामना की. वहीं, आम जनता से अपील की गई कि अब समय आ गया है कि हम लोग स्वच्छता को धर्म बनाएं. स्वच्छता को अपना संस्कार बनाएं और इन संस्कारों के जरिए हम स्वयं को पर्यावरण से जोड़ सकते हैं.
नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि जल के लिए जनाधार का उपयोग करके जलयोग करने की जरूरत है. जल योग सबसे बड़ा योग होने वाला है. यदि जल नहीं होगा तो न योग होगा, न ध्यान होगा और न ही कोई क्रिया होगी. इसलिए जल को सुरक्षित और संरक्षित रखना नितांत आवश्यक है. आने वाले समय में जो समस्याएं बढ़ती जा रही हैं, उसके लिए जल शक्ति को बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि योगमय जीवन पद्धति ने समूचे विश्व को एक परिवार की तरह जोड़ कर रखा है.
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